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लॉकडाउन के बाद पैसों की तंगी में मत्स्य पालन बेहतर विकल्प, देखें खास रिपोर्ट - luxury pool to a fish farm

केरल के कोट्टायम में एक लग्जरी रिजॉर्ट के मालिकों ने आधे एकड़ में बने स्वीमिंग पूल में मत्स्य पालन करना शुरू कर दिया है. ऐसा कोरोना महामारी के कारण कई महीनों से कोई मेहमान न आने के बाद पैदा हुए आर्थिक संकट के कारण किया गया. अगले एक महीने में इस रिजॉर्ट के पूल से करीब चार हजार किलो मछली की उत्पत्ति का अनुमान है. देखें एक खास रिपोर्ट

fishing in kerala
आर्थिक आत्मनिर्भरता की मिसाल है केरल के रिजॉर्ट मालिक
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Published : Aug 21, 2020, 10:36 PM IST

Updated : Aug 22, 2020, 6:15 AM IST

तिरुवनंतपुरम : कोट्टायम जिले के अंतर्गत कुंवारकोम इलाके में अवेधा लग्जरी रिजॉर्ट के मालिक प्रशांत चावला और ज्योतिष सुरेंद्र ने कोरोना महामारी के दौर में लागू लॉकडाउन के दौरान आर्थिक संकट का अनोखा इलाज खोजा है. दोनों ने अपने रिजॉर्ट परिसर में लगभग आधे एकड़ में बने स्वीमिंग पूल में मछली पालन करना शुरू कर दिया है. दोनों अब तक इसमें दो लाख रुपये का निवेश कर चुके हैं.

दरअसल, प्रशांत चावला और ज्योतिष सुरेंद्र ने कुछ समय तक स्वीमिंग पूल को मत्स्य पालन के लिए प्रयोग करने पर विचार किया. दोनों ने कोविड के कारण बंद चल रहे रिजॉर्ट से राजस्व अर्जित करने के लिए स्वीमिंग पूल में मछली पालन का काम शुरू कर दिया.

इस अनोखे विचार काम शुरू करने के बाद पिछले दो महीनों के भीतर इस स्वीमिंग पूल में 16 हजार से अधिक पर्ल स्पॉट मछलियों का पालन किया जा रहा है. मछली पालन के लिए पर्ल स्पॉट मछलियों के चयन को लेकर इन्होंने बताया कि यह प्रजाति केरल में काफी मशहूर है.

उन्होंने बताया कि मछली पालन के लिए पर्ल स्पॉट की प्रजाति के अलावा कई अन्य प्रजातियों को लेकर भी काफी विमर्श किया गया था. कुमाराकोम में पर्ल स्पॉट मछली की मांग काफी अधिक है.

आर्थिक पहलू को लेकर उन्होंने बताया कि यहां के बाजार में इसकी अच्छी कीमतें भी मिलती हैं. उन्होंने बताया कि स्वीमिंग पूल में मछली पालन के विचार को लेकर रिजॉर्ट के कर्मचारियों के साथ भी चर्चा हुई. कोरोना महामारी के कारण नौकरी गंवा बैठे कर्मचारियों ने भी मछली पालन के काम में सहयोग के लिए हामी भरी.

अब सामूहिक कोशिशों के बाद अब अवेधा रिजॉर्ट के स्वीमिंग पूल को जाल से ढक कर स्वस्थ मछलियों का पालन किया जा रहा है.

रिजॉर्ट मालिकों ने बताया कि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद चार मत्स्य पालन (hatcheries) केंद्रों से अंडे लेकर जून में स्वीमिंग पूल में डाले गए. मछली पालन के इस काम में अब तक 2 लाख रुपये का खर्च आया है.

इस उद्यम के भविष्य से जुड़े सवाल पर रिजॉर्ट मालिकों ने कहा कि नवंबर की शुरुआत तक 4000 किलो मछली उत्पादन का अनुमान है.

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण आलप्पुझा बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में स्थानीय लोगों को दिसंबर तक केरल का पर्यटन क्षेत्र आर्थिक रूप से पुनर्जीवित होने का अनुमान है. हालांकि, रिजॉर्ट मालिकों को इस पर संदेह है. ऐसे में स्वीमिंग पूल के प्रयोग को लेकर उनकी यह कोशिश अन्य लोगों को भी प्रेरित कर सकती है.

तिरुवनंतपुरम : कोट्टायम जिले के अंतर्गत कुंवारकोम इलाके में अवेधा लग्जरी रिजॉर्ट के मालिक प्रशांत चावला और ज्योतिष सुरेंद्र ने कोरोना महामारी के दौर में लागू लॉकडाउन के दौरान आर्थिक संकट का अनोखा इलाज खोजा है. दोनों ने अपने रिजॉर्ट परिसर में लगभग आधे एकड़ में बने स्वीमिंग पूल में मछली पालन करना शुरू कर दिया है. दोनों अब तक इसमें दो लाख रुपये का निवेश कर चुके हैं.

दरअसल, प्रशांत चावला और ज्योतिष सुरेंद्र ने कुछ समय तक स्वीमिंग पूल को मत्स्य पालन के लिए प्रयोग करने पर विचार किया. दोनों ने कोविड के कारण बंद चल रहे रिजॉर्ट से राजस्व अर्जित करने के लिए स्वीमिंग पूल में मछली पालन का काम शुरू कर दिया.

इस अनोखे विचार काम शुरू करने के बाद पिछले दो महीनों के भीतर इस स्वीमिंग पूल में 16 हजार से अधिक पर्ल स्पॉट मछलियों का पालन किया जा रहा है. मछली पालन के लिए पर्ल स्पॉट मछलियों के चयन को लेकर इन्होंने बताया कि यह प्रजाति केरल में काफी मशहूर है.

उन्होंने बताया कि मछली पालन के लिए पर्ल स्पॉट की प्रजाति के अलावा कई अन्य प्रजातियों को लेकर भी काफी विमर्श किया गया था. कुमाराकोम में पर्ल स्पॉट मछली की मांग काफी अधिक है.

आर्थिक पहलू को लेकर उन्होंने बताया कि यहां के बाजार में इसकी अच्छी कीमतें भी मिलती हैं. उन्होंने बताया कि स्वीमिंग पूल में मछली पालन के विचार को लेकर रिजॉर्ट के कर्मचारियों के साथ भी चर्चा हुई. कोरोना महामारी के कारण नौकरी गंवा बैठे कर्मचारियों ने भी मछली पालन के काम में सहयोग के लिए हामी भरी.

अब सामूहिक कोशिशों के बाद अब अवेधा रिजॉर्ट के स्वीमिंग पूल को जाल से ढक कर स्वस्थ मछलियों का पालन किया जा रहा है.

रिजॉर्ट मालिकों ने बताया कि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद चार मत्स्य पालन (hatcheries) केंद्रों से अंडे लेकर जून में स्वीमिंग पूल में डाले गए. मछली पालन के इस काम में अब तक 2 लाख रुपये का खर्च आया है.

इस उद्यम के भविष्य से जुड़े सवाल पर रिजॉर्ट मालिकों ने कहा कि नवंबर की शुरुआत तक 4000 किलो मछली उत्पादन का अनुमान है.

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण आलप्पुझा बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में स्थानीय लोगों को दिसंबर तक केरल का पर्यटन क्षेत्र आर्थिक रूप से पुनर्जीवित होने का अनुमान है. हालांकि, रिजॉर्ट मालिकों को इस पर संदेह है. ऐसे में स्वीमिंग पूल के प्रयोग को लेकर उनकी यह कोशिश अन्य लोगों को भी प्रेरित कर सकती है.

Last Updated : Aug 22, 2020, 6:15 AM IST
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