सुल्तानपुर: यूपी के सुल्तानपुर में एक युवक ने अपनी हत्या की फर्जी साजिश रच कर दूसरे युवक की जलाकर हत्या कर दी. प्रेमिका की खातिर घर वालों से छुटकारा पाने और लोन के पैसे न चुकाने के लिए, युवक ने साथियों के साथ मिलकर साजिश रची. वारदात को अंजाम देने के बाद युवक मौके से फरार हो गया. मुखबिर और सर्विलांस के जरिए जब मामले का खुलासा हुआ, तो सब के सब दंग रह गए.
दरअसल, देहात कोतवाली क्षेत्र के दूबेपुर गांव का रहने वाला विक्रांत वर्मा कीसी तरह अपना जीवन यापन करता था. अचानक वह विगत 15 जनवरी को सुल्तानपुर अपने घर पहुंचा. इसके बाद अपनी बाइक लेकर घर से निकला, तो वापस नहीं लौटा. अगले दिन 16 जनवरी की सुबह निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के पास विक्रांत की बाइक खड़ी मिली. साथ ही एक शव पूरी तरह से जला हुआ मिला. जिसकी पहचान विक्रांत के परिजनों ने विक्रांत के रूप में की. शुरुवात में पुलिस द्वारा आशंका व्यक्त की गई, कि शायद शराब के नशे में अलाव तापते समय वह आग की चपेट में जल गया होगा. लेकिन, परिजन लगातार इसे हत्या बता रहे थे.
इसके बाद पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू की. मुखबिर के जरिए सूचना मिली की शादीशुदा होने के बाद भी गांव की एक लड़की से विक्रांत का प्रेम प्रसंग चल रहा था. इसके बाद पुलिस ने सर्विलांस के जरिए सूचना एकत्रित करनी शुरू की. तहकीकात में पता चला, कि विक्रांत अभी भी जिंदा है. वह हरियाणा के पानीपत में रह रहा है. आनन फानन में पुलिस पानीपत पहुंची और विक्रांत को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद विक्रांत से कड़ाई से पूछताछ की गई. जिसके बाद विक्रांत ने सच उगल दिया.
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दरअसल, विक्रांत ने बिजनेस के लिए लाखों रुपये का लोन ले रखा था, साथ ही गांव की लड़की से विक्रांत का प्रेम प्रसंग चल रहा था. परिवार, पत्नी और बच्चों से छुटकारा पाने के लिए और लोन न अदा करने के लिए उसने अपने कासगंज के रहने वाले दो साथियों शक्तिमान और अनुज साहू के साथ मिलकर घिनौनी साजिश रची. ये सभी 15 जनवरी को ट्रेन से सुल्तानपुर पहुंचे. जिसके बाद विक्रांत घर चला आया और बाकी सब होटल में रुक गए.
दूसरे दिन सभी मिले और अमहट के पास एक शराब के ठेके के पास बैठे नशे में चूर एक युवक को पकड़ लिया. इसके बाद युवक को लेकर सभी निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के पास बने फॉर्म हाउस में ले गए. जहां इन तीनों ने पहले युवक की गला दबाकर हत्या की. इसके बाद विक्रांत ने उसे अपने कपड़े पहनाए और अपना मोबाइल उसकी जेब में डाल दिया. बाइक से पेट्रोल छिड़ककर उसे आग लगा दी और अपनी हत्या की साजिश दिखाने के लिए बाइक वहीं खड़ी कर दी, इसके बाद विक्रांत और उसके सभी साथी हरियाणा भाग निकले.
पुलिस की माने तो, जिस युवक को इन लोगों ने मौत के हवाले किया था, उसकी पहचान अयोध्या के खंडासा रौतावा के रहने वाले द्वारिकानाथ शुक्ला के रूप में हुई है. जो कि सीएचसी दूबेपुर में संविदा चालक के रूप में तैनात था. बहरहाल, पुलिस ने विक्रांत सहित उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस इस मामले में विधिक कार्रवाई कर रही है.
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