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एक और दलित युवक पर मंदिर में प्रवेश करने पर जुर्माना

कर्नाटक के कोप्पल स्थित मंदिर में प्रवेश करने पर एक दलित युवक से 11, 000 रुपये वसूलने का मामला सामने आया है. आराेपी फरार बताया गया है.

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Published : Sep 27, 2021, 9:17 PM IST

कोप्पल : राज्य के कोप्पल स्थित मंदिर में प्रवेश करने पर एक दलित युवक को रोकने वाला आरोपी फरार हो गया. कराटागी थाने के पीएसआई यालप्पा ने कहा कि कोप्पल में कराटागी तालुक के नागनाकल गांव में लक्ष्मी देवी मंदिर में प्रवेश करने से मंदिर प्रबंधन ने एक दलित व्यक्ति को रोका है.

साथ ही युवक पर 11, 000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, घटना 16 सितंबर की है और 24 सितंबर को सामने आई. घटना को लेकर मंदिर के पुजारी और मंदिर प्रबंधन के सदस्यों समेत 8 लोगों के खिलाफ कराटागी थाने में मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. पीएसआई यालप्पा आरोपी फरार है और उनकी तलाश जारी है.

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने भी गांव का दौरा किया और पीड़ित से बात की. मीडिया से बात करते हुए समाज कल्याण विभाग तालुक अधिकारी तुगलेप्पा देसाई ने कहा कि यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. पहले तो पीड़ित ने झूठ बोला कि उसने मंदिर को दान के रूप में पैसे दिए थे, लेकिन जब हमने गांव जाकर गांव वालों से बात की तो पता चला कि पैसा जुर्माना के रूप में दिया गया है. पुलिस अधिकारी आगे की जांच कर रहे हैं.

कुश्तगी तालुक में 4 सितंबर को भी यही घटना

इसी तरह की एक और घटना 4 सितंबर को कोप्पल जिले के कुश्तगी तालुक के मियापुर गांव में हुई, जहां एक दलित माता-पिता (चन्नादासरा समुदाय से संबंधित) ने अपने ढाई साल के बेटे के जन्मदिन पर हनुमान मंदिर में प्रवेश करने पर 23,000 रुपये का जुर्माना लगाया. कुश्तगी थाने में मामला दर्ज किया गया था.

मंदिर की सफाई के लिए दलित परिवार से जुर्माना वसूलने के आरोप में एक पुजारी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कर्नाटक राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग ने घटना के संबंध में कोप्पल डीसी और एसपी से व्यापक रिपोर्ट मांगी है.

इसे भी पढ़ें : कर्नाटक : दलित परिवार पर 23 हजार रुपये का जुर्माना, बेटे के मंदिर में घुसने की मिली सजा

कोप्पल : राज्य के कोप्पल स्थित मंदिर में प्रवेश करने पर एक दलित युवक को रोकने वाला आरोपी फरार हो गया. कराटागी थाने के पीएसआई यालप्पा ने कहा कि कोप्पल में कराटागी तालुक के नागनाकल गांव में लक्ष्मी देवी मंदिर में प्रवेश करने से मंदिर प्रबंधन ने एक दलित व्यक्ति को रोका है.

साथ ही युवक पर 11, 000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, घटना 16 सितंबर की है और 24 सितंबर को सामने आई. घटना को लेकर मंदिर के पुजारी और मंदिर प्रबंधन के सदस्यों समेत 8 लोगों के खिलाफ कराटागी थाने में मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. पीएसआई यालप्पा आरोपी फरार है और उनकी तलाश जारी है.

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने भी गांव का दौरा किया और पीड़ित से बात की. मीडिया से बात करते हुए समाज कल्याण विभाग तालुक अधिकारी तुगलेप्पा देसाई ने कहा कि यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. पहले तो पीड़ित ने झूठ बोला कि उसने मंदिर को दान के रूप में पैसे दिए थे, लेकिन जब हमने गांव जाकर गांव वालों से बात की तो पता चला कि पैसा जुर्माना के रूप में दिया गया है. पुलिस अधिकारी आगे की जांच कर रहे हैं.

कुश्तगी तालुक में 4 सितंबर को भी यही घटना

इसी तरह की एक और घटना 4 सितंबर को कोप्पल जिले के कुश्तगी तालुक के मियापुर गांव में हुई, जहां एक दलित माता-पिता (चन्नादासरा समुदाय से संबंधित) ने अपने ढाई साल के बेटे के जन्मदिन पर हनुमान मंदिर में प्रवेश करने पर 23,000 रुपये का जुर्माना लगाया. कुश्तगी थाने में मामला दर्ज किया गया था.

मंदिर की सफाई के लिए दलित परिवार से जुर्माना वसूलने के आरोप में एक पुजारी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कर्नाटक राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग ने घटना के संबंध में कोप्पल डीसी और एसपी से व्यापक रिपोर्ट मांगी है.

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