Independence Day : इस समय पूरे भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. भारत इस वर्ष अपना 77 वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा.15 अगस्त 1947 के दिन ही भारत 200 वर्षों की गुलामी के बाद आजाद हुआ था. यूं तो स्वतंत्रता दिवस पर देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं लेकिन सभी कार्यक्रमों का मुख्य आकर्षण ध्वजारोहण होता है. ध्वजारोहण में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है.
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Indian National Flag तीन रंगों से बना हुआ झंडा होता है, जिसे सभी भारतवासी तिरंगा कहते हैं. तिरंगे झंडे की डिजाइन-रंगो के ऐतिहासिक महत्व हैं. जैसा कि हम सब जानते हैं तीन रंग वाले इस झंडे में सबसे ऊपर होता है केसरिया, बीच में होता है सफेद और सबसे नीचे हरा रंग होता है. केसरिया रंग प्रतीक होता है साहस बलिदान और त्याग का. सफेद रंग शांति का प्रतीक है, यह सत्य और पवित्रता का भी प्रतीक माना जाता है. भारत की विविधता और उसकी एकता का भी प्रतीक है. हरा रंग हरियाली और समृद्धि का भी प्रतीक है, इसलिए तिरंगे झंडे में हरे रंग को भी प्राथमिकता दी गई है.
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तिरंगे झंडे के बीचों-बीच गहरे नीले रंग का 24 तीलियों वाला एक चक्र होता है जिसे हम अशोक चक्र कहते हैं, जो की निरंतरता और गतिशीलता का प्रतीक है. यह प्राचीन अशोक स्तंभ से प्रेरित है. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान और पवित्रता बनी रहे इसके लिए भारतीय ध्वज संहिता जारी की गई है. भारतीय मानक ब्यूरो और भारतीय ध्वज संहिता के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. जिससे भारतीय ध्वज का सम्मान और गरिमा हमेशा बनी रहे. आइए जानते हैं ध्वजारोहण में ध्यान रखने योग्य बातें और सावधानियां.
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- सभी नागरिक अपने निजी परिसरों में झंडा फहरा सकते हैं.
- आम नागरिक, निजी संगठन और शैक्षणिक संस्थान भारतीय ध्वज को गरिमा और पूर्ण सम्मान के साथ सभी दिनों और अवसरों पर फहरा सकते हैं.
- तिरंगे के प्रति सम्मान को प्रेरित करने के लिए सभी स्कूलों, कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थानों, खेल शिविरों और एनसीसी-स्काउट आदि के शिविरों में भी इसे फहराया जाता है.
- Tiranga झंडा किसी भी आकार का हो सकता है किंतु इसका अनुपात 3:2 आयताकार में होना चाहिए.
- तिरंगे को 24 घंटे के लिए किसी भी समय, किसी भी व्यक्ति के घर परिसर में फहराया जा सकता है,
- तिरंगे को फहराते समय सबसे जरूरी है उसको सही तरीके से फहराया जाए, जैसे कि केसरिया रंग सबसे ऊपर होना चाहिए.
- Indian National Flag फहराते समय जमीन और पानी को नहीं छूना चाहिए.
- Tiranga फहराते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए की किसी भी हाल में कोई अन्य झंडा तिरंगे से ऊपर नहीं होना चाहिए.
- अगर झंडा कटा-फटा या छतिग्रस्त है तो उस को सम्मान के साथ रख दें और इस्तेमाल न करें.
- भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार कटे-फटे झंडे को निजी तौर पर सम्मान के साथ जलाकर नष्ट कर देना चाहिए.
- यदि Tiranga झंडा कागज का बना हो तो यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसे जमीन पर न फेंका जाए.
- तिरंगे झंडे का इस्तेमाल सांप्रदायिक तौर पर या निजी इस्तेमाल के कपड़े के तौर पर या प्रतीक के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए.
- जहां तक संभव हो तिरंगे को सभी मौसम में सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाना चाहिए, क्षतिग्रस्त, फटा एवं रंगविहीन झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए.
- कभी भी झंडे को आधा नहीं फहराना चाहिए जबतक कि सरकार द्वारा आदेश ना जारी किया जाए.
- झंडे में कोई नारा या कोई वाक्य नहीं लिखना चाहिए और इसमें कोई चित्र आदि जोड़कर इस विकृत ना किया जाए.
- जब तक रोशनी की उचित व्यवस्था ना हो तबतक झंडे को नहीं फहराया जाना चाहिए.
- यदि झंडा इस्तेमाल नहीं किया जा रहा हो तो उसे सम्मान पूर्वक मोड़कर सुरक्षित रखा जाना चाहिए.