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केरल में अगले वर्ष फिर वापस आ सकता है खतरनाक निपाह वायरस

केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि निपाह वायरस इस साल केरल में वापस आ सकता है, लेकिन इस बार हम बीमारी से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा
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Published : Oct 12, 2019, 10:29 AM IST

Updated : Oct 12, 2019, 7:28 PM IST

नई दिल्ली : पिछले साल निपाह वायरस ने केरल में कई लोगों की जान ले ली थी. इस साल भी केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने निपाह वायरस के फिर से लौटने की बात कही है. साथ ही लोगों को इससे सावधान रहने की अपील की है. हालांकि केरल अब इस जानलेवा बीमारी का मुकाबला करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है.

ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में, केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि उनका मंत्रालय पूरी तरह से तैयार है. 'वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि निपाह अगले साल केरल फिर वापस आ सकता है.'

निपाह वायरस पर केके शैलजा की ईटीवी भारत से खास बातचीत.

उन्होने कहा कि पिछले साल हम इस बीमारी से जूझ रहे थे. पिछले साल निपाह के 18 मामले देखने को मिले थे, जिसमें से सिर्फ 2 की जान बचाई जा सकी थी.

अपको बता दें, 2018 में, निपाह वायरस के प्रकोप से केरल प्रभावित हुआ था, जो चमगादड़ों से जानवरों और इंसान में फैल गया.

आमतौर पर यह जानवरों जैसे सूअर, कुत्ते, घोड़े आदि को प्रभावित करता है. अगर मनुष्यों में फैल गया, तो निपाह एक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और अगर सही उपचार ना हो तो इंसान की जान भी जा सकती है.

इस वर्ष 23 वर्षीय छात्र में निपाह वाइरस के एक नए मामले का पता चला, 'लेकिन सही उपचार से वह वो ठीक हो गया.'

पढ़ें - निपाह वायरस को लेकर केंद्र सतर्क, स्वास्थ्य मंत्री ने ली बैठक

शैलजा ने कहा, 'हम पूरी तरह से तैयार हैं और अपनी स्टेट लैब के अलावा पुणे स्ठित बॉयोलाजिकल लैब भी हमारी पूरी तरह मदद कर रहा है. यह जानलेवा बीमारी भारत में कहीं भी हो सकती है, लेकिन हमें तैयार रहना चाहिए.

वर्ष 2018 में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए, शैलजा ने कहा कि उनका मंत्रालय स्पष्ट था कि क्या करना है.

उन्होंने कहा, 'उस समय हमारे पास इस बीमारी की ना तो दवाइयां थीं ना ही कोई बचाव, हालांकि हमने सामना किया इस बीमारी का, जिसमें केंद्र सरकार ने हमारी काफी मदद की, फिर हमने ऑस्ट्रेलिया से दवा भी मंगाई थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि निपाह वायरस एक गंभीर समस्या का कारण है, क्योंकि यह जानवरों मे कई तरह की बीमारियों का कारण बनता है, साथ ही इंसानो के लिए भी जानलेवा बीमारी है.

मलयेशिया-सुंगई निपा के एक गांव से निपाह वायरस का नाम मिला था, यह वह गांव था, जहाँ 1998-99 में निपाह की पहली पहचान की गई थी.

नई दिल्ली : पिछले साल निपाह वायरस ने केरल में कई लोगों की जान ले ली थी. इस साल भी केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने निपाह वायरस के फिर से लौटने की बात कही है. साथ ही लोगों को इससे सावधान रहने की अपील की है. हालांकि केरल अब इस जानलेवा बीमारी का मुकाबला करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है.

ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में, केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि उनका मंत्रालय पूरी तरह से तैयार है. 'वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि निपाह अगले साल केरल फिर वापस आ सकता है.'

निपाह वायरस पर केके शैलजा की ईटीवी भारत से खास बातचीत.

उन्होने कहा कि पिछले साल हम इस बीमारी से जूझ रहे थे. पिछले साल निपाह के 18 मामले देखने को मिले थे, जिसमें से सिर्फ 2 की जान बचाई जा सकी थी.

अपको बता दें, 2018 में, निपाह वायरस के प्रकोप से केरल प्रभावित हुआ था, जो चमगादड़ों से जानवरों और इंसान में फैल गया.

आमतौर पर यह जानवरों जैसे सूअर, कुत्ते, घोड़े आदि को प्रभावित करता है. अगर मनुष्यों में फैल गया, तो निपाह एक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और अगर सही उपचार ना हो तो इंसान की जान भी जा सकती है.

इस वर्ष 23 वर्षीय छात्र में निपाह वाइरस के एक नए मामले का पता चला, 'लेकिन सही उपचार से वह वो ठीक हो गया.'

पढ़ें - निपाह वायरस को लेकर केंद्र सतर्क, स्वास्थ्य मंत्री ने ली बैठक

शैलजा ने कहा, 'हम पूरी तरह से तैयार हैं और अपनी स्टेट लैब के अलावा पुणे स्ठित बॉयोलाजिकल लैब भी हमारी पूरी तरह मदद कर रहा है. यह जानलेवा बीमारी भारत में कहीं भी हो सकती है, लेकिन हमें तैयार रहना चाहिए.

वर्ष 2018 में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए, शैलजा ने कहा कि उनका मंत्रालय स्पष्ट था कि क्या करना है.

उन्होंने कहा, 'उस समय हमारे पास इस बीमारी की ना तो दवाइयां थीं ना ही कोई बचाव, हालांकि हमने सामना किया इस बीमारी का, जिसमें केंद्र सरकार ने हमारी काफी मदद की, फिर हमने ऑस्ट्रेलिया से दवा भी मंगाई थी.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि निपाह वायरस एक गंभीर समस्या का कारण है, क्योंकि यह जानवरों मे कई तरह की बीमारियों का कारण बनता है, साथ ही इंसानो के लिए भी जानलेवा बीमारी है.

मलयेशिया-सुंगई निपा के एक गांव से निपाह वायरस का नाम मिला था, यह वह गांव था, जहाँ 1998-99 में निपाह की पहली पहचान की गई थी.

Intro:New Delhi: Being aware about a possible repeat of Nipah virus next year, Kerala is well prepared to counter the killer disease.


Body:In an exclusive interview to ETV Bharat, Kerala Health Minister KK Shailaja said that her ministry is well prepared now. "Scientists are of the opinion that Nipah might visit Kerala next year," she said.

"We were struck badly by this killer virus last year. Out of 18 positive cases, we were able to save 2 lives," said Shailaja.

In 2018, Kerala was hit by Nipah virus outbreak, which got transmitted from flying foxes (fruit bats) to animals and humans.

Generally it affects animals like pigs, dogs, horses etc. If spread among humans, Nipah virus can cause serious illness which may result in death.

A new case of a 23 year-old student was detected in June this year "but it was contained."

"We are well prepared this time. Apart from our state lab, Pune based national biological lab is also helping us intensely," said Shailaja.

Recalling the incidents her state had faced in 2018, Shailaja said that her ministry was clueless what to do.

"We neither had any medicines nor precautionary...however, we fought back withbthe help of the central government. Though, we brought a medicine from Australia, we did notnuae it," said Shailaja.


Conclusion:The World Health Organisation (WHO) says the Nipah virus infects a range of animals and causes severe disease and death in people which makes it a cause of concern for health.

The Nipah virus got its name from a village in Malayasia-Sungai Nipah. This was the village where Nipah was first identified in 1998-99.

"This killer disease may happen anywhere in India but We should be well prepared," said the Kelara Health Minister Shailaja.

END.
Last Updated : Oct 12, 2019, 7:28 PM IST
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