लखनऊ: 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में राज्य सरकार ने मन बना लिया है कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश का पालन करते हुए विभागीय कार्रवाई करेगी. यानी कि यह तय है कि राज्य सरकार आरक्षण के हिसाब से जो कुछ हाईकोर्ट ने तय किया है, उसका पालन करेगी. पूर्व में जिन लोगों को नियुक्ति मिली है, उनको राहत सुप्रीम कोर्ट से ही मिल पाएगी.
प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के आदेश के बाद विभागीय कार्रवाई के लिए तैयार है. फिलहाल 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी. 69000 शिक्षक भर्ती प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से अवगत कराया. इसके बाद में मुख्यमंत्री योगी ने यह निर्देश दिया कि सर्वोच्च न्यायालय के ऑबजर्वेशन और इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के निर्णय के अनुसार विभाग कार्रवाई की जाये.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान में कहा है कि सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्राप्त होना ही चाहिये. किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिये. पिछले दिनों 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश दिया था. पूर्व में हुई पूरी प्रक्रिया को निरस्त किया गया था.
नियुक्ति के लिए आरक्षण की जो व्यवस्था है, उसे लागू करने के लिए सरकार को निर्देशित किया गया है. इसके बाद में फिलहाल सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि हाई कोर्ट के आदेश का पालन होने जा रहा है. दूसरी ओर इस मामले में नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएंगे, जहां सरकार एक पार्टी के तौर पर शामिल होगी.