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लद्दाख : गलवान के शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचा बुद्धिस्ट एसोसिएशन

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Published : Jun 17, 2020, 11:00 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 11:36 AM IST

गलवान घाटी में शहीद जवानों के मृत शरीर को लेह के सोनम नरबू मेमोरियल अस्पताल लाया गया. जहां सैनिकों के शव की पोस्टमार्टम औपचारिकता पूरी की जाएगी. इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के सदस्य पहुंचे. पढ़ें पूरी खबर...

Leh received mortal remains of soldiers
शहीदो को श्रद्धांजलि देने पहुंचे लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन

लद्दाख : कोरोना महामारी के कारण गलवान घाटी में शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को लेह के सोनम नोरबू मेमोरियल अस्पताल लाया गया. जहां सैनिकों के शव की पोस्टमार्टम औपचारिकता पूरी की जाएगी. इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के सदस्य पहुंचे.

शहीदो को श्रद्धांजलि देने पहुंचे लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन

एसएनएम अस्पताल के एक डॉक्टर ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने अस्पताल में छह सैनिकों के शव परीक्षण के लिए लाए गए. मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस क्षेत्र के एक प्रभावशाली धार्मिक समूह लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन (एलबीए) के सदस्यों का एक समूह यहां इकट्ठा हुआ था.

एलबीए के अध्यक्ष पीटी कुंजंद ने ईटीवी भारत को बताया कि वह जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए एसएनएम अस्पताल में इकट्ठा हुए हैं, जो अपनी जान की बाजी लगाकर शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि लद्दाखी लोगों ने हमेशा कठिन परिस्थितियों में भारतीय सेना का समर्थन किया है और भारत सरकार को चीन के खिलाफ अपनी आक्रामकता को प्रतिबंधित करने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि हमारी सेना का मनोबल बढ़े.

जिला कांग्रेस कमेटी लेह के अध्यक्ष, छेरिंग नामगयाल ने कहा कि भारत सरकार को चीन को करारा जवाब देने के लिए सीमा रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा पीछे हटने की कोई गुंजाइश नहीं है. चीन ने जिस जमीन पर कब्जा किया है, उसे खाली करना होगा. अगर वह शांतिपूर्ण भाषा नहीं समझते हैं, तो उन्हें सबक सिखाने का समय आ गया है. मंत्री और रक्षा मंत्री को देश के लोगों को यह बताना होगा कि इस संकट पर सरकार की प्रतिक्रिया क्या थी. उन्होंने कहा कि चीन ने जिस पेट्रोलिंग प्वाइंट पर कब्जा किया है वह भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.

पढ़ें- गलवान घाटी में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू की अंतिम विदाई

बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवानों की सूची जारी कर दी गई है. इनमें से सबसे अधिक जवान बिहार की दो अलग-अलग रेजिमेंट के हैं. एक जवान 12 बिहार रेजिमेंट और अन्य शहीद 16 बिहार रजिमेंट के हैं. वहीं इस हिंसक झड़प में चीन के 35 सैनिकों के हताहत होने की सूचना है.

लद्दाख : कोरोना महामारी के कारण गलवान घाटी में शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को लेह के सोनम नोरबू मेमोरियल अस्पताल लाया गया. जहां सैनिकों के शव की पोस्टमार्टम औपचारिकता पूरी की जाएगी. इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के सदस्य पहुंचे.

शहीदो को श्रद्धांजलि देने पहुंचे लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन

एसएनएम अस्पताल के एक डॉक्टर ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने अस्पताल में छह सैनिकों के शव परीक्षण के लिए लाए गए. मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस क्षेत्र के एक प्रभावशाली धार्मिक समूह लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन (एलबीए) के सदस्यों का एक समूह यहां इकट्ठा हुआ था.

एलबीए के अध्यक्ष पीटी कुंजंद ने ईटीवी भारत को बताया कि वह जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए एसएनएम अस्पताल में इकट्ठा हुए हैं, जो अपनी जान की बाजी लगाकर शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि लद्दाखी लोगों ने हमेशा कठिन परिस्थितियों में भारतीय सेना का समर्थन किया है और भारत सरकार को चीन के खिलाफ अपनी आक्रामकता को प्रतिबंधित करने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि हमारी सेना का मनोबल बढ़े.

जिला कांग्रेस कमेटी लेह के अध्यक्ष, छेरिंग नामगयाल ने कहा कि भारत सरकार को चीन को करारा जवाब देने के लिए सीमा रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा पीछे हटने की कोई गुंजाइश नहीं है. चीन ने जिस जमीन पर कब्जा किया है, उसे खाली करना होगा. अगर वह शांतिपूर्ण भाषा नहीं समझते हैं, तो उन्हें सबक सिखाने का समय आ गया है. मंत्री और रक्षा मंत्री को देश के लोगों को यह बताना होगा कि इस संकट पर सरकार की प्रतिक्रिया क्या थी. उन्होंने कहा कि चीन ने जिस पेट्रोलिंग प्वाइंट पर कब्जा किया है वह भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.

पढ़ें- गलवान घाटी में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू की अंतिम विदाई

बता दें कि लद्दाख के गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवानों की सूची जारी कर दी गई है. इनमें से सबसे अधिक जवान बिहार की दो अलग-अलग रेजिमेंट के हैं. एक जवान 12 बिहार रेजिमेंट और अन्य शहीद 16 बिहार रजिमेंट के हैं. वहीं इस हिंसक झड़प में चीन के 35 सैनिकों के हताहत होने की सूचना है.

Last Updated : Jun 18, 2020, 11:36 AM IST
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