नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को कोरोना वायरस के प्रसार के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के आयोजन पर भाजपा को आड़े हाथों लिया है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि राज्यसभा सीटें जीतने के लिए सत्ताधारी पार्टी 'धन की राजनीति' कर रही है.
कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिहार में कोरोना टेस्ट की परीक्षण दर कम होने के बावजूद कोविड -19 के पॉजिटिव मामले की संख्या काफी अधिक देखी जा रही है. बिहार के लोगों को कोरोना उपचार की आवश्यकता है, फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को घर वापस भेजने की आवश्यकता है.
कांग्रेस सांसद ने कहा कि फिलहाल राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करना आवश्यक है, लेकिन बीजेपी इस महामारी के बीच वर्चुअल चुनावी रैलियों के आयोजन में व्यस्त है.
उन्होंने आरोप लगाया कि अब भारतीय जनता पार्टी केवल पैसे के आधार पर राजनीति कर रही है. यह सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि आगामी राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात में भी देखने को मिल रहा है, जहां भाजपा राज्यसभा सीटें जीतने के लिए खरीद फरोख्त करने की कोशिश कर रही है.
शाह की वर्चुअल रैली को लेकर कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोबाइल फोन वितरित किए और राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में एलईडी स्क्रीन स्थापित कीं ताकि अधिक से अधिक लोग रैली को देख सकें.
अखिलेश प्रसाद ने कहा, 'बीजेपी ने इस रैली में 10 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं, लेकिन वे प्रवासी श्रमिकों को भोजन देने के लिए 100 रुपये भी खर्च नहीं कर सकते.'
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उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विभिन्न राज्यों में अब भी कुल दो तिहाई मजदूर फंसे हुए हैं, चीनी मिलें बंद हैं और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है, लेकिन संकट के इस समय में चुनावी रैलियों का आयोजन किया जा रहा है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह थाली पीटने का नहीं बल्कि देश की सेवा करने का वक्त है.