हैदराबाद: वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म YouTube अपने यूजर्स के लिए क्रिएटिव स्वतंत्रता को बढ़ाने के लिए एक फीचर्स की तलाश करता रहता है और इसी क्रम में कंपनी एक नए फीचर पर काम कर रहा है. यह फीचर म्यूजिक रीमिक्सिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो यूजर्स को एक जनरेटिव AI टूल इस्तेमाल करने की अनुमति देता है.
यह फीचर, विशेष रूप से शॉर्ट्स क्रिएटर्स के लिए लक्षित किया गया है, जो यूजर्स को गानों को यूनीक, AI-जनरेटेड 30-सेकंड साउंडट्रैक में बदलने की अनुमति देती है, जो विभिन्न शैलियों, मूड या थीम के अनुरूप होते हैं. कंपनी की यह पहल इसके ड्रीम ट्रैक कार्यक्रम पर आधारित है, जो म्यूजिक निर्माण प्रक्रिया को नया रूप देने के लिए एडवांस AI को इंटीग्रेट करता है.
YouTube का AI म्यूजिक रीमिक्स कैसे काम करता है
फिलहाल यह फीचर प्रायोगिक चरण में है, जिसमें भाग लेने वाले क्रिएटर एक योग्य गीत का चयन कर सकते हैं और टेक्स्ट-आधारित प्रॉम्प्ट का इस्तेमाल करके परिभाषित कर सकते हैं कि वे इसे कैसे फिर से बनाना चाहते हैं. इसके बाद AI गीत की पुनर्व्याख्या करता है, मूल के सार को संरक्षित करते हुए अनुरोधित शैलीगत परिवर्तनों को शामिल करेगा.
यह टूल मौजूदा समय में YouTube शॉर्ट्स के लिए ही इस्तेमाल किया गया है और स्पष्ट श्रेय प्रदान करता है. ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रत्येक रीमिक्स गीत इसके मूल ट्रैक को श्रेय देगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी और इसके AI-असिस्टेंट प्राप्त परिवर्तन की स्वीकृति होगी.
AI-संचालित संगीत में ड्रीम ट्रैक की भूमिका
बता दें कि रीमिक्स फीचर YouTube के ड्रीम ट्रैक द्वारा संचालित है, जो 2023 में लॉन्च किया गया एक प्रोग्राम है और Google के डीपमाइंड AI मॉडल, लिरिया पर बनाया गया है. लिरिया की एडवांस क्षमताएं नई रचनाएं बनाने के लिए टेक्स्ट संकेतों और ऑडियो की व्याख्या करती हैं, जिससे मानव इनपुट और मशीन-जनित कलात्मकता का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण संभव होता है.