कुल्लू: हिमाचल में राजनीतिक हलचल से पूरे प्रदेशभर में सियासी चर्चाओं का दौर जारी है. 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के 6 विधायकों द्वारा की क्रॉस वोटिंग के बाद से प्रदेश में सियासी संग्राम छिड़ गया, जो कि अभी तक जारी है. जहां एक ओर कांग्रेस सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं, भाजपा ऑपरेशन लोटस की तैयारी में है. ऐसे में प्रदेश के युवा वर्ग का इस सियासी हलचल पर क्या कहना है? आइए जानते हैं.
सियासी उथल-पुथल से युवा परेशान
कुल्लू जिले के युवाओं ने प्रदेश में चल रही सियासी उठापठक को लेकर कहा कि सरकार और राजनीतिक पार्टियों को प्रदेश के विकास की ओर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. उनका कहना है कि इस राजनीति हलचल को देखकर वे लोग परेशान हो गए हैं. युवाओं ने कहा कि सरकार को युवा वर्ग और रोजगार के लिए नई नीति बनानी चाहिए, ताकि रोजगार की राह ताक रहे युवाओं को भी कुछ लाभ हो.
'राजनीतिक अस्थिरता स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक'
युवाओं का कहना है कि उन्होंने अभी तक अपने जीवन में हिमाचल प्रदेश में ऐसा राजनीतिक तनाव नहीं देखा है. आए दिन कोई न कोई नया राजनीतिक बयान आ रहा है. आखिर प्रदेश किस दिशा की ओर जा रहा है? युवाओं ने कहा कि इस तरह की राजनीतिक अस्थिरता स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक है. इन सबके चलते प्रदेश के विकास को भी काफी ज्यादा नुकसान होगा. युवाओं का कहना है कि सरकार चाहे कांग्रेस की हो या फिर बीजेपी की, सरकार को सिर्फ प्रदेश के विकास की ओर ध्यान देना चाहिए.
वहीं, युवाओं ने कहा कि प्रदेश में लाखों युवा आज रोजगार के लिए सरकार की और देख रहे हैं, लेकिन सरकार अभी तक युवाओं को रोजगार उपलब्ध नहीं करवा पाई है. अब सरकार को हालात सुधारने की दिशा में काम करना चाहिए. दोबारा प्रदेश में इस तरह के हालात कभी नहीं बनने चाहिए, क्योंकि इससे विकास में रुकावट होती है और युवाओं का भविष्य भी अंधकार में डूबता है.
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