हैदराबाद: केंद्र सरकार ने क्लोज्ड-सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरों के माध्यम से सूचना लीक के खतरे पर एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को उन ब्रांडों से उपकरण खरीदने से बचने की सलाह दी गई है, जिनका सुरक्षा उल्लंघनों और डेटा लीक का बैकग्राउंड रहा है. इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने मार्च में इंटरनल एडवाइजरी जारी की थी. इस एडवाइजरी में सरकारी मंत्रालयों और विभागों को सीसीटीवी कैमरों एवं आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) उपकरणों की सुरक्षा और अखंडता की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक खरीद के दिशा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई.
बता दें कि केंद्र सरकार ने यह कदम सर्विलांस कैमरों में सुरक्षा खामियों के कारण विभिन्न साइबर सुरक्षा घटनाओं को देखने के बाद उठाया है. सरकार ने 11 मार्च को जारी एडवाइजरी में कहा था 'ये सर्विलांस टेक्नोलॉजी कई तरह का फायदा देती है. यह निगरानी और सुरक्षा की लिहाज से महत्वपूर्ण उपकरण है, लेकिन ये कुछ चिंताएं और जोखिम भी लाती हैं. सीसीटीवी सिस्टम से जुड़े कुछ बढ़ते जोखिमों में डेटा सिक्योरिटी, प्राइवेसी उल्लंघन, हैकिंग और साइबर अटैक आदि भी शामिल है.
विभिन्न मंत्रालयों और विभागों ने सीसीटीवी कैमरों की तैनाती और ऐसे उपकरणों के हार्डवेयर टेस्टिंग से जुड़े सुरक्षा पहलुओं के बारे में चिंता जताई. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने मंत्रालयों से खरीद दिशा निर्देशों विशेष रूप से सार्वजनिक खरीद आदेश (मेक इन इंडिया) 2017 और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सामान (अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता) आदेश, 2021 का पालन करने को कहा है.