नई दिल्ली: महंगाई के इस दौर में लोग पैसे बचाने के लिए क्या कुछ नहीं करते. सब्जी खरीदने से लेकर होम अप्लायंस के इस्तेमाल तक लोग हर जगह पैसे की बचाने की कोशिश करते हैं. इतना ही नहीं कुछ इस जुगत में लगे रहते हैं कि घर का बिजली बिल काम आए. इसके लिए वह कई तरह के टिप्स भी फॉलो करते हैं.
बिजली का बिल घटाने के लिए लोग बिजली की ज्यादा खपत करने वाले होम अप्लायंस को इस्तेमाल करने से बचते हैं. हालांकि, कई चीजें ऐसी जिनकी उन पर नजर नहीं पड़ती, लेकिन वह लगातार बिजली कंज्यूम करती हैं. इनमें से एक है स्विच बोर्ड पर लगी रेड लाइट, जो लगभग हमेशा ऑन रहती है और लगातार बिजली की खपत करती है.
लाइट आने का संकेत है लाल बत्ती
दरअसल, स्विच बोर्ड पर लगी यह रेड लाइट एक इंडिकेटर होती है, जो बताती है कि घर में बिजली है या नहीं. यह इंडिकेटर जब तक स्वीच बोर्ड में लाइट आती है , तब तक ऑन रहेता है और लगातार बिजली की खपत करता है. मान लीजिए अगर आपके घर में 24 घंट बिजली आती है, तो यह पूरे दिन बिजली खपत करेगा, जिससे बिजली के बिल में इजाफा होगा.
कितनी बिजली खपत करता है इंडिकेटर?
घरों में बिजली की सप्लाई आमतौर पर 230-240 वोल्ट पर होती है. इसके चलचे एक इंडिकेटर हर घंटे 0.3 से 0.5 वॉट यानी 24 घंटे में करीब 7.2 वॉट बिजली की खपत करता है. ऐसे में अगर आपके घर में 10 स्विच बोर्ड हैं तो इन पर लगी रेड लाइट हर रोज 72 वॉट बिजली की खपत करेगी. इस तरह यह इंडिकेटर महीने में आपकी 2 से 2.5 यूनिट बिजली खर्च कर सकता है.
कितना जरूरी है इंडिकेटर?
अगर आपके घर में 10 स्विच बोर्ड है और इन पर लगी रेड लाइट 72 वॉट की बिजली खपत करती है, तो यह आपके जेब पर कोई खाल प्रभाव नहीं डालती. क्योंकि यह आंधी-तूफान जैसी आपदा के मौके यह बताती है कि घर में बिजली है या नहीं.
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