चित्तौड़गढ़. जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक बुधवार को सभा भवन में हुई. इसमें गर्मी के दौरान आसन्न पेयजल संकट पर चिंता जताते हुए जन प्रतिनिधियों ने तत्काल प्रभाव से योजना बनाने की जरूरत पर जोर दिया. जिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह बडोली ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से मामले को गंभीरता से लेते हुए पेयजल संकट से निपटने की योजना तैयार करने को कहा.
जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक 7 मार्च को कोरम के अभाव में निरस्त कर दी गई थी, वह अब बुधवार को हुई. जिला प्रमुख की अध्यक्षता में विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, कपासन विधायक अर्जुन लाल जीनगर, बेगूं विधायक डॉ सुरेश धाकड़ भी पहुंचे और अपने-अपने क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं को सदन में रखा. जिला परिषद के साथ पंचायत समिति सदस्यों द्वारा भी क्षेत्रीय समस्याओं को सदन के समक्ष रखा गया.
जनप्रतिनिधियों की ओर से पेश की गई समस्याओं में अधिकांश में पेयजल संकट प्रमुख था. कपासन, भूपाल सागर, गंगरार, राशमी, डूंगला बड़ी सादड़ी आदि क्षेत्रों में आने वाले दिनों में पेयजल को लेकर स्थिति विकट हो सकती है. जिला प्रमुख ने विभाग के अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से समस्या से निपटने की योजना बनाकर सरकार को भेजने के निर्देश दिए. विधायक आक्या ने परिवहन विभाग द्वारा मार्च के टारगेट के नाम पर चौथ वसूली का मसला उठाया. उनका आरोप था कि परिवहन विभाग के कर्मचारियों द्वारा जगह-जगह वाहनों को रोका जाता है और प्राइवेट गार्ड के जरिए वाहन चालकों से लूट मचा रखी है. यह सरकार को बदनाम करने की साजिश है.
बैठक में जिला परिषद सदस्य डेयरी अध्यक्ष बद्रीलाल जाट जगपुरा, भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष बद्रीलाल सिंहपुर सहित तमाम सदस्य और अधिकारी मौजूद थे. जिला प्रमुख ने बताया कि बैठक के दौरान नरेगा की वर्ष 2024- 25 की वार्षिक कार्य योजना के साथ जिला परिषद और पंचायत समितियां के बजट का अनुमोदन किया गया. साथ ही क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं पर भी चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए.