Watch Video; कवि हरिओम पवार बोले-800 साल की गुलामी जो हमसे छीन नहीं पाई, 8 साल में उसे मीडिया ने खत्म कर दिया - KAVI KUMBH LUCKNOW
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लखनऊः आज ओटीटी पर जो भी चीज परोसी जा रही है, वह हमारी संस्कृति नहीं, वह अपसंस्कृति हैं. भारतीय मूल्यों, नीतियों और परंपराओं से ओटीटी पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को कोई मतलब नहीं है. मैं इन सब चीजों के लिए बहुत कठोर हूं. 800 साल की गुलामी जो हमसे नहीं छिन पाई. हमारी परंपरा नहीं छिन पाई, हमारे कस्टम नहीं तोड़ पाई. हमारी संवेदनाएं जिंदा रही. 800 साल की गुलामी में जो हमने बचाया. 8 साल में मीडिया ने उसे खत्म कर दिया. यह बात देश के प्रख्यात कवि हरिओम पवार में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कही. वह लखनऊ में तीन दिनों से चल रहे कवि महाकुंभ में शामिल होने के लिए राजधानी आए हुए हैं.
सोशल मीडिया की नीति का विरोध करने वाले पहले इसको समझे: वहीं, कवयित्री अनामिका जैन "अंबर" ने कहा कि कवि कुंभ है और यह कवियों के लिए बहुत बड़ा कदम है. बड़ी बहुत बड़ी जीत है, बहुत बड़ा प्लेटफार्म है जो हिंदी साहित्य अकादमी ने संस्कृति विभाग के साथ मिलकर के दिया है. पिछले दिनों सरकार ने राष्ट्रीय योजना को लोगों तक पहुंचाने के लिए फैसला लिया. इसे पहुंचाने के इन्फ्लुएंसर को जोड़ा जाएगा. जिन लोगों को इस बात का विरोध करना था उन लोगों को यह बता दो कि हर सरकार के लिए एक बजट पास होता है. और जिसे हम विज्ञापन कहते हैं. मुख्यमंत्री ने एक बहुत बड़ी बात सोची कि कुछ लोग जो सृजनशीलता के बल पर कविताओं के माध्यम से अपने कलाकारी के माध्यम से अपने नृत्य के माध्यम से अपने वाक्यपट्टू होने के माध्यम से यदि योजनाएं क्या है उन्हें इस बात का समर्थन करना चाहिए.