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2024 में टेक और साइबर दुनिया के बड़े फ्रॉड, जिसने भारत के सैंकड़ों लोगों को ठगा - YEARENDER 2024

2024 के दौरान भारत में कई नए टेक स्कैम्स देखने को मिले, जिनसे लोगों को खूब ठगा गया है.आइए इनके बारे में जानते हैं.

Yearender 2024 Tech And Cyber Scams in India
2024 में हुए टेक स्कैम्स की लिस्ट (फोटो - ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : Dec 30, 2024, 1:26 PM IST

हैदराबाद: साल 2024 के दौरान भारत में साइबर धोखाधड़ी के कई खतरनाक उदाहरण सामने आए. इस साल डिजिटल दुनिया में धोखाधड़ी यानी ऑनलाइन फ्रॉड के तरीके पहले से भी ज्यादा खतरनाक और डिजिटल हो गए. जैसे कि क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और बॉलीवुड अभिनेत्री रश्मिका मंधाना के नाम पर डीपफेक (Deep Fake) का इस्तेमाल किया गया.

वहीं फेक फेडेक्स कूरियर स्कैम जैसी स्कैम्स भी देखने को मिले. फर्जी इन्वेस्टमेंट प्लान्स और साइबर ब्लैकमेलिंग के मामलों ने भी लोगों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है. इसके अलावा 75 वर्षीय व्यक्ति को फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए करोड़ों रुपये का ठगी का शिकार होना पड़ा.

रिपोर्ट के अनुसार 1 जनवरी से 11 नवंबर तक 14 लाख साइबरक्राइम केस रजिस्टर्ड किए गए हैं. आइए हम आपको इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ऑनलाइन स्कैम्स के बारे में बताते हैं, जो 2024 के दौरान हुए हैं.

[नोट: इन स्कैम्स ने अनेक लोगों को प्रभावित किया है, हमने इस आर्टिकल में कुछ व्यक्तिगत मामलों की जानकारी दी है, जिससे इन स्कैम्स के तरीको का पता चलता है.]

डीप फेक वीडियो प्रमोशन

जनवरी 2024 में दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी एक डीपफेक वीडियो बनाकर लोगों के साथ ऑनलाइन स्कैम किया गया था. सचिन के इस नकली वीडियो में उन्हें एक गेम Skyward Aviator Quest को प्रमोट करते हुए दिखाया गया था, जबकि यह पूरी तरह से झूठा था. सचिन ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए जानकारी देकर लोगों को बताया था कि वो वीडियो नकली है. सचिन ने इसके खिलाफ सोशल मीडिया से कार्रवाई की अपील भी की थी. उनके अलावा विराट कोहली और बॉलीवुड अभिनेत्री रश्मिका मंधाना की भी डीपपेक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल की गई थी. इससे समझ में आता है कि डीपफेक टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है और इससे न सिर्फ लोगों की छवि खराब हो रही है बल्कि काफी आर्थिक नुकसान भी हो रहा है.

फेक फेडएक्स कूरियर स्कैम

फरवरी 2024 में बेंगलुरु के एक आईटी कंपनी के सीईओ को एक कॉल आई, जिसमें किसी ने खुद को मुंबई से फेडएक्स कूरियर एजेंट बताते हुए कहा कि उनके नाम से एक अवैध पार्सल पकड़ा गया है. उसके बाद उन्हें पुलिस वाले के रूप में एक और व्यक्ति से बात करने को कहा गया, जिसने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इस दौरान सीईओ को आठ ट्रांजेक्शंस के जरिए कुल 2.3 करोड़ रुपये भेजने के लिए मजबूर किया गया. जब उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ, तब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और इस स्कैम के बारे में पता चला. यह स्कैम दिखाता है कि साइबर अपराधी कितनी चालाकी से लोगों को शिकार बनाते हैं.

फेक इन्वेस्टमेंट स्कीम

जुलाई 2024 में तेलंगाना के एक 75 वर्षीय रिटायर्ड मैनेजर को एक फर्जी निवेश योजना (Investment Plan) का शिकार बना दिया गया. व्हाट्सएप पर एक इन्वेस्टमेंट प्रपोज़ल आया, जिसमें बड़े रिटर्न का वादा किया गया था. कुछ ही दिनों में, उन्होंने 4 करोड़ रुपये का निवेश किया और जब उनके अकाउंट में 10 करोड़ रुपये दिखे, तो उन्हें और पैसे जमा करने के लिए कहा गया. इस प्रकार के धोखाधड़ी में साइबर अपराधी हाई रिटर्न का लालच देकर लोगों को ठगते हैं और उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं.

साइबर ब्लैकमेल

अगस्त 2024 में पुणे के एक 74 वर्षीय व्यक्ति को साइबर ब्लैकमेल का शिकार होना पड़ा था. साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए उन्हें कई बार फोन किया और उन्हें बैंक में जाकर 97 लाख रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया. इस साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले धोखेबाजों ने पीड़ित व्यक्ति को यह धमकी दी कि अगर उसने पैसे नहीं दिए तो उन्हें कानूनी मामले में फंसाया जाएगा. इस प्रकार की धोखाधड़ी ने यह दिखाया कि साइबर ब्लैकमेल के शिकार लोगों पर कितना मानसिक और वित्तीय दबाव डाला जाता है.

फेक ट्रेडिंग ऐप

अगस्त 2024 में मुंबई के एक 75 वर्षीय रिटायर्ड शिप कैप्टन को फेक ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से 11.16 करोड़ रुपये का ठगी का शिकार बना दिया गया. यह स्कैम एक व्हाट्सएप ग्रुप से शुरू हुआ, जिसमें उन्हें इन्वेस्ट करने के लिए आकर्षित किया गया. बाद में उनसे कहा गया कि वह अपने फायदे के लिए अतिरिक्त फीस जमा करें, लेकिन जब रिटायर्ड शिप कैप्टन ने अपना पैसा निकालने की कोशिश की तो उनका पैसा उन्हें वापस नहीं मिला.

Biggest tech and cyber scams of 2024
2024 के बड़े टेक और साइबर स्कैम्स (ETV Bharat Graphic)

फेक सुप्रीम कोर्ट सुनवाई

अगस्त 2024 में, वर्धमान ग्रुप के चेयरपर्सन एस. पी. ओसवाल को भी एक धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया था. धोखेबाजों ने उन्हें एक फर्जी ऑनलाइन कोर्ट सुनवाई में शामिल किया और उन्हें कहा कि वे जांच के हिस्से के रूप में अपनी रकम एक अकाउंट में ट्रांसफर करें. डर के कारण ओसवाल ने अपनी पूरी रकम ट्रांसफर कर दी. बाद में, जब उन्होंने मामले की रिपोर्ट की, तो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 5.2 करोड़ रुपये की वसूली की गई.

डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स

नवंबर में बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 11.8 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. साइबर अपराधियों ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि उसका आधार नंबर और सिम कार्ड का गलत इस्तेमाल हो रहा है, और अगर वह सहयोग नहीं करेगा तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. आजकल डिजिटल अरेस्ट के और भी कई मामले सामने आए, जिसमें देखा गया है कि अपराधी पुलिस, सीआईडी, ईडी, जज जैसे बड़े पद के नाम पर फोन करते हैं, डराते हैं और फिर लोगों को ठगते हैं. इस प्रकार के स्कैम्स ने यह दिखाया कि साइबर अपराधी किस तरह से लोगों को डरा कर उनके पैसे लूटते हैं.

साइबर धोखाधड़ी से बचने के टिप्स

पहचान की पुष्टि करें: कभी भी अनजान कॉल या मैसेज से अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेयर न करें. किसी भी कूरियर या कानूनी मामले से संबंधित जानकारी की जांच करें और कोई भी एक्शन लेने से पहले कंफर्म करें.

डीपफेक वीडियो से सावधान रहें: ऐसे वीडियो और ऑडियो क्लिप्स पर विश्वास न करें जो मशहूर हस्तियों से जुड़े हों, और उन्हें बिना जांचे किसी के साथ भी शेयर न करें.

नकली इन्वेस्टमेंट प्लान से सतर्क: आजकल साइबर क्रिमिनल्स कई तरह के नकली इन्वेस्टमेंट प्लान का लालच देते हैं. ऐसे में लोगों को किसी भी तरह के प्लान में निवेश करने से पहले उसकी ठीक से जांच करनी चाहिए.

साइबर ब्लैकमेल से बचें: अगर आपको कोई कॉल या मैसेज के जरिए किसी भी प्रकार की धमकी दे रहा है और ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा था है, तो जल्द से जल्द उसकी शिकायत पुलिस को करें.

ट्रेडिंग ऐप्स की जांच करें: अगर आप किसी भी प्लेटफॉर्म्स के जरिए ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो आप एक भी रुपये की ट्रेडिंग करने से पहले उस प्लेटफॉर्म की जांच करें और हमेशा किसी सर्टिफाइड प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करें.

यह भी पढ़ें: Nasa के Parker Solar Probe स्पेसक्राफ्ट ने रचा इतिहास, सूरज के सबसे पास जाकर भी रहा सुरक्षित

हैदराबाद: साल 2024 के दौरान भारत में साइबर धोखाधड़ी के कई खतरनाक उदाहरण सामने आए. इस साल डिजिटल दुनिया में धोखाधड़ी यानी ऑनलाइन फ्रॉड के तरीके पहले से भी ज्यादा खतरनाक और डिजिटल हो गए. जैसे कि क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और बॉलीवुड अभिनेत्री रश्मिका मंधाना के नाम पर डीपफेक (Deep Fake) का इस्तेमाल किया गया.

वहीं फेक फेडेक्स कूरियर स्कैम जैसी स्कैम्स भी देखने को मिले. फर्जी इन्वेस्टमेंट प्लान्स और साइबर ब्लैकमेलिंग के मामलों ने भी लोगों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है. इसके अलावा 75 वर्षीय व्यक्ति को फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए करोड़ों रुपये का ठगी का शिकार होना पड़ा.

रिपोर्ट के अनुसार 1 जनवरी से 11 नवंबर तक 14 लाख साइबरक्राइम केस रजिस्टर्ड किए गए हैं. आइए हम आपको इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ऑनलाइन स्कैम्स के बारे में बताते हैं, जो 2024 के दौरान हुए हैं.

[नोट: इन स्कैम्स ने अनेक लोगों को प्रभावित किया है, हमने इस आर्टिकल में कुछ व्यक्तिगत मामलों की जानकारी दी है, जिससे इन स्कैम्स के तरीको का पता चलता है.]

डीप फेक वीडियो प्रमोशन

जनवरी 2024 में दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी एक डीपफेक वीडियो बनाकर लोगों के साथ ऑनलाइन स्कैम किया गया था. सचिन के इस नकली वीडियो में उन्हें एक गेम Skyward Aviator Quest को प्रमोट करते हुए दिखाया गया था, जबकि यह पूरी तरह से झूठा था. सचिन ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए जानकारी देकर लोगों को बताया था कि वो वीडियो नकली है. सचिन ने इसके खिलाफ सोशल मीडिया से कार्रवाई की अपील भी की थी. उनके अलावा विराट कोहली और बॉलीवुड अभिनेत्री रश्मिका मंधाना की भी डीपपेक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल की गई थी. इससे समझ में आता है कि डीपफेक टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है और इससे न सिर्फ लोगों की छवि खराब हो रही है बल्कि काफी आर्थिक नुकसान भी हो रहा है.

फेक फेडएक्स कूरियर स्कैम

फरवरी 2024 में बेंगलुरु के एक आईटी कंपनी के सीईओ को एक कॉल आई, जिसमें किसी ने खुद को मुंबई से फेडएक्स कूरियर एजेंट बताते हुए कहा कि उनके नाम से एक अवैध पार्सल पकड़ा गया है. उसके बाद उन्हें पुलिस वाले के रूप में एक और व्यक्ति से बात करने को कहा गया, जिसने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इस दौरान सीईओ को आठ ट्रांजेक्शंस के जरिए कुल 2.3 करोड़ रुपये भेजने के लिए मजबूर किया गया. जब उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ, तब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और इस स्कैम के बारे में पता चला. यह स्कैम दिखाता है कि साइबर अपराधी कितनी चालाकी से लोगों को शिकार बनाते हैं.

फेक इन्वेस्टमेंट स्कीम

जुलाई 2024 में तेलंगाना के एक 75 वर्षीय रिटायर्ड मैनेजर को एक फर्जी निवेश योजना (Investment Plan) का शिकार बना दिया गया. व्हाट्सएप पर एक इन्वेस्टमेंट प्रपोज़ल आया, जिसमें बड़े रिटर्न का वादा किया गया था. कुछ ही दिनों में, उन्होंने 4 करोड़ रुपये का निवेश किया और जब उनके अकाउंट में 10 करोड़ रुपये दिखे, तो उन्हें और पैसे जमा करने के लिए कहा गया. इस प्रकार के धोखाधड़ी में साइबर अपराधी हाई रिटर्न का लालच देकर लोगों को ठगते हैं और उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं.

साइबर ब्लैकमेल

अगस्त 2024 में पुणे के एक 74 वर्षीय व्यक्ति को साइबर ब्लैकमेल का शिकार होना पड़ा था. साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए उन्हें कई बार फोन किया और उन्हें बैंक में जाकर 97 लाख रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया. इस साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले धोखेबाजों ने पीड़ित व्यक्ति को यह धमकी दी कि अगर उसने पैसे नहीं दिए तो उन्हें कानूनी मामले में फंसाया जाएगा. इस प्रकार की धोखाधड़ी ने यह दिखाया कि साइबर ब्लैकमेल के शिकार लोगों पर कितना मानसिक और वित्तीय दबाव डाला जाता है.

फेक ट्रेडिंग ऐप

अगस्त 2024 में मुंबई के एक 75 वर्षीय रिटायर्ड शिप कैप्टन को फेक ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से 11.16 करोड़ रुपये का ठगी का शिकार बना दिया गया. यह स्कैम एक व्हाट्सएप ग्रुप से शुरू हुआ, जिसमें उन्हें इन्वेस्ट करने के लिए आकर्षित किया गया. बाद में उनसे कहा गया कि वह अपने फायदे के लिए अतिरिक्त फीस जमा करें, लेकिन जब रिटायर्ड शिप कैप्टन ने अपना पैसा निकालने की कोशिश की तो उनका पैसा उन्हें वापस नहीं मिला.

Biggest tech and cyber scams of 2024
2024 के बड़े टेक और साइबर स्कैम्स (ETV Bharat Graphic)

फेक सुप्रीम कोर्ट सुनवाई

अगस्त 2024 में, वर्धमान ग्रुप के चेयरपर्सन एस. पी. ओसवाल को भी एक धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया था. धोखेबाजों ने उन्हें एक फर्जी ऑनलाइन कोर्ट सुनवाई में शामिल किया और उन्हें कहा कि वे जांच के हिस्से के रूप में अपनी रकम एक अकाउंट में ट्रांसफर करें. डर के कारण ओसवाल ने अपनी पूरी रकम ट्रांसफर कर दी. बाद में, जब उन्होंने मामले की रिपोर्ट की, तो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 5.2 करोड़ रुपये की वसूली की गई.

डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स

नवंबर में बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 11.8 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. साइबर अपराधियों ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि उसका आधार नंबर और सिम कार्ड का गलत इस्तेमाल हो रहा है, और अगर वह सहयोग नहीं करेगा तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. आजकल डिजिटल अरेस्ट के और भी कई मामले सामने आए, जिसमें देखा गया है कि अपराधी पुलिस, सीआईडी, ईडी, जज जैसे बड़े पद के नाम पर फोन करते हैं, डराते हैं और फिर लोगों को ठगते हैं. इस प्रकार के स्कैम्स ने यह दिखाया कि साइबर अपराधी किस तरह से लोगों को डरा कर उनके पैसे लूटते हैं.

साइबर धोखाधड़ी से बचने के टिप्स

पहचान की पुष्टि करें: कभी भी अनजान कॉल या मैसेज से अपनी व्यक्तिगत जानकारी शेयर न करें. किसी भी कूरियर या कानूनी मामले से संबंधित जानकारी की जांच करें और कोई भी एक्शन लेने से पहले कंफर्म करें.

डीपफेक वीडियो से सावधान रहें: ऐसे वीडियो और ऑडियो क्लिप्स पर विश्वास न करें जो मशहूर हस्तियों से जुड़े हों, और उन्हें बिना जांचे किसी के साथ भी शेयर न करें.

नकली इन्वेस्टमेंट प्लान से सतर्क: आजकल साइबर क्रिमिनल्स कई तरह के नकली इन्वेस्टमेंट प्लान का लालच देते हैं. ऐसे में लोगों को किसी भी तरह के प्लान में निवेश करने से पहले उसकी ठीक से जांच करनी चाहिए.

साइबर ब्लैकमेल से बचें: अगर आपको कोई कॉल या मैसेज के जरिए किसी भी प्रकार की धमकी दे रहा है और ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा था है, तो जल्द से जल्द उसकी शिकायत पुलिस को करें.

ट्रेडिंग ऐप्स की जांच करें: अगर आप किसी भी प्लेटफॉर्म्स के जरिए ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो आप एक भी रुपये की ट्रेडिंग करने से पहले उस प्लेटफॉर्म की जांच करें और हमेशा किसी सर्टिफाइड प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करें.

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