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डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने की तैयारी, हिंदुस्तान जिंक खर्च करेगी एक अरब डॉलर

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Published : Jul 30, 2021, 6:43 PM IST

पर्यावरण और डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए इलेक्ट्रिक वाहन लोगों की पसंद बनते जे रहे हैं. इसको देखते हुए खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने अगले पांच वर्षों में डीजल से चलने वाले वाहनों और उपकरणों को बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने को फैसला किया है, जिसके लिए कंपनी करीब एक अरब डॉलर का निवेश करेगी.

इलेक्ट्रिक वाहन
इलेक्ट्रिक वाहन

नई दिल्ली : खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Limited - HZL) के CEO अरुण मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी अगले पांच वर्षों में अपनी आठ खदानों में डीजल से चलने वाले वाहनों और उपकरणों को बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों (battery electric vehicles) से बदलने के लिए करीब एक अरब डॉलर (करीब 7,440 करोड़ रुपये) निवेश करेगी.

कंपनी ने भूमिगत खनन में बैटरी चालित सेवा उपकरण हासिल करने के लिए प्रौद्योगिकी फर्म नॉर्मेट ग्रुप ओए के साथ एक समझौता किया है और वह पहले चरण में अपनी भूमिगत खदानों में तीन नॉर्मेट स्मार्टड्राइव ईवी - स्प्रेमेक, एजिटेटर और चार्मेक को तैनात करेगी.

मिश्रा ने कहा, 'हमारे पास अपने सभी मौजूदा उपकरणों को बदलने के लिए अगले पांच वर्षों की समय सीमा है. जब भी मौजदा वाहनों को बदलने की जरूरत होगी, उन्हें बैटरी से चलने वाले उपकरणों से बदल दिया जाएगा, ताकि पांच से छह वर्षों में हमारी खदानें डीजल संचालित उपकरणों से मुक्त हो सकें. हमारे पास ऐसे वाहन 10, 20 नहीं, बल्कि सैकड़ों हैं.'

यह पूछने पर कि इस कवायद में कंपनी कितना निवेश करेगी, उन्होंने कहा, 'यह प्रतिवर्ष 20 से 25 करोड़ डॉलर तक जा सकता है और पांच साल की समय सीमा के लिए यह लगभग एक अरब डॉलर होगा.'

एचजेडएल ने अपनी भूमिगत खानों में इलेक्ट्रिक वाहनों के एक और बेड़े को शामिल करने के लिए इस साल की शुरुआत में एपिरोक रॉक ड्रिल्स एबी के साथ एक समझौता किया था.

पढ़ें : देश में इलेक्ट्रिक वाहन के प्रति बढ़ रही दीवानगी, 90 फीसदी उपभोक्ता अधिक खर्च करने के लिए तैयार

मिश्रा ने कहा कि नॉर्मेट के साथ साझेदारी सहायक उपकरणों के लिए है. उन्होंने कहा, 'ऐसे में दोनों मिलकर एक खदान के खनन परिचालन खंड को पूरा करेंगे. हमारे पास (भारत में) आठ खदानें हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Limited - HZL) के CEO अरुण मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी अगले पांच वर्षों में अपनी आठ खदानों में डीजल से चलने वाले वाहनों और उपकरणों को बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों (battery electric vehicles) से बदलने के लिए करीब एक अरब डॉलर (करीब 7,440 करोड़ रुपये) निवेश करेगी.

कंपनी ने भूमिगत खनन में बैटरी चालित सेवा उपकरण हासिल करने के लिए प्रौद्योगिकी फर्म नॉर्मेट ग्रुप ओए के साथ एक समझौता किया है और वह पहले चरण में अपनी भूमिगत खदानों में तीन नॉर्मेट स्मार्टड्राइव ईवी - स्प्रेमेक, एजिटेटर और चार्मेक को तैनात करेगी.

मिश्रा ने कहा, 'हमारे पास अपने सभी मौजूदा उपकरणों को बदलने के लिए अगले पांच वर्षों की समय सीमा है. जब भी मौजदा वाहनों को बदलने की जरूरत होगी, उन्हें बैटरी से चलने वाले उपकरणों से बदल दिया जाएगा, ताकि पांच से छह वर्षों में हमारी खदानें डीजल संचालित उपकरणों से मुक्त हो सकें. हमारे पास ऐसे वाहन 10, 20 नहीं, बल्कि सैकड़ों हैं.'

यह पूछने पर कि इस कवायद में कंपनी कितना निवेश करेगी, उन्होंने कहा, 'यह प्रतिवर्ष 20 से 25 करोड़ डॉलर तक जा सकता है और पांच साल की समय सीमा के लिए यह लगभग एक अरब डॉलर होगा.'

एचजेडएल ने अपनी भूमिगत खानों में इलेक्ट्रिक वाहनों के एक और बेड़े को शामिल करने के लिए इस साल की शुरुआत में एपिरोक रॉक ड्रिल्स एबी के साथ एक समझौता किया था.

पढ़ें : देश में इलेक्ट्रिक वाहन के प्रति बढ़ रही दीवानगी, 90 फीसदी उपभोक्ता अधिक खर्च करने के लिए तैयार

मिश्रा ने कहा कि नॉर्मेट के साथ साझेदारी सहायक उपकरणों के लिए है. उन्होंने कहा, 'ऐसे में दोनों मिलकर एक खदान के खनन परिचालन खंड को पूरा करेंगे. हमारे पास (भारत में) आठ खदानें हैं.'

(पीटीआई-भाषा)

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