नई दिल्ली: लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में CBI ने राउज एवेन्यू कोर्ट को गुरुवार को बताया कि केंद्र सरकार से मामले में आरोपित रेलवे के तीन पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मिल गई है. विशेष सीबीआई जज गीतांजलि गोयल ने जांच एजेंसी का बयान नोट करते हुए मामले की सुनवाई 22 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी.
अदालत मामले में बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव के खिलाफ CBI की ओर से दाखिल चार्जशीट पर भी शुक्रवार को संज्ञान लेगी. कोर्ट संज्ञान लेने पर तेजस्वी को समन जारी कर सकती है. समन जारी होने पर उनको जमानत लेनी होगी. इससे पहले 12 सितंबर को जांच एजेंसी ने कोर्ट को पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की केंद्र सरकार से अनुमति मिलने की जानकारी दी थी.
पहली बार चार्जशीट में तेजस्वी का आया था नामः CBI ने तीन जुलाई को दायर दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के तत्कालीन जीएम, डब्ल्यूसीआर के दो सीपीओ सहित 17 लोगों को आरोपित बनाया है. इस मामले में दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पहली बार तेजस्वी का नाम सामने आया था. पूरा मामला पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के 2004 से 2009 के दौरान रेल मंत्री रहते हुए मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित पश्चिमी मध्य क्षेत्र में की गई रेलवे की ग्रुप डी भर्तियों से जुड़ा है.
लालू यादव समेत अन्य आरोपितों पर अभ्यर्थियों से जमीन लेकर नौकरी देने का सीबीआई ने आरोप लगाया है. यह भी आरोप लगाया गया कि जोनल रेलवे में एक व्यक्ति की जगह दूसरे को नौकरी देने की ऐसी नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, फिर भी जो नियुक्त व्यक्ति पटना के निवासी थे, उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था. इस मामले में CBI ने दिल्ली और बिहार आदि सहित कई स्थानों पर तलाशी ली थी.