चेन्नई : तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक सी. सिलेंद्र बाबू द्वारा गठित विशेष पुलिस दल (जिसका नाम 'ऑपरेशन डिसआर्म' है) ने 900 से अधिक हथियार जब्त किए हैं. शुक्रवार, शनिवार और रविवार की सुबह की गई छापेमारी में दक्षिण तमिलनाडु में 2,500 उपद्रवी तत्वों को पकड़ा गया है. बता दें, इस अभियान में अब तक 3,325 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
इस ऑपरेशन में पुलिस द्वारा गिरफ्तार अपराधियों के पास से कुल 117 आग्नेयास्त्रों को जब्त किया गया, जिसमें 7 देशी बंदूकें और चाकू सहित 110 अन्य हथियार शामिल हैं. पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि हत्या करने वाले उपद्रवियों पर पुलिस कार्रवाई जारी रखेगी.
गौरतलब है कि तमिलनाडु पुलिस महानिदेशक के कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी. जिसमें कहा गया था कि तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक सी. सिलेंद्र बाबू के आदेश पर 23 सितंबर की रात से पूरे तमिलनाडु में एक अभियान चलाया जा रहा है.
इस ऑपरेशन के 52 घंटे में, राज्य भर में 21,592 पूर्व अपराधियों पर मुकदमा चलाया गया है और 3,325 को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसमें 294 को लंबित अदालती मामलों के तहत गिरफ्तार किया गया और विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल 972 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. 2,526 लोगों को जमानत पर रिहा किया गया है.
डीजीपी ने मदुरै में पुलिस अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक में उन्हें हत्या के उन मामलों की जांच करने का निर्देश दिया, जो दस साल पुराने भी थे. उन्होंने अधिकारियों से इन जिलों में उपद्रवी तत्वों के आवासों और परिसरों पर नियमित छापेमारी करने का भी आह्वान किया था.
डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों से उन लोगों को भी गिरफ्तार करने को कहा जो संभावित जवाबी हमले में शामिल हो सकते हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि डीजीपी ने उन्हें रात्रि गश्त तेज करने और आने वाले दिनों में कोई अप्रिय घटना नहीं होने देने के भी निर्देश दिए हैं.
बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ डीएसपी के अनुसार, डीजीपी इन जिलों में एक के बाद एक हत्याओं और 1990 के दशक के मध्य में दक्षिण तमिलनाडु में वर्चस्व वाले जाति युद्धों के पुनरुत्थान को लेकर गुस्से में थे.
एक विदेशी विश्वविद्यालय में समाजशास्त्री और प्रोफेसर एम.के. मदुरै के रहने वाले कृष्णन ने कहा, पुलिस को कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी.
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उन्होंने कहा, मौजूदा द्रमुक सरकार की शुरूआत अच्छी रही है, लेकिन युवाओं के दिमाग में जातियों के झगड़ों की व्यर्थता के बारे में जागरूकता पैदा करनी होगी और इसके लिए अच्छी शिक्षा बहुत जरूरी है. सिर काटने वाले इन युवाओं को इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी.
(आईएएनएस)