ETV Bharat / bharat

अफगान राष्ट्रपति ने देशवासियों को दिलाया भरोसा, रेडियो संदेश में कही यह बड़ी बातें

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा है. हालात इस कदर खराब हो चले हैं कि अफगान सुरक्षा बलों को भी अपनी जान बचाकर शहरों को छोड़ना पड़ रहा है. इस बीच अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक रेडियो संदेश जारी करके देशवासियों को भरोसा दिया है और कहा कि सुरक्षा बलों को एकजुट रखना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है.

Afghanistan
Afghanistan
author img

By

Published : Aug 14, 2021, 3:07 PM IST

Updated : Aug 14, 2021, 3:17 PM IST

काबुल : अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि मौजूदा स्थिति में अफगान सुरक्षा और रक्षा बलों को फिर से संगठित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. TOLO news द्वारा अफगान राष्ट्रपति का यह बयान रिपोर्ट किया गया है.

अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके अध्यक्ष के रूप में मेरा ध्यान लोगों की अस्थिरता, हिंसा और विस्थापन को रोकने पर है. मैं आगे हत्याओं, पिछले 20 वर्षों के लाभ की हानि, सार्वजनिक संपत्ति के विनाश के लिए अफगानों पर थोपे गए युद्ध की अनुमति नहीं दूंगा.

गनी ने कहा कि मुझे पता है कि आप अपने वर्तमान और भविष्य के बारे में चिंतित हैं. लेकिन मैं आपको अध्यक्ष के रूप में आश्वस्त करता हूं कि मेरा ध्यान अपने लोगों की अस्थिरता, हिंसा और विस्थापन को रोकने पर है. ऐसा करने के लिए मैंने राजनीतिक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सरकार के भीतर और बाहर व्यापक परामर्श शुरू कर दिया है और मैं जल्द ही लोगों के साथ परिणाम साझा करूंगा.

तालिबान का कब्जा जारी

वहीं तालिबान ने शनिवार तड़के काबुल के दक्षिण में स्थित एक प्रांत पर कब्जा कर लिया और देश के उत्तर में स्थित अहम शहर मजार-ए-शरीफ पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया. अफगान अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

लोगार से सांसद होमा अहमदी ने बताया कि तालिबान ने पूरे प्रांत पर कब्जा कर लिया है, जिसमें उनकी राजधानी भी शामिल है. तालिबान शनिवार को पड़ोसी काबुल प्रांत के एक जिले में पहुंच गया. तालिबान राजधानी काबुल के दक्षिण में 80 किलोमीटर से भी कम दूरी पर पहुंच चुका है.

बल्ख प्रांत पर हुआ कब्जा

अफगानिस्तान से अमेरिका की पूर्णतय: वापसी में तीन सप्ताह से भी कम समय शेष बचा है और ऐसे में तालिबान ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. इस बीच उत्तरी बल्ख प्रांत में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता मुनीर अहमद फरहाद ने बताया कि तालिबान ने शनिवार तड़के शहर पर कई दिशाओं से हमला किया. इसके कारण इसके बाहरी इलाकों पर भीषण लड़ाई शुरू हो गई. उन्होंने हताहतों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी.

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी शहर के बचाव की कोशिशों के तहत बीते बुधवार को मजार-ए-शरीफ गए थे और उन्होंने सरकार से संबद्ध कई मिलिशिया कमांडरों के साथ बैठक की थी.

यह भी पढ़ें- दानिश सिद्दीकी की मौत पर तालिबान का बयान- हमसे नहीं ली थी अनुमति

तालिबान ने हालिया दिनों में तेजी से किए गए हमलों के बाद दक्षिणी अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, जिसके कारण पूरे देश पर उसके कब्जे की आशंका बढ़ने लगी है. उसके तेजी से आगे बढ़ने के कारण पश्चिम- समर्थित सरकार का नियंत्रण काबुल और मजार-ए-शरीफ के साथ-साथ केवल मध्य एवं पूर्व में स्थित प्रांतों पर शेष रह गया है.

विदेशी बलों की वापसी और वर्षों में अमेरिका से मिली सैकड़ों अरब डॉलर की मदद के बावजूद अफगानिस्तान से बलों के पीछे हटने के कारण यह आशंका बढ़ गई है कि तालिबान फिर से देश पर कब्जा कर सकता है या देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है.

अमेरिका ने भेजे तीन हजार सैनिक

अफगानिस्तान में तालिबान के तेजी से पैर पसारने के बीच अमेरिकी दूतावास को आंशिक रूप से खाली करने में मदद करने के लिए अमेरिका की मरीन बटालियन का 3000 कर्मियों का दस्ता शुक्रवार को यहां पहुंचा. शेष जवानों के रविवार को पहुंचने की संभावना है. हालांकि अतिरिक्त सैनिकों के अफगानिस्तान पहुंचने से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या अमेरिका सैनिकों की वापसी का काम 31 अगस्त की समय सीमा के भीतर पूरा कर पाएगा या नहीं.

रेडियो स्टेशन का नाम बदला

इस बीच तालिबान ने शनिवार को कंधार में एक रेडियो स्टेशन पर कब्जा कर लिया. तालिबान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें एक अज्ञात तालिबान ने शहर के मुख्य रेडियो स्टेशन को कब्जे में लेने की घोषणा की. रेडिया का नाम बदलकर वॉइस ऑफ शरिया कर दिया गया है. उसने कहा कि सभी कर्मचारी यहां मौजूद हैं, वे समाचार प्रसारित करेंगे, राजनीतिक विश्लेषण करेंगे और कुरान की आयतें पढ़ेंगे. ऐसा लगता है कि स्टेशन पर अब संगीत नहीं बजाया जाएगा.

यह भी पढ़ें- भारतीयों को नहीं बनाएंगे निशाना, सभी दूतावास सुरक्षित: तालिबान

तालिबान कई वर्षों से सचल रेडियो स्टेशन संचालित करता आ रहा है लेकिन प्रमुख शहर में उसका रेडियो स्टेशन पहले कभी नहीं रहा. वह वॉइस ऑफ शरिया नाम का स्टेशन चलाता था जिसमें संगीत पर पाबंदी थी.

(एक्स्ट्रा इनपुट-भाषा)

काबुल : अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि मौजूदा स्थिति में अफगान सुरक्षा और रक्षा बलों को फिर से संगठित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. TOLO news द्वारा अफगान राष्ट्रपति का यह बयान रिपोर्ट किया गया है.

अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके अध्यक्ष के रूप में मेरा ध्यान लोगों की अस्थिरता, हिंसा और विस्थापन को रोकने पर है. मैं आगे हत्याओं, पिछले 20 वर्षों के लाभ की हानि, सार्वजनिक संपत्ति के विनाश के लिए अफगानों पर थोपे गए युद्ध की अनुमति नहीं दूंगा.

गनी ने कहा कि मुझे पता है कि आप अपने वर्तमान और भविष्य के बारे में चिंतित हैं. लेकिन मैं आपको अध्यक्ष के रूप में आश्वस्त करता हूं कि मेरा ध्यान अपने लोगों की अस्थिरता, हिंसा और विस्थापन को रोकने पर है. ऐसा करने के लिए मैंने राजनीतिक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सरकार के भीतर और बाहर व्यापक परामर्श शुरू कर दिया है और मैं जल्द ही लोगों के साथ परिणाम साझा करूंगा.

तालिबान का कब्जा जारी

वहीं तालिबान ने शनिवार तड़के काबुल के दक्षिण में स्थित एक प्रांत पर कब्जा कर लिया और देश के उत्तर में स्थित अहम शहर मजार-ए-शरीफ पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया. अफगान अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

लोगार से सांसद होमा अहमदी ने बताया कि तालिबान ने पूरे प्रांत पर कब्जा कर लिया है, जिसमें उनकी राजधानी भी शामिल है. तालिबान शनिवार को पड़ोसी काबुल प्रांत के एक जिले में पहुंच गया. तालिबान राजधानी काबुल के दक्षिण में 80 किलोमीटर से भी कम दूरी पर पहुंच चुका है.

बल्ख प्रांत पर हुआ कब्जा

अफगानिस्तान से अमेरिका की पूर्णतय: वापसी में तीन सप्ताह से भी कम समय शेष बचा है और ऐसे में तालिबान ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. इस बीच उत्तरी बल्ख प्रांत में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता मुनीर अहमद फरहाद ने बताया कि तालिबान ने शनिवार तड़के शहर पर कई दिशाओं से हमला किया. इसके कारण इसके बाहरी इलाकों पर भीषण लड़ाई शुरू हो गई. उन्होंने हताहतों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी.

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी शहर के बचाव की कोशिशों के तहत बीते बुधवार को मजार-ए-शरीफ गए थे और उन्होंने सरकार से संबद्ध कई मिलिशिया कमांडरों के साथ बैठक की थी.

यह भी पढ़ें- दानिश सिद्दीकी की मौत पर तालिबान का बयान- हमसे नहीं ली थी अनुमति

तालिबान ने हालिया दिनों में तेजी से किए गए हमलों के बाद दक्षिणी अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, जिसके कारण पूरे देश पर उसके कब्जे की आशंका बढ़ने लगी है. उसके तेजी से आगे बढ़ने के कारण पश्चिम- समर्थित सरकार का नियंत्रण काबुल और मजार-ए-शरीफ के साथ-साथ केवल मध्य एवं पूर्व में स्थित प्रांतों पर शेष रह गया है.

विदेशी बलों की वापसी और वर्षों में अमेरिका से मिली सैकड़ों अरब डॉलर की मदद के बावजूद अफगानिस्तान से बलों के पीछे हटने के कारण यह आशंका बढ़ गई है कि तालिबान फिर से देश पर कब्जा कर सकता है या देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है.

अमेरिका ने भेजे तीन हजार सैनिक

अफगानिस्तान में तालिबान के तेजी से पैर पसारने के बीच अमेरिकी दूतावास को आंशिक रूप से खाली करने में मदद करने के लिए अमेरिका की मरीन बटालियन का 3000 कर्मियों का दस्ता शुक्रवार को यहां पहुंचा. शेष जवानों के रविवार को पहुंचने की संभावना है. हालांकि अतिरिक्त सैनिकों के अफगानिस्तान पहुंचने से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या अमेरिका सैनिकों की वापसी का काम 31 अगस्त की समय सीमा के भीतर पूरा कर पाएगा या नहीं.

रेडियो स्टेशन का नाम बदला

इस बीच तालिबान ने शनिवार को कंधार में एक रेडियो स्टेशन पर कब्जा कर लिया. तालिबान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें एक अज्ञात तालिबान ने शहर के मुख्य रेडियो स्टेशन को कब्जे में लेने की घोषणा की. रेडिया का नाम बदलकर वॉइस ऑफ शरिया कर दिया गया है. उसने कहा कि सभी कर्मचारी यहां मौजूद हैं, वे समाचार प्रसारित करेंगे, राजनीतिक विश्लेषण करेंगे और कुरान की आयतें पढ़ेंगे. ऐसा लगता है कि स्टेशन पर अब संगीत नहीं बजाया जाएगा.

यह भी पढ़ें- भारतीयों को नहीं बनाएंगे निशाना, सभी दूतावास सुरक्षित: तालिबान

तालिबान कई वर्षों से सचल रेडियो स्टेशन संचालित करता आ रहा है लेकिन प्रमुख शहर में उसका रेडियो स्टेशन पहले कभी नहीं रहा. वह वॉइस ऑफ शरिया नाम का स्टेशन चलाता था जिसमें संगीत पर पाबंदी थी.

(एक्स्ट्रा इनपुट-भाषा)

Last Updated : Aug 14, 2021, 3:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.