चेन्नई : आईआईटी मद्रास में इनक्यूबेट किए गए स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने गुरुवार को सिंगल-पीस थ्री-डायमेंशनल (3डी) प्रिंटेड इंजन वाला दुनिया का पहला रॉकेट लॉन्च किया. रॉकेट अग्निबाण एसओआरटीईडी (सबऑर्बिटल टेक्नोलॉजिकल डेमोंस्ट्रेटर) भी भारत का पहला सेमी-क्रायोजेनिक इंजन संचालित रॉकेट लॉन्च है जिसे पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है.
इसे आज सुबह 7.15 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में अग्निकुल द्वारा स्थापित भारत के पहले निजी तौर पर विकसित लॉन्चपैड (India's first privately developed launchpad Dhanush ) 'धनुष' से लॉन्च किया गया.लॉन्च पैड Dhanush श्रीहरिकोटा में ISRO के रॉकेट पोर्ट के अंदर स्थित है. परीक्षण उड़ान का उद्देश्य इन-हाउस और स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करना,महत्वपूर्ण उड़ान डेटा एकत्र करना और अग्निकुल के कक्षीय प्रक्षेपण यान, ' Agnibaan के लिए प्रणालियों के इष्टतम कामकाज को सुनिश्चित करना है.
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Congrats @AgnikulCosmos!!! @IITMadras incubated Agnikul successfully completes world’s 1st rocket launch from India’s 1st & only private launchpad within SDSC-SHAR. It's the world’s 1st flight with single-piece 3D printed rocket engine @satchakra_iitm, @isro @EduMinOfIndia pic.twitter.com/m7KyTJXADz
— IIT Madras (@iitmadras) May 30, 2024
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने एक बयान में कहा, "अंतरिक्ष विभाग और इसरो अग्निकुल कॉसमॉस को 'अग्निबाण - एसओआरटीईडी' के सफल प्रक्षेपण पर बधाई देता है. 3D printed semi-cryogenic engines , फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम आदि सहित कई प्रथमों को शामिल करने वाली सफलता स्वदेशी डिजाइन और नवाचार की शक्ति को प्रदर्शित करती है."
ISRO Chairman S Somanath ने कहा, "यह ISRO को देश में एक जीवंत अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए Innovation और आत्मनिर्भरता के लिए Space startups और गैर-सरकारी संस्थाओं का समर्थन करने के लिए प्रेरित करता है." Agnibaan एक दो-चरण वाला रॉकेट है जिसकी क्षमता 300 किलोग्राम तक का भार 700 किमी की ऊँचाई तक ले जाने की है. रॉकेट इंजन तरल ऑक्सीजन/केरोसिन द्वारा संचालित होते हैं. कंपनी के अनुसार, यह कम और उच्च झुकाव वाली दोनों कक्षाओं तक पहुँच सकता है और पूरी तरह से मोबाइल है - इसे 10 से अधिक लॉन्च पोर्ट तक पहुँचने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
अग्निकुल कॉसमॉस के संस्थापक सलाहकार और IIT Madaras में राष्ट्रीय दहन अनुसंधान और विकास केंद्र- NCCRD के प्रमुख सत्यनारायणन आर चक्रवर्ती ने कहा, "हमें भारत का पहला सेमी-क्रायो रॉकेट इंजन ( India's first Semi-cryo rocket engine ) पेश करने पर गर्व है, जो दुनिया का सबसे एकीकृत सिंगल शॉट 3D printed पीस भी है. यह रॉकेट को तेज़ी से असेंबल करने की क्षमता का संकेत देता है, जो बेजोड़ है." निजी रॉकेट निर्माता कंपनी द्वारा 2025 के वित्तीय वर्ष के अंत तक एक कक्षीय मिशन लॉन्च करने की संभावना है और कंपनी ने कहा CY 2025 से नियमित रूप से शुरू होने वाली उड़ानों पर ग्राहकों के साथ काम कर रही है.