पटना: विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में अब तक यह तय नहीं हुआ है कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा लेकिन बिहार की सत्ताधारी जेडीयू के कई नेता लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री के लिए योग्य उम्मीदवार मान रहे हैं. इसी बीच सीएम नीतीश कुमार की बड़ी बहन उषा देवी ने भी कहा है कि नीतीश कुमार में वह तमाम काबिलियत हैं, जो एक प्रधानमंत्री में होना चाहिए और उनको उम्मीद है कि नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. उषा देवी का परिवार राजनीति में नहीं है. राजनीति से कोसों दूर रहने के बाद भी उनकी इच्छा है कि उनका भाई देश का प्रधानमंत्री बने.
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"हम चाहते हैं कि उसकी (नीतीश कुमार) और तरक्की हो, आगे बढ़े और प्रधानमंत्री बने. इस बार धूमधाम से छठ मनाएंगे ताकि छठी मइया उनको तरक्की दे. उनमें सब काबिलियत है. हम भी चाहते हैं कि वह देश के प्रधानमंत्री बनें. हमलोगों की भगवान से प्रार्थना है और लोगों से भी अपील है कि उनको प्रधानमंत्री बनाएं"- उषा देवी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी बहन
सीएम बनने के बाद से हर साल मनाते हैं छठ पर्व: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उषा देवी बताती हैं कि इसी घर से नीतीश कुमार गए थे और मैंने आशीर्वाद दिया था कि वह मुख्यमंत्री बनेंगे तो सीएम हाउस में छठ किया जाएगा. तब से लेकर अब तक मुख्यमंत्री आवास पर छठ पर्व मनाया जाता है. उषा देवी कहती हैं कि अब वह चाहती है कि उनका छोटा भाई नीतीश कुमार देश का नेतृत्व करें और प्रधानमंत्री बनें. ईटीवी भारत ने जब पूछा कि क्या उनमें प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत है तो उषा देवी कहती हैं कि सारी खासियत है नीतीश कुमार में, जो एक प्रधानमंत्री में होनी चाहिए. नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनेंगे तो अच्छा रहेगा.
नीतीश कुमार को नेनुआ की सब्जी और रोटी पसंद: पटना के राजपुर में बेहद साधारण घर में रहने वाली उषा देवी बताती हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री नहीं बने थे और पटना के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई करते थे, तब वह यहीं आकर रहा करते थे. उन्हें खाने में सब कुछ पसंद था लेकिन नेनुआ की सब्जी और रोटी वह बड़े चाव से खाते थे. कॉलेज के बाद वह यहीं आकर रहते थे और बच्चों के साथ खेलते भी थे.
लालू और वशिष्ठ नारायण भी कहते हैं दीदी: नीतीश कुमार की बड़ी बहन उषा देवी कहती हैं कि वह नीतीश कुमार से 10 साल बड़ी है. जब उनकी शादी हुई थी तो नीतीश कुमार की उम्र 4 से 5 साल थी. नीतीश कुमार के राजनीति में आने के बाद लालू यादव और वशिष्ठ नारायण सिंह तमाम ऐसे नेता उन्हें दीदी का कर बुलाते हैं. 1974 में जब छात्र आंदोलन हुआ था, तब लालू यादव भी घर आकर खाना खाया करते थे.
परिवार को राजनीति से दूर रखती हैं उषा देवी: राजनीति से दूर-दूर तक वास्ता नहीं रखने वाली उषा देवी बताती हैं कि उनकी इच्छा कभी भी राजनीति में जाने की नहीं हुई. उषा देवी कहती हैं कि राजनीति में परिवारवाद नहीं होना चाहिए. इसलिए परिवार के किसी भी सदस्य को वह राजनीति में नहीं जाने देना चाहती हैं. वह कहती है कि जो राजनीति में है, वह काम कर रहा है. नीतीश कुमार राजनीति में है, विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री बने हैं, आगे वह प्रधानमंत्री बनें, उनका पूरा सहयोग और समर्थन रहेगा. उषा देवी आगे यह कहती हैं कि मुझे किसी चीज की कमी नहीं है. मेरे बच्चे अच्छे से रह रहे हैं, अच्छा कमा रहे हैं. ऐसे में उन्हें राजनीति में जाने की जरूरत नहीं है.
भांजे को भी राजनीति में आना पसंद नहीं: ईटीवी भारत की टीम ने जब उषा देवी के साथ बैठे उनके बेटे राकेश सिन्हा से जानना चाहा कि आखिर वह राजनीति में क्यों नहीं आना चाहते हैं? तब उनका भी जवाब अपनी मां की तरह था. उन्होंने कहा कि मामा उनके मुख्यमंत्री हैं. वह राज्य की सेवा कर रहे हैं, इससे बड़ी बात कुछ नहीं हो सकती है. हमें राजनीति में परिवारवाद पसंद नहीं है और हम लोग राजनीति से काफी दूर हैं. हमारा पूरा समर्थन है कि मामा प्रधानमंत्री बनें और देश की सेवा करें. जिस तरह से बिहार को उन्होंने विकसित बनाया, देश को भी वह विकसित बनाएं.
पोते ने क्या कहा दादा नीतीश कुमार के बारे में?: वहीं उषा देवी के साथ बैठे उनके पोते इंजीनियर सन्नी सिन्हा से जब यह पूछा गया कि आपकी उम्र के तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव बिहार की राजनीति में आगे हैं तो आप क्यों नहीं? सन्नी सिन्हा ने भी उसी तरह का जवाब दिया जो उषा देवी और राकेश सिन्हा ने दिया. सन्नी ने कहा कि मुझे राजनीति पसंद नहीं है. वह सिविल इंजीनियर हैं, उनकी पत्नी सिविल इंजीनियर है. अच्छी कपंनी में काम कर रहे हैं. अपनी अपनी पसंद की बात होती है. राजनीति में परिवारवाद नहीं होना चाहिए. नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए कहा, 'बाबा बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. वह आगे देश के प्रधानमंत्री बनेंगे, यह उम्मीद है.'