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लॉन्चिंग से पहले सामने आईं चंद्रयान-2 की तस्वीरें, देखें यहां

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Published : Jun 12, 2019, 12:00 PM IST

पिछले माह ISRO ने चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के लिए नई तिथि निर्धारित की थी. इसे नौ से 16 जुलाई के बीच जीएसएलवी मार्क-3 यान के जरिये श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा. देखें हाल ही में सामने आईं चंद्रयान-2 के निर्माण की कुछ तस्वीरें......

फोटो सौ. (एएनआई ट्विटर)

नई दिल्ली: नौ से 16 जुलाई के बीच जीएसएलवी मार्क-3 यान के जरिये श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किये जाने वाले चंद्रयान-2 की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं.

isro etvbharat
फोटो सौ. (एएनआई ट्विटर)

बता दें, चंद्रयान-2 में भेजा जा रहा रोवर छह सितंबर को चंद्रयान की सतह पर उतरेगा. वहीं, इसका प्रक्षेपण अब तक चार बार टल चुका है.

इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-2 के मुख्यत: तीन हिस्से हैं जिनमें आर्बिटर, लैंडर और रोवर हैं. आर्बिटर और लैंडर दोनों जीएसएलवी से जुड़े रहेंगे. जबकि रोवर लैंडर के भीतर ही फिट किया गया है.

isro etvbharat
फोटो सौ. (एएनआई ट्विटर)

पढ़ें: बुधवार से शुरू होगी मानसरोवर यात्रा

लॉन्च होने के बाद जब आर्बिटर चांद की कक्षा में पहुंचेगा तो लैंडर उससे अलग होकर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पूर्व निर्धारित स्थान पर उतरेगा. इसके बाद रोवर इसमें से निकल कर चांद की सतह पर जाकर नमूने एकत्र करेगा और उसका विश्लेषण कर आंकड़े इसरो को भेजेगा.

इसरो ने कहा कि इन माड्यूल को पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है ताकि नौ से 16 जुलाई के बीच चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जा सके. पूर्व में चार बार इसका प्रक्षेपण टल चुका है. पिछली तिथि 25-30 अप्रैल के बीच रखी गई थी.

नई दिल्ली: नौ से 16 जुलाई के बीच जीएसएलवी मार्क-3 यान के जरिये श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किये जाने वाले चंद्रयान-2 की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं.

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फोटो सौ. (एएनआई ट्विटर)

बता दें, चंद्रयान-2 में भेजा जा रहा रोवर छह सितंबर को चंद्रयान की सतह पर उतरेगा. वहीं, इसका प्रक्षेपण अब तक चार बार टल चुका है.

इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-2 के मुख्यत: तीन हिस्से हैं जिनमें आर्बिटर, लैंडर और रोवर हैं. आर्बिटर और लैंडर दोनों जीएसएलवी से जुड़े रहेंगे. जबकि रोवर लैंडर के भीतर ही फिट किया गया है.

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फोटो सौ. (एएनआई ट्विटर)

पढ़ें: बुधवार से शुरू होगी मानसरोवर यात्रा

लॉन्च होने के बाद जब आर्बिटर चांद की कक्षा में पहुंचेगा तो लैंडर उससे अलग होकर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पूर्व निर्धारित स्थान पर उतरेगा. इसके बाद रोवर इसमें से निकल कर चांद की सतह पर जाकर नमूने एकत्र करेगा और उसका विश्लेषण कर आंकड़े इसरो को भेजेगा.

इसरो ने कहा कि इन माड्यूल को पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है ताकि नौ से 16 जुलाई के बीच चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया जा सके. पूर्व में चार बार इसका प्रक्षेपण टल चुका है. पिछली तिथि 25-30 अप्रैल के बीच रखी गई थी.

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