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एलोपैथी-आयुर्वेद विवाद : IMA अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ याचिका पर सुनवाई टली - IMA के अध्यक्ष डॉक्टर जे. ए. जयलाल

एलोपैथी-आयुर्वेद विवाद मामले में IMA अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई टाल दी गई है. सिविल जज दीक्षा राव ने 29 सितंबर को अगली सुनवाई का आदेश दिया है. अयाचिकाकर्ताओं ने दोनों पर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है.

एलोपैथी-आयुर्वेद विवाद
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Published : Aug 5, 2021, 9:47 AM IST

Updated : Aug 5, 2021, 11:23 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट (Delhi's Tis Hazari Court) ने हिंदुओं की भावनाओं को आहत करनेवाले बयान देने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association-IMA) के अध्यक्ष और सचिव को हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई आज टाल दी है. सिविल जज दीक्षा राव ने 29 सितंबर को अगली सुनवाई का आदेश दिया है.

सुनवाई के दौरान IMA के अध्यक्ष डॉक्टर जेए जयलाल, महासचिव डॉक्टर जयेश एम लेले और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से पेश वकील प्रभाष बजाज ने कहा कि उन्होंने ई-फाइलिंग के जरिये जवाब दाखिल किया है. सुनवाई के दौरान नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से पेश वकील की सिंहदेव ने जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय देने की मांग की. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की ओर से पेश वकील गगनदीप कौर ने कहा कि वे इस याचिका पर जवाब दाखिल नहीं करेंगी.

कोर्ट ने IMA अध्यक्ष, सचिव और IMA की ओर से पेश प्रभाष बजाज से कहा कि आपने 122 पेजों का जवाब दाखिल किया है. तब बजाज ने कहा कि याचिका में तथ्यों को छिपाया गया है. इसलिए, उन्होंने कई दस्तावेज संलग्न किए हैं. उसके बाद कोर्ट ने नेशनल मेडिकल कमीशन को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को करने का आदेश दिया है. सिविल जज दीक्षा राव सुनवाई करेंगी.

पिछले 9 जुलाई को सुनवाई के दौरान IMA के अध्यक्ष डॉक्टर जे. ए. जयलाल और महासचिव डॉक्टर जयेश एम. लेले की ओर से पेश वकील प्रभाष बजाज ने कहा था कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. उन्होंने ने कहा था कि IMA डॉक्टरों की एक निजी संस्था है. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को IMA के कामकाज को चुनौती देने का कोई अधिकार नहीं है.

पढ़ें : Delhi HC : न्यूजक्लिक के संस्थापक की अग्रीम जमानत याचिका पर सुनवाई आज

प्रभाष बजाज ने कहा था कि ये याचिका कोरोना काल में इसलिए दायर की गई है, ताकि डॉक्टरों को प्रताड़ित किया जा सके. याचिका राजेंद्र सिंह राजपूत और अन्य ने दायर किया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील भरत मल्होत्रा ने मांग की है कि IMA के अध्यक्ष और सचिव को उनके बयानों के लिए उनके पद से हटाया जाना चाहिए.

कील भरत मल्होत्रा ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि दोनों ने ईसाईयत को बढ़ावा देनेवाले इंटरव्यू दिए थे. इससे करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं. दोनों ने एलोपैथी को आयुर्वेद की तुलना में अच्छा और ईसाईयत को हिंदुत्व से अच्छा बताया है. याचिका में कुछ न्यूज रिपोर्ट को आधार बनाया गया है.

नई दिल्ली : दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट (Delhi's Tis Hazari Court) ने हिंदुओं की भावनाओं को आहत करनेवाले बयान देने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association-IMA) के अध्यक्ष और सचिव को हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई आज टाल दी है. सिविल जज दीक्षा राव ने 29 सितंबर को अगली सुनवाई का आदेश दिया है.

सुनवाई के दौरान IMA के अध्यक्ष डॉक्टर जेए जयलाल, महासचिव डॉक्टर जयेश एम लेले और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से पेश वकील प्रभाष बजाज ने कहा कि उन्होंने ई-फाइलिंग के जरिये जवाब दाखिल किया है. सुनवाई के दौरान नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से पेश वकील की सिंहदेव ने जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय देने की मांग की. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की ओर से पेश वकील गगनदीप कौर ने कहा कि वे इस याचिका पर जवाब दाखिल नहीं करेंगी.

कोर्ट ने IMA अध्यक्ष, सचिव और IMA की ओर से पेश प्रभाष बजाज से कहा कि आपने 122 पेजों का जवाब दाखिल किया है. तब बजाज ने कहा कि याचिका में तथ्यों को छिपाया गया है. इसलिए, उन्होंने कई दस्तावेज संलग्न किए हैं. उसके बाद कोर्ट ने नेशनल मेडिकल कमीशन को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को करने का आदेश दिया है. सिविल जज दीक्षा राव सुनवाई करेंगी.

पिछले 9 जुलाई को सुनवाई के दौरान IMA के अध्यक्ष डॉक्टर जे. ए. जयलाल और महासचिव डॉक्टर जयेश एम. लेले की ओर से पेश वकील प्रभाष बजाज ने कहा था कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. उन्होंने ने कहा था कि IMA डॉक्टरों की एक निजी संस्था है. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को IMA के कामकाज को चुनौती देने का कोई अधिकार नहीं है.

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प्रभाष बजाज ने कहा था कि ये याचिका कोरोना काल में इसलिए दायर की गई है, ताकि डॉक्टरों को प्रताड़ित किया जा सके. याचिका राजेंद्र सिंह राजपूत और अन्य ने दायर किया है. याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील भरत मल्होत्रा ने मांग की है कि IMA के अध्यक्ष और सचिव को उनके बयानों के लिए उनके पद से हटाया जाना चाहिए.

कील भरत मल्होत्रा ने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि दोनों ने ईसाईयत को बढ़ावा देनेवाले इंटरव्यू दिए थे. इससे करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं. दोनों ने एलोपैथी को आयुर्वेद की तुलना में अच्छा और ईसाईयत को हिंदुत्व से अच्छा बताया है. याचिका में कुछ न्यूज रिपोर्ट को आधार बनाया गया है.

Last Updated : Aug 5, 2021, 11:23 AM IST
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