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CAB : सुप्रीम कोर्ट जाएगी जमीयत, कहा - संविधान की मूल भावना के खिलाफ है बिल

संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पारित हो चुका है. देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख अशरद मदनी ने कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और इसीलिए जमीयत इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी.

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अरशद मदनी
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Published : Dec 11, 2019, 10:10 PM IST

Updated : Dec 11, 2019, 11:33 PM IST

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के संसद से पारित होने के बाद देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा है कि वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी.

जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और इसीलिए जमीयत इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी.

उन्होंने कहा, ' यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है. इसका पूरा मसौदा ही धार्मिक भेदभाव और पूर्वाग्रह के साथ तैयार किया गया है.' मदनी ने यह भी कहा कि यह विधेयक देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है क्योंकि इसमें बिना दस्तावेज के नागरिकता देने का प्रावधान है.

गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की. लोकसभा ने सोमवार रात इस विधेयक को मंजूरी दी थी.

पढ़ें-नागरिकता विधेयक पारित होना संवैधानिक इतिहास का काला दिन : सोनिया गांधी

इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है.

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के संसद से पारित होने के बाद देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा है कि वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी.

जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और इसीलिए जमीयत इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी.

उन्होंने कहा, ' यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है. इसका पूरा मसौदा ही धार्मिक भेदभाव और पूर्वाग्रह के साथ तैयार किया गया है.' मदनी ने यह भी कहा कि यह विधेयक देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है क्योंकि इसमें बिना दस्तावेज के नागरिकता देने का प्रावधान है.

गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की. लोकसभा ने सोमवार रात इस विधेयक को मंजूरी दी थी.

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इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है.

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Last Updated : Dec 11, 2019, 11:33 PM IST
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