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राज्यसभा से भी पास हुआ मोटर यान संशोधन विधेयक, सड़क सुरक्षा के लिए बनेंगे कठोर कानून

राज्यसभा में 'मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019' चर्चा के बाद108 मतों से पारित कर दिया गया. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का इस विधेयक के माध्यम से राज्यों के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है. इसके प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मर्जी पर निर्भर है.

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Published : Aug 1, 2019, 12:01 AM IST

नई दिल्ली: राज्यसभा ने देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से बुधवार को सड़क सुरक्षा के लिए कठोर प्रावधानों वाले 'मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019' को मंजूरी दे दी. राज्यसभा ने विधेयक को चर्चा के बाद 13 के मुकाबले 108 मतों से पारित कर दिया. विधेयक पर लाये गये विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया.

यह विधेयक गत सप्ताह लोकसभा में पारित हुआ था. किंतु विधेयक में ‘मुद्रण की कुछ मामूली त्रुटि' रह जाने के कारण सरकार को उसे ठीक करने के लिए तीन संशोधन लाने पड़े. इन संशोधनों के कारण अब यह विधेयक फिर से लोकसभा में जाएगा.

राज्यसभा से मोटर यान संशोधन विधेयक पास

उच्च सदन में विधेयक पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का मोटर यान संशोधन विधेयक के माध्यम से राज्यों के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है. इसके प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मर्जी पर निर्भर है और केंद्र की कोशिश राज्यों के साथ सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लाने और दुर्घटनाओं को कम करने की है.

विधेयक में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के मकसद से काफी कठोर प्रावधान रखे गये हैं. किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, बिना लाइसेंस, खतरनाक ढंग से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना और निर्धारित मानकों से अधिक लोगों को बैठाकर अथवा अधिक माल लादकर गाड़ी चलाने जैसे नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

  • इसमें एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर भी जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है.
  • गडकरी ने कहा कि विधेयक के प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं.
  • इन सिफारिशों की संसद की स्थायी समिति ने भी विस्तार से जांच परख की और उसकी रिपोर्ट के आधार पर इन्हें विधेयक में शामिल किया गया है.
  • तेज गाड़ी चलाने, बिना बीमा पॉलिसी के वाहन चलाने और बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर जुर्माना एवं निर्धारित अवधि के लिये लाइसेंस निलंबित किया जाने के प्रावधान विधेयक में शामिल हैं.
  • किशोर द्वारा गाड़ी चलाते हुये सड़क पर कोई अपराध करने की स्थिति में गाड़ी के मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जायेगा और वाहन का पंजीकरण भी निरस्त किया जायेगा.
  • इस विधेयक में केंद्र सरकार के लिये मोटर वाहन दुर्घटना कोष के गठन की बात कही गई है जो भारत में सड़क का उपयोग करने वालों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा.
  • इस विधेयक में यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है.

विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा, 'राज्यों के अधिकार में कोई दखल नहीं दिया जाएगा. जो राज्य इसके प्रावधानों को लागू करना चाहते हैं वो करें, जो नहीं चाहते हैं वो नहीं करें. हमारा रूख सहयोग करने का रहेगा.'

गडकरी ने कहा कि वाहनों की खरीद की स्थिति में उसके पंजीकरण का काम डीलर को देने से राज्यों को राजस्व का कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि कर का पैसा सीधा राज्य सरकारों के खाते में ऑनलाइन पद्धति से जमा किया जाएगा. इस संबंध में कर की दर का निर्धारण भी राज्य अपने हिसाब से कर सकते हैं.

गडकरी ने कहा कि नयी प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के साथ निजी निवेश की मदद से परिवहन क्षेत्र में व्यापक सुधार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक बसों को संचालित करने की कोशिश कर रही है जो आम लोगों के लिए किफायती होने के साथ बहुत सुविधाजनक रहेगी.

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि परिवहन क्षेत्र में बहुत पैसे की जरूरत है. केंद्र और राज्यों के पास पैसे नहीं हैं. ऐसे में कम ब्याज पर निजी क्षेत्र से निवेश लाना होगा.

पढ़ें-मोदी सरकार का बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट में बढ़ाई जजों की संख्या

गडकरी ने कहा कि देश में सड़कों पर 14 हजार से अधिक 'ब्लैक स्पॉट' का पता चला है और इसके लिये 14 हजार करोड़ रूपये की परियोजना बनायी गयी है. इसे विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक की मदद से लागू किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि सड़कों सहित समूची परिवहन व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिये नयी सड़क परिवहन नीति का प्रस्ताव है. इसके तहत परिवहन व्यवस्था को अत्याधुनिक तकनीक से लैस कर यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के अनुरूप बनाया जायेगा.

गडकरी ने कहा कि इसके तहत देश में पहली बार स्काई बस चलाने की योजना है. पर्यावरण हितैषी और सस्ती बस सेवा की शुरुआत दिल्ली के धौला कुंआ से हरियाणा के मानेसर तक चलाये जाने से होगी.

उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में सड़क हादसों के लिये सड़क निर्माण की खामियां जिम्मेदार हैं. इसके लिये उन्होंने सड़क बनाने वाली कंपनी और इंजीनियरों की जवाबदेही तय की जायेगी.

गडकरी ने स्वीकार किया कि बतौर मंत्री पिछले पांच सालों में उनकी एकमात्र नाकामी सड़क हादसों में कमी नहीं ला पाना है.

पढ़ें-तीन तलाक के खिलाफ कानून से सशक्त होंगी महिलाएं : रीता बहुगुणा जोशी

उन्होंने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद वह सड़क हादसों में उम्मीद के मुताबिक कमी नहीं ला पाए. इस संबंध में तमिलनाडु ने बहुत अच्छा काम किया है और इसका हम पूरे देश में अनुकरण करेंगे.

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग सपने दिखाकर उनको पूरा नहीं करते, उन्हें जनता बदल देती है, लेकिन जो पूरा करते हैं उनको जनता दोबारा चुनती है.

गडकरी ने कहा कि देश में 22 लाख वाहन चालकों की कमी है. प्रशिक्षित वाहन चालकों की कमी को पूरा करने के लिये छोटे शहरों में ड्राइविंग ट्रेनिंग केन्द्र खोले जाने की पहल की है. इसके लिये केन्द्र सरकार राज्यों को प्रति केन्द्र एक करोड़ रुपये अनुदान देगी.

नई दिल्ली: राज्यसभा ने देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से बुधवार को सड़क सुरक्षा के लिए कठोर प्रावधानों वाले 'मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019' को मंजूरी दे दी. राज्यसभा ने विधेयक को चर्चा के बाद 13 के मुकाबले 108 मतों से पारित कर दिया. विधेयक पर लाये गये विपक्षी सदस्यों के संशोधन प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया.

यह विधेयक गत सप्ताह लोकसभा में पारित हुआ था. किंतु विधेयक में ‘मुद्रण की कुछ मामूली त्रुटि' रह जाने के कारण सरकार को उसे ठीक करने के लिए तीन संशोधन लाने पड़े. इन संशोधनों के कारण अब यह विधेयक फिर से लोकसभा में जाएगा.

राज्यसभा से मोटर यान संशोधन विधेयक पास

उच्च सदन में विधेयक पर हुयी चर्चा का जवाब देते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का मोटर यान संशोधन विधेयक के माध्यम से राज्यों के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है. इसके प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मर्जी पर निर्भर है और केंद्र की कोशिश राज्यों के साथ सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लाने और दुर्घटनाओं को कम करने की है.

विधेयक में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के मकसद से काफी कठोर प्रावधान रखे गये हैं. किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, बिना लाइसेंस, खतरनाक ढंग से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना और निर्धारित मानकों से अधिक लोगों को बैठाकर अथवा अधिक माल लादकर गाड़ी चलाने जैसे नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

  • इसमें एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर भी जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है.
  • गडकरी ने कहा कि विधेयक के प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं.
  • इन सिफारिशों की संसद की स्थायी समिति ने भी विस्तार से जांच परख की और उसकी रिपोर्ट के आधार पर इन्हें विधेयक में शामिल किया गया है.
  • तेज गाड़ी चलाने, बिना बीमा पॉलिसी के वाहन चलाने और बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर जुर्माना एवं निर्धारित अवधि के लिये लाइसेंस निलंबित किया जाने के प्रावधान विधेयक में शामिल हैं.
  • किशोर द्वारा गाड़ी चलाते हुये सड़क पर कोई अपराध करने की स्थिति में गाड़ी के मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जायेगा और वाहन का पंजीकरण भी निरस्त किया जायेगा.
  • इस विधेयक में केंद्र सरकार के लिये मोटर वाहन दुर्घटना कोष के गठन की बात कही गई है जो भारत में सड़क का उपयोग करने वालों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा.
  • इस विधेयक में यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है.

विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा, 'राज्यों के अधिकार में कोई दखल नहीं दिया जाएगा. जो राज्य इसके प्रावधानों को लागू करना चाहते हैं वो करें, जो नहीं चाहते हैं वो नहीं करें. हमारा रूख सहयोग करने का रहेगा.'

गडकरी ने कहा कि वाहनों की खरीद की स्थिति में उसके पंजीकरण का काम डीलर को देने से राज्यों को राजस्व का कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि कर का पैसा सीधा राज्य सरकारों के खाते में ऑनलाइन पद्धति से जमा किया जाएगा. इस संबंध में कर की दर का निर्धारण भी राज्य अपने हिसाब से कर सकते हैं.

गडकरी ने कहा कि नयी प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के साथ निजी निवेश की मदद से परिवहन क्षेत्र में व्यापक सुधार किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक बसों को संचालित करने की कोशिश कर रही है जो आम लोगों के लिए किफायती होने के साथ बहुत सुविधाजनक रहेगी.

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि परिवहन क्षेत्र में बहुत पैसे की जरूरत है. केंद्र और राज्यों के पास पैसे नहीं हैं. ऐसे में कम ब्याज पर निजी क्षेत्र से निवेश लाना होगा.

पढ़ें-मोदी सरकार का बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट में बढ़ाई जजों की संख्या

गडकरी ने कहा कि देश में सड़कों पर 14 हजार से अधिक 'ब्लैक स्पॉट' का पता चला है और इसके लिये 14 हजार करोड़ रूपये की परियोजना बनायी गयी है. इसे विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक की मदद से लागू किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि सड़कों सहित समूची परिवहन व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिये नयी सड़क परिवहन नीति का प्रस्ताव है. इसके तहत परिवहन व्यवस्था को अत्याधुनिक तकनीक से लैस कर यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के अनुरूप बनाया जायेगा.

गडकरी ने कहा कि इसके तहत देश में पहली बार स्काई बस चलाने की योजना है. पर्यावरण हितैषी और सस्ती बस सेवा की शुरुआत दिल्ली के धौला कुंआ से हरियाणा के मानेसर तक चलाये जाने से होगी.

उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में सड़क हादसों के लिये सड़क निर्माण की खामियां जिम्मेदार हैं. इसके लिये उन्होंने सड़क बनाने वाली कंपनी और इंजीनियरों की जवाबदेही तय की जायेगी.

गडकरी ने स्वीकार किया कि बतौर मंत्री पिछले पांच सालों में उनकी एकमात्र नाकामी सड़क हादसों में कमी नहीं ला पाना है.

पढ़ें-तीन तलाक के खिलाफ कानून से सशक्त होंगी महिलाएं : रीता बहुगुणा जोशी

उन्होंने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद वह सड़क हादसों में उम्मीद के मुताबिक कमी नहीं ला पाए. इस संबंध में तमिलनाडु ने बहुत अच्छा काम किया है और इसका हम पूरे देश में अनुकरण करेंगे.

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग सपने दिखाकर उनको पूरा नहीं करते, उन्हें जनता बदल देती है, लेकिन जो पूरा करते हैं उनको जनता दोबारा चुनती है.

गडकरी ने कहा कि देश में 22 लाख वाहन चालकों की कमी है. प्रशिक्षित वाहन चालकों की कमी को पूरा करने के लिये छोटे शहरों में ड्राइविंग ट्रेनिंग केन्द्र खोले जाने की पहल की है. इसके लिये केन्द्र सरकार राज्यों को प्रति केन्द्र एक करोड़ रुपये अनुदान देगी.

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Rajya Sabha passes Motor Vehicles Bill; stricter penalties for traffic violation
         New Delhi, Jul 31 (PTI) The Rajya Sabha on Wednesday passed a bill to tighten road traffic regulations such as issuance of driving licence and imposed stricter penalties for violations in an attempt to improve road safety.
          The Upper House passed the Motor Vehicles (Amendment) Bill, 2019 with 108 votes in favour and 13 against it, with three amendments moved by Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari.
          The legislation was passed by the Lok Sabha on July 23 but the bill will be sent to Lok Sabha again because of a typo.
          Replying to a debate on the bill, Gadkari allayed concerns of states, saying the Centre was not encroaching on any of their rights including the right to levy vehicle registration charge and permit fee, besides posting of officials.
          Not a single penny of state revenue would be taken by the Centre, he asserted.
          Also, the rights of the states to set up driving training institutes too will remain untinkered.
          The legislation provides for stricter punishment for various traffic related offences as well as higher penalties, including a compensation of Rs 5 lakh for death and Rs 2.5 lakh for grievous injury in a motor vehicle accident case.
          Gadkari said the legislation will instil fear of law in people who violate traffic rules as an intelligent traffic system will monitor traffic offences.
          The minister said India was facing shortage of 22 to 25 lakh drivers and to fill this gap, driver training institutes were planned pan India and the Centre was ready to provide Rs 1 crore subsidy for each centre.
          He said such centres were not needed in metropolises like Delhi, Mumbai or Chennai but in remote rural areas to uplift tribals and poor and 1,000 such centres were planned.
          The minister also allayed fears of members regarding roping in of corporates, saying no rights were being given to companies and in fact a few firms had come forward with Rs 20-25 crore free-of-charge training centres under CSR.
          Gadkari said the process for obtaining driving licenses would now be computerised and anyone, whether a minister or MP, will get licenses only after passing online tests.
          He said the government has no intention to intervene with the power of states and state transport corporations were free to run their buses.
          He advocated the London transport model, stating that many state government undertakings had turned NPAs and the government was also exploring bringing in foreign funds.
          The minister made it clear that vehicle registration rights remained with the states and asserted that the Centre was not benefitting by even a rupee.
          He also stressed on the need to promote electric buses and having a transport policy. He said a 265-seat bus skybus was planned between Dhaula Kuan and Manesar.
          The bill proposes a National Transportation Policy for ushering in guidelines on the transportation of goods and passengers. The minister said it will be framed only after holding consultations with the states.
          Once the bill becomes a law, the new vehicles will be registered at the dealers level and it will eventually remove buyers' interface with the registration authorities.
          The bill, which was pending for approval in the Rajya Sabha, had lapsed after the term of the 16th Lok Sabha ended.
          It proposes Rs 10,000 fine for not giving way to emergency vehicles and Rs 10,000 for driving despite disqualification. Aggregators violating driving licences will be fined up to Rs 1 lakh.
          The proposals are based on the recommendations of transport ministers from 18 states, which were vetted by a standing committee of Parliament.
          The bill includes penalties in the range of Rs 1,000- 2,000 for over-speeding.
          Driving without insurance will be punishable with Rs 2,000 fine, while driving without helmets will attract Rs 1,000 penalty and 3-month suspension of licence.
          Also, the guardian/owner will be deemed guilty in case of road offence by juveniles, while registration of the vehicle will be cancelled.
          As per the new provisions, "guardian/owner shall be deemed to be guilty and there will be a penalty of Rs 25,000 with three years imprisonment and cancellation of registration of the Motor Vehicle".
          Traffic violations would now attract a penalty of Rs 500 in place of Rs 100 earlier, while disobedience of orders of authorities will attract a minimum penalty of Rs 2,000 in place of Rs 500 earlier.
          Penalty for unauthorised use of vehicles without licence has been proposed at Rs 5,000 while those driving without licence will have to shell out the same amount and those found driving despite disqualification would be fined Rs 10,000.
          Penalty for dangerous driving would be increased to Rs 5,000 from Rs 1,000, while drunken driving under the proposed new law would attract a fine of Rs 10,000.
          "If aggregators are found violating lincensing conditions, they will be charged a sum of up to Rs 1 lakh" while overloading of vehicles would attract a penalty of Rs 20,000.
          Earlier participating in the debate, members raised concern over the growing number of road accidents and said that there should be a compensation mechanism for the deceased.
          The Congress alleged that the Centre has "hoodwinked" the Rajya Sabha on the bill as it was "defective" and not in the form passed in the Lok Sabha last week. PTI MSS MJH KRH LUX NAM ANZ
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