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Nitish Kumar Security Breach: CM नीतीश के सुरक्षा घेरे में घुसा बाइकर, क्यों बार-बार होती है सिक्योरिटी में चूक? - Attack on Nitish Kumar

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है. गुरुवार को सीएम जब मॉर्निंग वॉक करने निकले थे, तभी उनकी सुरक्षा घेरा तोड़कर एक बाइक सवार घुस गया. इसके बाद उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मियों ने उसे पकड़ लिया. इससे पहले भी कई बार सुरक्षा में बड़ी चूक हो चुकी है, जिसके बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था बदली गई. पढ़ें पूरी खबर..

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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Published : Jun 15, 2023, 1:45 PM IST

Updated : Jun 15, 2023, 7:44 PM IST

देखें रिपोर्ट.

पटना: एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में बड़ी चूक (Nitish Kumar Security Breach) हुई है. इस बार यह लापरवाही राजधानी पटना में हुई है. सीएम नीतीश गुरुवार को अपने आवास से मार्निंक वॉक पर निकले थे, तभी सुरक्षा घेरे में लहरिया बाइकर्स घुस गए. हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब मुख्यमंत्री की सुरक्षा में सेंध लगा है. पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

ये भी पढ़ें: नालंदा में CM नीतीश की सुरक्षा में बड़ी चूक, सिरफिरे ने फोड़ा पटाखा.. मची भगदड़

नीतीश की सुरक्षा में क्यों हो रही है बार-बार चूक? : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पिछले 10 सालों में कई बार हमले हो चुके हैं. हालांकि इस दौरान नीतीश कुमार को कोई चोट नहीं आई. कभी उनपर पत्थर फेंका गया, कभी चप्पल तो कभी प्याज फेंका गया. इस बार उनकी सुरक्षा को भेदते हुए एक बाइकर्स घुस गया. नीतीश कुमार पर पहला हमला साल 2012 में हुआ था. आइये आपको बताते हैं कि आखिर कब-कब नीतीश कुमार पर हमला हुआ है.

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नीतीश की सुरक्षा में पहली बार चूक, मई 2012 : सेवा यात्रा के दौरान बिहार के बक्सर में नीतीश का काफिला जिले के चौसा से लौट रहा था. इसी दौरान आक्रोशित लोगों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया था. इस हमले में नीतीश बाल-बाल बच गए. उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा था.

नीतीश की सुरक्षा में दूसरी बार चूक, साल 2016 : पटना में जनता दरबार के जौरान जब नीतीश लोगों की समस्याओं को सुन रहे थे इसी दौरान अरवल के एक युवक ने उन पर चप्पल फेंका. बताया गया था कि युवक बिहार सरकार के सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चूल्हा नहीं जलाने के आदेश से नाराज था.

नीतीश की सुरक्षा में तीसरी बार चूक, साल 2018 : पटना के बापू सभागार में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश को चप्पल फेंक कर मारने की कोशिश की थी. युवक सरकार के आरक्षण की नीतियों का विरोध कर रहा था. उसने आरक्षण के विरोध में नारे भी लगाए थे. हालांकि वहां पर मौजूद जेडीयू के कार्यकर्ताओं ने युवक की जमकर पिटाई कर दी थी.

नीतीश की सुरक्षा में चौथी बार चूक, मार्च 2022 : विकास यात्रा के दौरान सीएम नीतीश का काफिला बक्सर जिले के नंदर इलाके से गुजर रहा था. इस बीच स्थानीय लोगों ने सीएम के काफिले पर पत्थर फेंका. हमले में नीतीश तो बच गए लेकिन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. इस हमले में मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल गाड़ियों के शीशे टूट गए थे.

नीतीश की सुरक्षा में पांचवीं बार चूक, नवंबर 2020 : 2020 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश मधुबनी के हरलाखी में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इसी बीच कुछ लोगों ने उनपर प्याज और पत्थर फेंके. सुरक्षाकर्मियों ने इन्हें रोका तो मंच से ही नीतीश ने उन लोगों को चेतावनी दी और कहा कि जितना फेंकना है फेंको.

नीतीश की सुरक्षा में छठी बार चूक, मार्च 2022 : बख्तियारपुर में मुख्यमंत्री स्वतंत्रता सेनानी शीलभद्र याजी की मूर्ति को पुष्पाजंलि अर्पित करने पहुंचे थे. तभी एक युवक ने CM नीतीश का सुरक्षा तोड़ते हुए उनके पास जा पहुंचा. युवक कुछ कर पाता इससे पहले सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया गया. जानकारी के मुताबिक, युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त था. बाद में पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया.

नीतीश की सुरक्षा में सातवीं बार चूक, अप्रैल 2022 : नीतीश कुमार नालंदा के सिलाव प्रखंड में जनसंवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे. तभी एक सिरफिरे युवक ने पटाखा फोड़ दिया. नीतीश कुमार के मंचे से 15 से 18 फीट की दूरी पर पटाखा फोड़ा गया था. जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने युवक को हिरासत में ले लिया था.

नीतीश पर आठवीं बार चूक, मई 2022 : बाढ़ राहत कार्य का जायजा लेनी सीएम नीतीश सुपौल जा रहे थे. तभी सीएम हाउस के दौरान सीएम का काफिला पटना जू के गेट नंबर के पास से गुजर रहा था. इस बीच एक अंजान गाड़ी उनके काफिले में घुस गई. जिसके बाद हड़कंप मच गया था. इसके बाद ही नीतीश की सुरक्षा बदली गई थी.

बार-बार चूक के बाद नीतीश की सुरक्षा बदली गई थी : आपको बता दें कि सीएम नीतीश की सुरक्षा में बार-बार हो रही चूक के बाद बड़ा फैसला लिया गया था. मुख्यमंत्री की सुरक्षा को संभालने वाले एसएसजी में 50 नए पुलिस पदाधिकारियों को शामिल किया था. जिनमें 3 इंस्पेक्टर, एक दारोगा और 20 सहायक अवर निरीक्षक को शामिल किया गया था. साथ ही डेढ़ दर्जन सिपाहियों को भी SSG में प्रतिनियुक्ति की गई थी.

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नीतीश की सुरक्षा पर क्या कहते हैं पूर्व डीजीपी : लेकिन सवाल 10 साल पहले जहां था वहीं आज भी है, कि आखिर सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा में बार-बार चूक क्यों हो रही है? इस सवाल पर बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद कहते हैं कि सीएम की सुरक्षा तीन लेयर की होती है. सुरक्षा में कांस्टेबल से डीएसपी रैंक के अफसर होते हैं. सभी की स्पेशल ट्रेनिंग होती है. ताकि वो हर वक्त चौकन्ना रहें.

''मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों की प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं होती है. सर्विस ट्रेनिंग का भी अभाव है. मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बार-बार चूक हो रही है. ऐसे में उनकी सुरक्षा में एसएसजी ट्रेंड सुरक्षाकर्मियों को ही लगाया जाना चाहिए.'' - अभयानंद, पूर्व डीजीपी अभयानंद

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बीजेपी ने सीएम नीतीश पर साथा निशाना : बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि ''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब अपने राज्य में मार्निंग वॉक भी नहीं कर सकते हैं. लहरिया कट बाइकर्स से बचने के लिए नीतीश कुमार को कूदना पड़ता है. मुख्यमंत्री अपराधियों की सरकार को चला रहे हैं और सीएम खुद अपराधियों से डर रहे हैं. पुलिस और अपराध को कंट्रोल करने की जरूरत है.''

नीतीश कुमार को Z + सुरक्षा कवच : बता दें कि खुफिया रिपोर्ट के आधार पर देशभर के नेताओं और शख्सियतों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उन्हें अलग-अलग तरह की सुरक्षा दी जाती है. जेड प्लस सुरक्षा कवच किसे देना है, इसका फैसला केंद्र सरकार करती है. जेड प्लस और अन्य दूसरी तरह की सुरक्षा खासकर वीआईपी लोगों को दी जाती है. खास बात यह है कि जेड सुरक्षा भी दो तरह की होती है. इनमें एक एक जेड प्लस और दूसरी जेड सुरक्षा. ये सुरक्षा केंद्र सरकार के मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दी जाती है.

देखें रिपोर्ट.

पटना: एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में बड़ी चूक (Nitish Kumar Security Breach) हुई है. इस बार यह लापरवाही राजधानी पटना में हुई है. सीएम नीतीश गुरुवार को अपने आवास से मार्निंक वॉक पर निकले थे, तभी सुरक्षा घेरे में लहरिया बाइकर्स घुस गए. हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब मुख्यमंत्री की सुरक्षा में सेंध लगा है. पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

ये भी पढ़ें: नालंदा में CM नीतीश की सुरक्षा में बड़ी चूक, सिरफिरे ने फोड़ा पटाखा.. मची भगदड़

नीतीश की सुरक्षा में क्यों हो रही है बार-बार चूक? : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पिछले 10 सालों में कई बार हमले हो चुके हैं. हालांकि इस दौरान नीतीश कुमार को कोई चोट नहीं आई. कभी उनपर पत्थर फेंका गया, कभी चप्पल तो कभी प्याज फेंका गया. इस बार उनकी सुरक्षा को भेदते हुए एक बाइकर्स घुस गया. नीतीश कुमार पर पहला हमला साल 2012 में हुआ था. आइये आपको बताते हैं कि आखिर कब-कब नीतीश कुमार पर हमला हुआ है.

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नीतीश की सुरक्षा में पहली बार चूक, मई 2012 : सेवा यात्रा के दौरान बिहार के बक्सर में नीतीश का काफिला जिले के चौसा से लौट रहा था. इसी दौरान आक्रोशित लोगों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया था. इस हमले में नीतीश बाल-बाल बच गए. उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा था.

नीतीश की सुरक्षा में दूसरी बार चूक, साल 2016 : पटना में जनता दरबार के जौरान जब नीतीश लोगों की समस्याओं को सुन रहे थे इसी दौरान अरवल के एक युवक ने उन पर चप्पल फेंका. बताया गया था कि युवक बिहार सरकार के सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चूल्हा नहीं जलाने के आदेश से नाराज था.

नीतीश की सुरक्षा में तीसरी बार चूक, साल 2018 : पटना के बापू सभागार में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश को चप्पल फेंक कर मारने की कोशिश की थी. युवक सरकार के आरक्षण की नीतियों का विरोध कर रहा था. उसने आरक्षण के विरोध में नारे भी लगाए थे. हालांकि वहां पर मौजूद जेडीयू के कार्यकर्ताओं ने युवक की जमकर पिटाई कर दी थी.

नीतीश की सुरक्षा में चौथी बार चूक, मार्च 2022 : विकास यात्रा के दौरान सीएम नीतीश का काफिला बक्सर जिले के नंदर इलाके से गुजर रहा था. इस बीच स्थानीय लोगों ने सीएम के काफिले पर पत्थर फेंका. हमले में नीतीश तो बच गए लेकिन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. इस हमले में मुख्यमंत्री के काफिले में शामिल गाड़ियों के शीशे टूट गए थे.

नीतीश की सुरक्षा में पांचवीं बार चूक, नवंबर 2020 : 2020 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश मधुबनी के हरलाखी में जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इसी बीच कुछ लोगों ने उनपर प्याज और पत्थर फेंके. सुरक्षाकर्मियों ने इन्हें रोका तो मंच से ही नीतीश ने उन लोगों को चेतावनी दी और कहा कि जितना फेंकना है फेंको.

नीतीश की सुरक्षा में छठी बार चूक, मार्च 2022 : बख्तियारपुर में मुख्यमंत्री स्वतंत्रता सेनानी शीलभद्र याजी की मूर्ति को पुष्पाजंलि अर्पित करने पहुंचे थे. तभी एक युवक ने CM नीतीश का सुरक्षा तोड़ते हुए उनके पास जा पहुंचा. युवक कुछ कर पाता इससे पहले सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया गया. जानकारी के मुताबिक, युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त था. बाद में पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया.

नीतीश की सुरक्षा में सातवीं बार चूक, अप्रैल 2022 : नीतीश कुमार नालंदा के सिलाव प्रखंड में जनसंवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे. तभी एक सिरफिरे युवक ने पटाखा फोड़ दिया. नीतीश कुमार के मंचे से 15 से 18 फीट की दूरी पर पटाखा फोड़ा गया था. जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने युवक को हिरासत में ले लिया था.

नीतीश पर आठवीं बार चूक, मई 2022 : बाढ़ राहत कार्य का जायजा लेनी सीएम नीतीश सुपौल जा रहे थे. तभी सीएम हाउस के दौरान सीएम का काफिला पटना जू के गेट नंबर के पास से गुजर रहा था. इस बीच एक अंजान गाड़ी उनके काफिले में घुस गई. जिसके बाद हड़कंप मच गया था. इसके बाद ही नीतीश की सुरक्षा बदली गई थी.

बार-बार चूक के बाद नीतीश की सुरक्षा बदली गई थी : आपको बता दें कि सीएम नीतीश की सुरक्षा में बार-बार हो रही चूक के बाद बड़ा फैसला लिया गया था. मुख्यमंत्री की सुरक्षा को संभालने वाले एसएसजी में 50 नए पुलिस पदाधिकारियों को शामिल किया था. जिनमें 3 इंस्पेक्टर, एक दारोगा और 20 सहायक अवर निरीक्षक को शामिल किया गया था. साथ ही डेढ़ दर्जन सिपाहियों को भी SSG में प्रतिनियुक्ति की गई थी.

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नीतीश की सुरक्षा पर क्या कहते हैं पूर्व डीजीपी : लेकिन सवाल 10 साल पहले जहां था वहीं आज भी है, कि आखिर सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा में बार-बार चूक क्यों हो रही है? इस सवाल पर बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद कहते हैं कि सीएम की सुरक्षा तीन लेयर की होती है. सुरक्षा में कांस्टेबल से डीएसपी रैंक के अफसर होते हैं. सभी की स्पेशल ट्रेनिंग होती है. ताकि वो हर वक्त चौकन्ना रहें.

''मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों की प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं होती है. सर्विस ट्रेनिंग का भी अभाव है. मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बार-बार चूक हो रही है. ऐसे में उनकी सुरक्षा में एसएसजी ट्रेंड सुरक्षाकर्मियों को ही लगाया जाना चाहिए.'' - अभयानंद, पूर्व डीजीपी अभयानंद

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बीजेपी ने सीएम नीतीश पर साथा निशाना : बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि ''मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब अपने राज्य में मार्निंग वॉक भी नहीं कर सकते हैं. लहरिया कट बाइकर्स से बचने के लिए नीतीश कुमार को कूदना पड़ता है. मुख्यमंत्री अपराधियों की सरकार को चला रहे हैं और सीएम खुद अपराधियों से डर रहे हैं. पुलिस और अपराध को कंट्रोल करने की जरूरत है.''

नीतीश कुमार को Z + सुरक्षा कवच : बता दें कि खुफिया रिपोर्ट के आधार पर देशभर के नेताओं और शख्सियतों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उन्हें अलग-अलग तरह की सुरक्षा दी जाती है. जेड प्लस सुरक्षा कवच किसे देना है, इसका फैसला केंद्र सरकार करती है. जेड प्लस और अन्य दूसरी तरह की सुरक्षा खासकर वीआईपी लोगों को दी जाती है. खास बात यह है कि जेड सुरक्षा भी दो तरह की होती है. इनमें एक एक जेड प्लस और दूसरी जेड सुरक्षा. ये सुरक्षा केंद्र सरकार के मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दी जाती है.

Last Updated : Jun 15, 2023, 7:44 PM IST
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