पटना: तरेत पाली मठ में बाबा बागेश्वर का दिव्य दरबार सजा हुआ है. आयोजकों की ओर से डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी निमंत्रण गया हुआ है. जब मीडियाकर्मियों ने तेजस्वी यादव से पूछा कि क्या वो बागेश्वर बाबा के दिव्य दरबार में हाजिरी लगाने जाएंगे? तो उन्होंने अपनी और नीतीश सरकार की व्यस्तता का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि काम होने के चलते वो वहां नहीं जा पाएंगे. उनके पास ऐसे बहुत निमंत्रण आते रहते हैं.
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'हम व्यस्त हैं..' : 'तेजस्वी यादव को बागेश्वर बाबा का निमंत्रण' में जाने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वो खुद ही व्यस्त हैं. हम लोग प्रदेश की जनता के विकास के काम के लिए और प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए व्यस्त हैं. पूरी सरकार विकास कार्यों में लगी हुई है. कितना निमंत्रण हम लोग के यहां आता रहता है. उससे हम लोग कोई फर्क नहीं है. हमारा एकमात्र लक्ष्य की जनता की भलाई है. वहीं हम अपना वक्त देते हैं जिससे जनता की भलाई हो.
'हनुमान की गदा सिर्फ कर्नाटक तक ही सीमित नहीं': कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि ''जो लोग समाज में दंगा, फसाद, लड़ाई, झगड़ा, मतभेद करते हैं, उन सब को सबक सिखाएंगे. हनुमान जी की गदा कर्नाटक तक सीमित नहीं रहेगी.''
'दमदारी से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव': गौरतलब है कि तेजस्वी यादव पार्टी के राज्य कार्यालय में पार्टी के सभी जिलाध्यक्ष और जिला महासचिव की बैठक में अपना संबोधन देने आए थे. जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के सभी जिला स्तरीय नेताओं को आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मजबूती के साथ लड़ने की बात कही. साथ ही साथ उन्होंने जनता से भी सीधे जुड़ाव रखने को कहा.
हां और ना के बीच सजा बाबा का दिव्य दरबार: बता दें कि नौबतपुर के तरेत पाली मठ में बागेश्वर बाबा का दिव्य दरबार लगा हुआ है. बाबा 13 मई से 17 मई तक इसी स्थान पर हनुमत कथा कह रहे हैं साथ ही दिव्य दरबार में लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निवारण भी कर रहे हैं. रविवार को ज्यादा संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने और अत्यधिक गर्मी की वजह से वहां पहुंचने वाले लोगों की तबीयत खराब होने लगी. इसलिए बागेश्वर बाबा ने समय से पहले ही कथा को रोककर तीसरे दिन का कार्यक्रम समाप्त कर दिया था. साथ ही ये घोषणा कर दी थी कि कम संख्या में लोग कथा में शामिल हों. आज सुबह आयोजक तेजस्वी यादव से मिले और उन्हें निमंत्रण भी दिया जिसके बाद हां और ना की जद्दोजहद के बीच दिव्य दरबार लगाया गया.