चेन्नई : तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले के संतनकुलम में कथित पुलिस की यातना पिता-पुत्र (पी जयराज और उनके बेटे बेनिक्स) की मौत हो गई थी. इस मामले में आपराधिक जांच विभाग की अपराध शाखा (सीबी-सीआईडी) ने छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद एक पुलिस उपनिरीक्षक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. ईटीवी भारत को संतनकुलम थाने के निलंबित इंस्पेक्टर श्रीधर के ट्रैक रिकॉर्ड से जुड़े हैरान करने वाले तथ्य मिले हैं.
ईटीवी भारत के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, श्रीधर के ट्रैक रिकॉर्ड में हत्या की कोशिश, शक्ति का घोर दुरुपयोग और याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तार करने जैसे गंभीर मामले शामिल हैं. पिता-पुत्र की गिरफ्तारी और कथित यातना के कारण मौत के समय श्रीधर संतनकुलम के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) के पद पर तैनात थे.
जमीन हड़पने और एकतरफा कार्रवाई का मामला
ईटीवी भारत को मिली रिपोर्ट में नागरकोइल, कन्याकुमारी जिले के निषेध प्रवर्तन विंग के तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि श्रीधर को एक साथी पुलिसकर्मी के खिलाफ जमीन हड़पने के मामले में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्ति समेत 11 लोगों की गिरफ्तारी के लिए दोषी पाया गया है. यह घटना 2011 की है. उस समय श्रीधर कन्याकुमारी जिले के राजाकमनगलम पुलिस थाने में इंस्पेक्टर थे.
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इंस्पेक्टर ने बिना तथ्यों की जांच किए जल्दबाजी में गिरफ्तारी की. मामले में उनकी पूरी कार्रवाई एकतरफा थी. श्रीधर ने विशेष विभाग जे जुड़े तत्कालीन हेड कांस्टेबल (अयाकन्नू) के पक्ष में पूरी कार्रवाई की. उनकी कार्रवाई पूरी तरह से हेड कांस्टेबल अयाकन्नू की पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के पक्ष में की गई थी. राजस्व विभाग की रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि जमीन हेड कांस्टेबल अयाकन्नू ने हड़पी थी, न की याचिकर्ताओं ने. अपर पुलिस अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि श्रीधर के इस रवैये के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
हत्या की कोशिश का मामला
श्रीधर के खिलाफ तमिलनाडु के ही तेनी जिले के वैगाई बांध पुलिस थाने में हत्या की कोशिश का मामला दर्ज है. श्रीधर के खिलाफ यह मामला उसके बड़े भाई की बहू दिव्या ने दर्ज कराया था. मूल रूप से दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया गया था, लेकिन दिव्या का आरोप था कि उसे जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी. इसके बाद उसने श्रीधर और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज कराया था.
श्रीधर और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 294बी (अश्लील शब्दों का उपयोग करना), 120बी, 506 (1) (आपराधिक धमकी), 498 ए (घरेलू हिंसा), 307 (हत्या की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह मामला लंबित है.
पढ़ें-तूतीकोरिन पिता-पुत्र मौत : रजनीकांत ने घटना को बताया 'निर्मम हत्या'
दलित कार्यकर्ता पर हमला
2018 में तिरुनेलवेली रेंज में तैनाती के दौरान श्रीधर पर दलित कार्यकर्ता एंटनी फ्रांसिस पर हमला करने का मामला दर्ज किया गया था. फ्रांसिस ने आरोप लगाया था कि एक बैठक के दौरान उसने श्रीधर के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके बाद उसने फ्रांसिस पर हमला कर दिया था.
19 जून को लॉकडाउन के दौरान अपनी मोबाइल की दुकान खुली रखने के कारण संतनकुलम पुलिस पिता-पुत्र को पूछताछ के लिए ले गई थी. हिरासत में रहने के दौरान कथित तौर पर पुलिस ने उनके साथ क्रूरता की. हालत खराब होने पर 22 जून को पिता-पुत्र दोनों को कोविलपट्टी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसी रात बेटे की मौत हो गई थी. इसके बाद 23 जून की सुबह पिता ने भी दम तोड़ दिया.