पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में जमीन विवाद में डबल मर्डर मामले की सुनवाई करते हुए शनिवार को कोर्ट ने 35 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. यह अब तक की सबसे बड़ी सजा है. एक मामले में एक बार में इतने सारे अभियुक्तों को सजा सुनाई गई, वो भी सभी को उम्रकैद दिया गया है. यह फैसला आने के बाद इस मामले की पूरे कचहरी परिसर में चर्चा होती रही. सबकी जुबान पर बेगमपुर गांव की घटना की ही जिक्र था.
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चार आरोपियों की हो चुकी है मौत: जानकारी देते हुए व्यवहार न्यायालय के अपर लोक अभियोजक ओम प्रकाश पासवान ने बताया कि के नगर थाना क्षेत्र के बेगमपुर में चाचा भतीजा की हत्या के मामले में 5 एडिशनल जज राजीव रंजन ने केस की सुनवाई करते हुए 35 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही साथ 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 40 नामजद लोगों में 4 की मौत हो चुकी है. वहीं एक को नाबालिग घोषित किया गया था. मोहम्मद जमीलउद्दीन और मजहर आलम के परिवार को 10 साल के बाद व्यवहार न्यायालय से न्याय मिली.
"के नगर थाना क्षेत्र के बेगमपुर में चाचा भतीजा की हत्या के मामले में 5 एडिशनल जज राजीव रंजन ने केस की सुनवाई करते हुए 35 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही साथ 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 40 नामजद लोगों में 4 की मौत हो चुकी है. वहीं एक को नाबालिक घोषित किया गया था" - ओम प्रकाश पासवान, अपर लोक अभियोजक, पूर्णिया
10 साल पहले चाचा भतीजा की हुई थी हत्या : दरअसल, जिले के के नगर थाना क्षेत्र के बेगमपुर गांव में 30 जनवरी 2013 को जमीन विवाद में चाचा-भतीजे की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. मृतक की पहचान मोहम्मद जमीलउद्दीन और अजहर आलम के रूप में की गई थी. घटना के बाद मृतक के परिवार वालों ने गांव के ही 40 लोगों को हत्या का नामजद अभियुक्त बनाया था. इस बाबत स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया गया था. उसी मामले में व्यवहार न्यायालय ने 35 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है.