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EV पर योगी सरकार दे रही तगड़ी छूट; जल्दी ले लें, नहीं तो छूट हो जाएगी खत्म, जानिए कब तक मिलेगी सब्सिडी - ELECTRIC VEHICLES SUBSIDY

Electric Vehicles Subsidy: सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट की अवधि साल 2027 तक ही रखी है और गाड़ियों की संख्या भी तय है.

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EV पर योगी सरकार दे रही तगड़ी छूट. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 5, 2024, 9:53 AM IST

लखनऊ: डीजल और पेट्रोल वाहनों से किनारा कर अब लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ तेजी से रुख कर रहे हैं. हालांकि पहले ईवी खरीदने में लोग सुस्ती दिखा रहे थे, लेकिन जब सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में सब्सिडी की घोषणा की तो लोगों ने ईवी की तरफ रुख किया और अब इन वाहनों की मांग बढ़ती जा रही है.

ऐसे में अगर आप भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते हैं तो जल्दी करें नहीं तो यह मौका हाथ से निकल सकता है. वजह है कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट की अवधि साल 2027 तक ही रखी है और गाड़ियों की संख्या भी तय है. अवधि गुजरने के बाद और बजट समाप्त होने पर किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी. ऐसे में अगर छूट से वंचित नहीं होना है तो समय खत्म होने से पहले ही इलेक्ट्रिक वाहन अपने नाम करा लें.

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में छूट देने का घोषणा की थी, लेकिन सरकार की मंशा के स्वरूप इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने में लोग दिलचस्पी दिखा नहीं रहे थे. इसके बाद सरकार ने सब्सिडी देने की अवधि बढ़ाकर 2027 तक कर दी. अब इलेक्ट्रिक वाहनों पर साल 2027 तक सब्सिडी दी जाएगी. इसके लिए 403.97 करोड रुपए का बजट रखा है, साथ ही सभी श्रेणी के वाहनों की संख्या भी निर्धारित कर दी है.

बजट खत्म हुआ तो बाद में बिके हुए इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट का लाभ नहीं मिलेगा. अगर बजट बचा रहा तो तय समय सीमा में बढ़ोतरी की जा सकती है. दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर ₹5000 की छूट या एक्स फैक्ट्री की लागत का 15%. इसके लिए 100 करोड रुपए का बजट आवंटित किया गया है. थ्री व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन की छूट के लिए 12 हजार रुपए और 36 करोड़ रुपए बजट निर्धारित है.

चार पहिया वाहन के लिए एक लाख रुपए और 250 करोड़ का बजट है. 400 ई बस के लिए प्रति बस 20 लाख रुपए के हिसाब से 80 करोड़ रुपए तक की छूट मिलेगी. ई गुड्स कैरियर के 1000 वाहनों के लिए 10 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है.

कितने वाहनों पर मिलेगी छूट: साल 2027 तक दो लाख दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट मिलेगी. तीन पहिया वाले 30000 इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट मिलेगी. चार पहिया 25000 इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी मिलेगी. गैर सरकारी ई बसों के संख्या 400 निर्धारित की गई है जिन्हें सब्सिडी दी जाएगी. ई गुड्स कैरियर की संख्या 1000 निर्धारित की गई है.

एग्रीगेटर्स फ्लीट ऑपरेटर क्रेताओं को क्रय सब्सिडी अधिकतम 10 दो पहिया वाहन या चार पहिया वाहन की खरीद पर और अधिकतम पांच इलेक्ट्रिक बस या ई गुड्स कैरियर की खरीद पर छूट मिलेगी. अगर किसी स्थिति में खरीदार बिना बैटरी के इलेक्ट्रिक वाहन खरीदता है तो सब्सिडी का सिर्फ 50% ही दिया जाएगा.

अब तक यूपी में दर्ज हुए वाहनों की संख्या: उत्तर प्रदेश में अब तक अलग-अलग श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण की बात करें तो साल 2022 से अब तक कुल 9,83,643 वाहन पंजीकृत किए जा चुके हैं. इस साल अप्रैल से नवंबर तक प्रदेश भर में कुल 2,08,038 वाहन दर्ज किए गए हैं.

इनमें इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 11, ई रिक्शा विद कार्ट 12,459, ई रिक्शा पैसेंजर 10,7871, गुड्स कैरियर 106, मैक्सी कैब एक, मोटरसाइकिल/स्कूटर 50,057, मोटर कार 9883, मोटराइज्ड साइकिल 25 सीसी से ऊपर 200, ओमनी बस (प्राइवेट यूज) 19, थ्री व्हीलर गुड्स 780, थ्री व्हीलर पैसेंजर 26, 485 ट्रैक्टर कॉमर्शियल चार.

अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) पुष्पसेन सत्यार्थी का कहना है कि सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जो भी सब्सिडी तय की गई है उन सभी वाहनों को सब्सिडी दी जा रही है. प्रदेश में अलग-अलग श्रेणी के वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है और वाहन स्वामियों को उनके खाते में सब्सिडी भेजी जा रही है. लोग सरकार की तरफ से दी गई सब्सिडी का भरपूर फायदा उठा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तर प्रदेश में ईवी चार्जिंग स्टेशनों का जाल बिछाने जा रही योगी सरकार, मिलेंगी ये सुविधाएं

लखनऊ: डीजल और पेट्रोल वाहनों से किनारा कर अब लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ तेजी से रुख कर रहे हैं. हालांकि पहले ईवी खरीदने में लोग सुस्ती दिखा रहे थे, लेकिन जब सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में सब्सिडी की घोषणा की तो लोगों ने ईवी की तरफ रुख किया और अब इन वाहनों की मांग बढ़ती जा रही है.

ऐसे में अगर आप भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते हैं तो जल्दी करें नहीं तो यह मौका हाथ से निकल सकता है. वजह है कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट की अवधि साल 2027 तक ही रखी है और गाड़ियों की संख्या भी तय है. अवधि गुजरने के बाद और बजट समाप्त होने पर किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी. ऐसे में अगर छूट से वंचित नहीं होना है तो समय खत्म होने से पहले ही इलेक्ट्रिक वाहन अपने नाम करा लें.

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में छूट देने का घोषणा की थी, लेकिन सरकार की मंशा के स्वरूप इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने में लोग दिलचस्पी दिखा नहीं रहे थे. इसके बाद सरकार ने सब्सिडी देने की अवधि बढ़ाकर 2027 तक कर दी. अब इलेक्ट्रिक वाहनों पर साल 2027 तक सब्सिडी दी जाएगी. इसके लिए 403.97 करोड रुपए का बजट रखा है, साथ ही सभी श्रेणी के वाहनों की संख्या भी निर्धारित कर दी है.

बजट खत्म हुआ तो बाद में बिके हुए इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट का लाभ नहीं मिलेगा. अगर बजट बचा रहा तो तय समय सीमा में बढ़ोतरी की जा सकती है. दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर ₹5000 की छूट या एक्स फैक्ट्री की लागत का 15%. इसके लिए 100 करोड रुपए का बजट आवंटित किया गया है. थ्री व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन की छूट के लिए 12 हजार रुपए और 36 करोड़ रुपए बजट निर्धारित है.

चार पहिया वाहन के लिए एक लाख रुपए और 250 करोड़ का बजट है. 400 ई बस के लिए प्रति बस 20 लाख रुपए के हिसाब से 80 करोड़ रुपए तक की छूट मिलेगी. ई गुड्स कैरियर के 1000 वाहनों के लिए 10 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है.

कितने वाहनों पर मिलेगी छूट: साल 2027 तक दो लाख दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट मिलेगी. तीन पहिया वाले 30000 इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट मिलेगी. चार पहिया 25000 इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी मिलेगी. गैर सरकारी ई बसों के संख्या 400 निर्धारित की गई है जिन्हें सब्सिडी दी जाएगी. ई गुड्स कैरियर की संख्या 1000 निर्धारित की गई है.

एग्रीगेटर्स फ्लीट ऑपरेटर क्रेताओं को क्रय सब्सिडी अधिकतम 10 दो पहिया वाहन या चार पहिया वाहन की खरीद पर और अधिकतम पांच इलेक्ट्रिक बस या ई गुड्स कैरियर की खरीद पर छूट मिलेगी. अगर किसी स्थिति में खरीदार बिना बैटरी के इलेक्ट्रिक वाहन खरीदता है तो सब्सिडी का सिर्फ 50% ही दिया जाएगा.

अब तक यूपी में दर्ज हुए वाहनों की संख्या: उत्तर प्रदेश में अब तक अलग-अलग श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण की बात करें तो साल 2022 से अब तक कुल 9,83,643 वाहन पंजीकृत किए जा चुके हैं. इस साल अप्रैल से नवंबर तक प्रदेश भर में कुल 2,08,038 वाहन दर्ज किए गए हैं.

इनमें इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 11, ई रिक्शा विद कार्ट 12,459, ई रिक्शा पैसेंजर 10,7871, गुड्स कैरियर 106, मैक्सी कैब एक, मोटरसाइकिल/स्कूटर 50,057, मोटर कार 9883, मोटराइज्ड साइकिल 25 सीसी से ऊपर 200, ओमनी बस (प्राइवेट यूज) 19, थ्री व्हीलर गुड्स 780, थ्री व्हीलर पैसेंजर 26, 485 ट्रैक्टर कॉमर्शियल चार.

अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) पुष्पसेन सत्यार्थी का कहना है कि सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जो भी सब्सिडी तय की गई है उन सभी वाहनों को सब्सिडी दी जा रही है. प्रदेश में अलग-अलग श्रेणी के वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है और वाहन स्वामियों को उनके खाते में सब्सिडी भेजी जा रही है. लोग सरकार की तरफ से दी गई सब्सिडी का भरपूर फायदा उठा रहे हैं.

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