हैदराबाद: ICE इंजनों के साथ बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर के इस्तेमाल वाली हाइब्रिड कारों को पिछले कुछ सालों में काफी लोकप्रियता मिली है. अब बाजार में माइल्ड हाइब्रिड सिस्टम के साथ-साथ स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड सिस्टम वाली कारें भी बेची जा रही हैं.
हाइब्रिड पावरट्रेन का सबसे सामान्य रूप एक मजबूत हाइब्रिड पावरट्रेन है, जिसमें एक दहन इंजन, एक बैटरी और एक इलेक्ट्रिक मोटर एक वाहन को चलाने के लिए मिलकर काम करते हैं. ऐसे वाहन स्वयं चार्ज होते हैं और वाहन को चार्ज करने के लिए किसी बाहरी इलेक्ट्रिक स्रोत की जरूरत नहीं होती है.
Maruti Suzuki कर रही किफायती हाइब्रिड तकनीक पर काम
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki, भारत में मजबूत हाइब्रिड के सबसे मजबूत समर्थकों में से एक रही है, हालांकि यह इस तकनीक को अपनी पार्टनर कंपनी Toyota से उधार लेती है. मौजूदा समय में Maruti Grand Vitara और Invicto जैसे हाई-एंड प्रीमियम मॉडल में ऐसी तकनीक प्रदान की जा रही है.
हालांकि, इंडो-जापानी कार निर्माता अधिक मास-मार्केट कारों के लिए इस हाइब्रिड तकनीक का अधिक किफायती वर्जन पेश करने का इरादा रखता है. इस बात का खुलासा Maruti Suzuki India Limited (MSIL) के चेयरमैन आरसी भार्गव ने किया है. वित्त वर्ष 2023-24 की आय बैठक के बाद हाल ही में एक वर्चुअल मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान, भार्गव ने इस योजना के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि मूल कंपनी Suzuki कॉम्पैक्ट कारों के लिए एक किफायती हाइब्रिड समाधान पर काम कर रही है. यह तकनीक Swift, Baleno और Fronx जैसी छोटी कारों के लिए इस्तेमाल की जाएगी. इसके परिणामस्वरूप रियल वर्ल्ड फ्यूल इकोनॉमी नंबर में काफी सुधार होगा. हालांकि, इसे वास्तविकता बनाने के लिए, हाइब्रिड वाहनों के लिए मौजूदा कराधान नियमों में संशोधन करने की आवश्यकता होगी.
उन्होंने बताया कि अभी तक, हाइब्रिड वाहन पर 43 प्रतिशत का भारी जीएसटी लगाया जाता है, जो वाहन की अंतिम कीमत में जुड़ जाता है. इसकी तुलना में, पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बैटरी से चलने वाले वाहनों पर केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है. उन्होंने कहा कि बदलाव की उम्मीद बनी हुई है.
कुछ महीने पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उन्होंने हाइब्रिड वाहनों के लिए जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत और फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों के लिए 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था. कार खरीदने के लिए कीमत अभी भी सबसे महत्वपूर्ण कारक बनी हुई है और यह जरूरी है कि हाइब्रिड वाहनों की कीमतें प्रतिस्पर्धी बनी रहें.