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Sanatana Dharma Row: आरा में उदयनिधि स्टालिन पर परिवाद दायर, सनातन धर्म पर दिया था विवादित बयान

सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन का बयान इन दिनों काफी सुर्खियों में है. बयान आने के बाद से ही लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. जिसको लेकर अब आरा व्यवहार न्यायालय एक वकील ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे युवा कल्याण एवं खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ एक परिवाद पत्र दाखिल किया है.

उदयनिधि स्टालिन
उदयनिधि स्टालिन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 9:04 AM IST

भोजपुरः सनातन धर्म पर टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु सीएम के बेटे उदयनिधि स्टालिन की समस्या बढ़ती जा रही है. बिहार के मुजफ्फरपुर के बाद अब आरा में भी उनके खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल किया गया है. हिन्दू धर्म के खिलाफ बयान देने के बाद उन्हें लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है. उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ अब आरा कोर्ट में जिला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) के यहां परिवाद पत्र दाखिल किया गया है.

ये भी पढ़ेंः Remark on Sanatan Dharma : मुजफ्फरपुर कोर्ट में तमिलनाडु सीएम और उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन पर परिवाद दायर

परिवाद पत्र में कही गई ये बातः परिवाद पत्र दाखिल करने वाले अधिवक्ता धरनीधर पांडेय ने अपनी शिकायत में कहा है कि मैं सनातन धर्म का अनुयायी हूं और उदयनिधि स्टालिन के द्वारा दिए गए "घृणास्पद भाषण" से व्यथित हूं. परिवाद पत्र के माध्यम से यह बात बताई गई है कि उदयनिधि स्टालिन की भाषण ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. हिंदू धर्म के अनुयायियों का अपमान किया और धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच धर्म विभेद का काम किया है.

उदयनिधि स्टालिन के बयान से आहत हैं अधिवक्ताः तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्री के पद पर आसीन उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में सनातन उन्मूलन परिसंवाद कार्यक्रम वक्ता के रूप में उपस्थित थे. जहां, उन्होंने आपराधिक आशय से जनसैलाब को संबोधित करते हुए सनातन धर्म को डेंगू, कोरोना वायरस और मलेरिया जैसे शब्दों से संबोधित करते हुए उन्मूलन यानी समाप्त करने के वक्तव्यों के साथ जनसमूह को भड़काया, जो विद्वेषपूर्ण भावना से वर्गों के बीच शत्रुता का समर्थन कर राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछनपूर्ण भाषण दिया है.

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला था बयानः वहीं, अधिवक्ता धरनीधर पांडेय ने जुर्म दफा 120 (B), 153 (A), 153 (B), 295 (A) तथा 298 के अंतर्गत परिवाद पत्र दाखिल किया है. परिवाद पत्र में उदयनिधि स्टालिन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, घृणा उत्पन्न करने वाला, वर्ग विभेद पैदा करने वाला और राष्ट्रीय एकता तथा अखंडता को खंडित करने वाला बताया गया है. गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने तमिलनाडु में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया या कोरोना की तरह खत्म करना होगा. तमिलनाडु के खेल और युवा मामलों के मंत्री ने कहा था, "इसका (सनातन धर्म) विरोध करने के बजाय इसे खत्म करना होगा, क्योंकि यह लोगों को जातियों में बांटता है और भेदभाव को बढ़ावा देता है.

भोजपुरः सनातन धर्म पर टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु सीएम के बेटे उदयनिधि स्टालिन की समस्या बढ़ती जा रही है. बिहार के मुजफ्फरपुर के बाद अब आरा में भी उनके खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल किया गया है. हिन्दू धर्म के खिलाफ बयान देने के बाद उन्हें लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है. उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ अब आरा कोर्ट में जिला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) के यहां परिवाद पत्र दाखिल किया गया है.

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परिवाद पत्र में कही गई ये बातः परिवाद पत्र दाखिल करने वाले अधिवक्ता धरनीधर पांडेय ने अपनी शिकायत में कहा है कि मैं सनातन धर्म का अनुयायी हूं और उदयनिधि स्टालिन के द्वारा दिए गए "घृणास्पद भाषण" से व्यथित हूं. परिवाद पत्र के माध्यम से यह बात बताई गई है कि उदयनिधि स्टालिन की भाषण ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. हिंदू धर्म के अनुयायियों का अपमान किया और धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच धर्म विभेद का काम किया है.

उदयनिधि स्टालिन के बयान से आहत हैं अधिवक्ताः तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्री के पद पर आसीन उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में सनातन उन्मूलन परिसंवाद कार्यक्रम वक्ता के रूप में उपस्थित थे. जहां, उन्होंने आपराधिक आशय से जनसैलाब को संबोधित करते हुए सनातन धर्म को डेंगू, कोरोना वायरस और मलेरिया जैसे शब्दों से संबोधित करते हुए उन्मूलन यानी समाप्त करने के वक्तव्यों के साथ जनसमूह को भड़काया, जो विद्वेषपूर्ण भावना से वर्गों के बीच शत्रुता का समर्थन कर राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछनपूर्ण भाषण दिया है.

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला था बयानः वहीं, अधिवक्ता धरनीधर पांडेय ने जुर्म दफा 120 (B), 153 (A), 153 (B), 295 (A) तथा 298 के अंतर्गत परिवाद पत्र दाखिल किया है. परिवाद पत्र में उदयनिधि स्टालिन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, घृणा उत्पन्न करने वाला, वर्ग विभेद पैदा करने वाला और राष्ट्रीय एकता तथा अखंडता को खंडित करने वाला बताया गया है. गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने तमिलनाडु में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि सनातन धर्म को मच्छर, डेंगू, मलेरिया या कोरोना की तरह खत्म करना होगा. तमिलनाडु के खेल और युवा मामलों के मंत्री ने कहा था, "इसका (सनातन धर्म) विरोध करने के बजाय इसे खत्म करना होगा, क्योंकि यह लोगों को जातियों में बांटता है और भेदभाव को बढ़ावा देता है.

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