देवघर: जिले में नौकरी के लिए भाई ही अपने भाई के दुश्मन बन गए. दो भाइयों ने मिलकर अपने छोटे भाई पर कई बार हमला किया, लेकिन भगवान छोटे भाई पर मेहरबान रहे, हर बार वह बच गया, फिलहाल उसका इलाज चल रहा है. मामले को लेकर पुलिस में शिकायत की गई है, जिसके बाद कार्रवाई शुरू कर दी गई है. पूरा मामला सारवां थाना क्षेत्र के नया बधियारा गांव का है.
दरअसल, निर्मल दास चौकीदारी का काम करते थे, लेकिन पिछले कई महीनों से वह मानसिक रूप से बीमार हैं. इसलिए विभाग ने उनकी जगह उनके बेटे को नौकरी देने की बात कही. इसलिए निर्मल दास की पत्नी ने फैसला किया कि वह पिता की जगह सबसे छोटे बेटे संदीप दास को नौकरी दिलवाएंगी. क्योंकि उनके दो बेटों की शादी हो चुकी है, सिर्फ संदीप की शादी होनी बाकी है.
यह बात उनके दोनों बेटों को बुरी लगी और वह हर दिन अपने घर में इस बात को लेकर झगड़ा करते रहते कि उन्हें पिता की जगह नौकरी क्यों नहीं दी गई, सबसे छोटे भाई को नौकरी क्यों मिली? घायल संदीप दास की मां ने बताया कि इसी बात से नाराज होकर उनके बड़े बेटे पांडू दास ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर बुधवार को अपने छोटे भाई पर हमला कर दिया. हमले में संदीप बाल-बाल बच गया. इसके बाद उसने सारवां थाने में मामला दर्ज कराया. जिस पर सारवां थाने की पुलिस ने अगले दिन कार्रवाई करने की बात कही.
घायल संदीप दास ने बताया कि फिर से उसी दिन देर रात बड़े भाई पांडू दास ने फिर अपने छोटे भाई संदीप दास के सिर के पीछे वार कर दिया. इसके बाद संदीप के मुंह और हाथ बांधकर बोरे में भरकर नदी किनारे फेंक दिया. लेकिन किस्मत से संदीप की जान बच गई. सुबह जब लोग नदी किनारे पहुंचे तो लोगों ने देखा कि बोरे में कुछ हलचल हो रही है. जिस पर लोगों ने बोरा खोला तो संदीप जिंदा था. लोगों ने उसके परिजनों को सूचना दी. परिजनों ने संदीप को बेहतर इलाज के लिए देवघर के सदर अस्पताल ले गए, जहां उसकी हालत में सुधार है. घायल संदीप दास और उसकी मां की ओर से सारवां थाने में मामला दर्ज कराया गया है. पुलिस की ओर से कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
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