कोयंबटूर : तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले की रहने वाली सांगवी बारहवीं कक्षा की छात्रा है. उन्हें जाति प्रमाण पत्र की कमी के कारण बुनियादी सुविधा और चिकित्सा शिक्षा में दाखिला लेने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था. इस मुद्दे की रिपोर्ट कोयंबटूर जिले के थिरुमलाईयप्पालयम के पास रेड्डी गौंदन पुडूर में की गई. इसके बाद जिला कलेक्टर रासमणि के आदेश पर मधुकरई राजस्व अधिकारी सरन्या ने छात्र संघवी को जाति प्रमाण पत्र जारी किया.
इसके पहले हिंदुस्तान स्काउट और स्काउट आंदोलन के छात्रों ने संघवी को 10 हजार रुपये की मदद की थी. इसके अलावा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नीट) के लिए सांगवी की मदद करने का वादा किया है.
दरअसल, 19 वर्षीय संघवी मालासर आदिवासी समुदाय से आती है. अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने में कई बाधाओं को पार कर लिया है, लेकिन जाति प्रमाणपत्र की कमी के लिए डॉक्टर बनने के अपने सपने को आगे बढ़ाने में असमर्थ थी.
हालांकि, उसने न केवल अपने लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी. संघवी सभी बाधाओं को पार कर एक डॉक्टर बनने का सपना संजोती हैं.
गौर हो कि संघवी के समुदाय से किसी ने भी उच्च शिक्षा हासिल करने का सपना अब तक नहीं देखा था. उनके लिए सबसे बड़ी बाधा एक सामुदायिक प्रमाण पत्र था. इस कारण वह न तो किसी कॉलेज में जा सकती थी और न ही किसी नौकरी के लिए आवेदन कर सकती थी.
इसी तरह तिरुमलैयम्बायलम प्रशासन ने कई महीनों के बाद इस क्षेत्र में एक शौचालय स्थापित किया है.
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने अब अन्य कार्ड सेवाएं जैसे परिवार कार्ड, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र और जनजातियों को सड़क सुविधा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की है.