वाशिंगटन: अमेरिका ने 2.6 अरब डॉलर की अनुमानित कीमत पर भारत को 24 बहुउपयोगी एमएच 60 आर सी हॉक हेलीकॉप्टर की बिक्री को मंजूरी दे दी है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
हिंद महासागर में चीन के अपनी मौजूदगी बढ़ाने के बीच ये हेलीकॉप्टर सतह और पनडुब्बी भेदी युद्धक अभियानों में भारतीय नौसेना की क्षमता बढ़ाएंगे.
लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित ये हेलीकॉप्टर पनडुब्बियों और पोतों पर अचूक निशाना साधने में सक्षम हैं. ये हेलीकॉप्टर समुद्र में तलाश एवं बचाव कार्यों में भी उपयोगी हैं. एमएच 60आर सी हॉक हेलीकॉप्टर भारत के पुराने हो चुके ब्रिटेन निर्मित सी किंग हेलीकॉप्टरों की जगह लेंगे.
ट्रम्प प्रशासन ने मंगलवार को अमेरिकी संसद को सूचित किया कि उसने 24 एमएच-60आर बहु उपयोगी हेलीकॉप्टरों की बिक्री को मंजूरी दे दी है. ये हेलीकॉप्टर भारतीय रक्षा बलों को सतह और पनडुब्बी भेदी युद्धक अभियानों को सफलता से अंजाम देने में सक्षम बनाएंगे.
ये हेलीकॉप्टर फ्रिगेट, विध्वंसक पोतों, क्रूजर और विमान वाहक पोतों से संचालित किए जा सकते हैं.
विदेश मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कांग्रेस को बताया कि इस प्रस्तावित बिक्री की मदद से भारत और अमेरिका के सामरिक संबंध मजबूत होंगे जिससे अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने में सहायता मिलेगी.
उसने कहा कि इन हेलीकॉप्टरों की अनुमानित कीमत 2.6 अरब डॉलर होगी. इस बिक्री से उस बड़े रक्षा साझीदार की सुरक्षा स्थिति सुधरेगी जो हिंद प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति एवं आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण कारक रहा है.
अधिसूचना के अनुसार इस बढ़ी क्षमता से क्षेत्रीय खतरों से निपटने में भारत को मदद मिलेगी और उसकी गृह सुरक्षा मजबूत होगी. भारत को इन हेलीकॉप्टरों को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
इसमें कहा गया कि इस प्रस्तावित बिक्री और सहयोग से क्षेत्र में मूल सैन्य संतुलन नहीं बिगड़ेगा.
इन हेलीकॉप्टरों को दुनिया के सबसे अत्याधुनिक समुद्री हेलीकॉप्टर माना जाता है.
ये हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को बढ़ाएंगे. विशेषज्ञों के अनुसार हिंद महासागर में चीन के आक्रामक व्यवहार के मद्देनजर भारत के लिए ये हेलीकॉप्टर आवश्यक हैं. ये हेलीकॉप्टर इस समय अमेरिकी नौसेना में तैनात हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार यह आधुनिक समय में उपलब्ध सबसे सक्षम नौसैन्य हेलीकॉप्टर है जो फ्रिगेट, विध्वंसक पोतों, क्रूजर और विमान वाहक पोतों से संचालित किया जा सकता है.