नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार ने दो बच्चों की जनसंख्या नीति (two child policy) के मसौदे की घोषणा कर दी है. इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि एक बच्चे पर माता-पिता को पुरस्कृत भी किया जाएगा. लेकिन आरएसएस ने इस प्रावधान पर आपत्ति जताई है. अब केंद्र सरकार भी नई जनसंख्या नीति लाने की तैयारी कर रही है.
साल 2019 में भाजपा सांसद राकेश सिन्हा (Rakesh Sinha) ने 'दो बच्चों की नीति' से संबंधित विधेयक को प्राइवेट मेम्बर बिल के रूप में पेश किया था, जिसपर इस मानसून सत्र में छह अगस्त को सरकार चर्चा करा सकती है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में राकेश सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक बार लाल किले की प्राचीर से जनसंख्या नियंत्रण पर संतुलन करने की बात कही थी और कहा था कि संसाधनों के हिसाब से जनसंख्या का भी संतुलन होना चाहिए. लेकिन, अगर देखा जाए तो संसाधन और जनसंख्या के बीच काफी असंतुलन है.
उन्होंने कहा कि पारिस्थितिक (Ecological) रूप से भी अगर देखा जाए तो इस अंतर को कम करने के लिए समाज के लिए जनसंख्या और संसाधन में संतुलन बनाना बहुत ही जरूरी है.
भाजपा सांसद ने कहा कि दो बच्चों की नीति पर कई पार्टियां सहमत हैं और जो इसपर आपत्ति कर रहे वो इस कानून को धार्मिक चश्मे से देख रहें. मगर मेरा कहना है कि इस नियम को धार्मिक चश्मे से देखना बिल्कुल सही नहीं है. कुछ छोटे समूह इसे धार्मिक चश्मे से देखने की कोशिश कर रहे हैं और सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह बात सही नहीं है.
संघ की आपत्ति पर सिन्हा का बयान
उत्तर प्रदेश में नई जनसंख्या नीति के मसौदे में एक बच्चा होने पर पुरस्कृत करने के प्रावधान पर संघ की आपत्ति पर सिन्हा ने कहा कि जहां तक मेरे बिल में प्रावधान है उसमें एक बच्चे पर पुरुस्कृत करने की बात नहीं है. साथ ही इस बिल में प्रावधान किया गया है कि 18 महीने तक इसमें आपत्तियां दर्ज की जा सकती हैं. मगर संघ की जहां तक आपत्तियां हैं उस पर संसोधसन होना चाहिए.
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जनसंख्या नीति के संबंध में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर उन्होंने कि नीतीश कुमार ने कोई गलत बात नहीं कही है. जनसंख्या नियंत्रण पर लोगों को और जागरूक करने की जरूरत है और कानून बनाने के साथ ही जागरुकता भी आएगी.