श्रीनगर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार सुबह जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बने स्मारक पर 2019 के आतंकी हमले में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को श्रद्धांजलि दी. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और स्मारक पर माल्यार्पण किया.
बता दें, शाह ने जम्मू-कश्मीर के अपने तीन दिवसीय दौरे को विस्तार देते हुए रात में पुलवामा के लेथपुरा में सीआरपीएफ कैम्प में रुकने का फैसला किया था. लेथपुरा में ही 14 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा किए गए एक कार बम हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
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मैं अर्धसैनिक बलों के जवानों के साथ समय बिताना चाहता था, उनसे मिलकर उनके अनुभव और कठिनाइयों को जानना और जज़्बे को देखना चाहता था।
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इसलिए पुलवामा के लेथपोरा सीआरपीएफ कैम्प में अपने बहादुर जवानों के साथ भोजन किया व आज का रात्रि विश्राम भी कैम्प में जवानों के साथ करूँगा। @crpfindia pic.twitter.com/PJ4qxnnhAk
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— Amit Shah (@AmitShah) October 25, 2021
इसलिए पुलवामा के लेथपोरा सीआरपीएफ कैम्प में अपने बहादुर जवानों के साथ भोजन किया व आज का रात्रि विश्राम भी कैम्प में जवानों के साथ करूँगा। @crpfindia pic.twitter.com/PJ4qxnnhAkमैं अर्धसैनिक बलों के जवानों के साथ समय बिताना चाहता था, उनसे मिलकर उनके अनुभव और कठिनाइयों को जानना और जज़्बे को देखना चाहता था।
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इसलिए पुलवामा के लेथपोरा सीआरपीएफ कैम्प में अपने बहादुर जवानों के साथ भोजन किया व आज का रात्रि विश्राम भी कैम्प में जवानों के साथ करूँगा। @crpfindia pic.twitter.com/PJ4qxnnhAk
गृह मंत्री शाह ने सोमवार रात लेथपुरा सीआरपीएफ कैम्प में जवानों के साथ भोजन किया. इसके बाद उन्होंने सीआरपीएफ जवानों के साथ भोजन करने की तस्वीरें ट्विटर पर साझा कीं और लिखा, 'मैं अर्धसैनिक बलों के जवानों के साथ समय बिताना चाहता था, उनसे मिलकर उनके अनुभव और कठिनाइयों को जानना और जज़्बे को देखना चाहता था. इसलिए पुलवामा के लेथपुरा सीआरपीएफ कैम्प में अपने बहादुर जवानों के साथ भोजन किया.'
सोमवार की शाम को, शाह ने सीआरपीएफ शिविर में सुरक्षा कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं एक रात आप लोगों के साथ गुजारना चाहता हूं और आपकी समस्याओं को समझना चाहता हूं.'
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के उनके दौरे के दौरान यह सबसे अहम पड़ाव है. शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत हद तक सुधरी है.
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह अपने जीवनकाल में शांतिपूर्ण जम्मू कश्मीर देख सकेंगे जिसका सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा है.
शाह ने कहा, पथराव की घटनाएं तभी दिखाई देती हैं जब हम उन्हें देखना चाहते हैं. ऐसा भी समय था जब कश्मीर में पथराव आम बात थी. ऐसी घटनाएं बहुत हद तक कम हो गई हैं. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हम अभी संतुष्ट नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'आतंकवाद के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार की बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति है. हम बर्दाश्त नहीं कर सकते. यह मानवता के विरुद्ध है. मानवता के प्रति जघन्य अपराध से जुड़े लोगों से कश्मीर के लोगों को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.
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