जयपुर. केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने हाल ही में गुजरात में एक दलित कार्यक्रम में क्षत्रियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उनके बयान के बाद देशभर में राजपूत समाज में गहरो रोष देखा गया. जाहिर है, राजस्थान में तो इसका गहरा असर पड़ता ही. राजपूत संगठन के पदाधिकारी राजपूत वोटर्स को बीजेपी को वोट न देने की शपथ दिलाते दिखें. ओम बिरला जैसे राज्य के बड़े बीजेपी नेताओं ने उनके बयान को व्यक्तिगत बताकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की, लेकिन राजपूतों का गुस्सा लगातार बढ़ता ही चला गया. अपना परंपरागत वोटबैंक को खिसकता देख भाजपा अपनी रणनीति में लगातार बदलाव कर रही है. इस बीच अब राजपूत समाज को साधने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सहारा लिया जा रहा है. राज्य की तीन लोकसभा सीटों पर आज शनिवार को सीएम योगी के कार्यक्रम तय किए गए हैं, इन सभी सीटों पर राजपूत समाज का बड़ा प्रभाव है.
इन सीटों पर योगी का कार्यक्रम : आज चित्तौड़ के निंबाहेड़ा में माल गोदाम से शेखावत सर्किल तक योगी आदित्यनाथ का रोड शो होगा. ये राजपूत बाहुल्य क्षेत्र है. साथ ही योगी की दूसरी आम सभा राजसमंद जिले के भीम में रखी गई है. राजसमंद में भी राजपूत समाज का बड़ा वोट बैंक है. इस सीट पर तो राजपूत समाज ही हार जीत तय करता है. पूर्व में यहां से राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी सांसद थी. वहीं, योगी आदित्यनाथ का तीसरा कार्यक्रम जोधपुर शहर में रखा गया है. यहां पर राजपूत समाज से आने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत भाजपा के प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं. केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के समर्थन में योगी आदित्यनाथ गांधी मैदान से 1 किलोमीटर तक रोड शो करेंगे. इस रोड शो के जरिए राजपूत समाज को साधने की कोशिश होगी.
चितौड़, कोटा, उदयपुर सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन : बता दें कि केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला की ओर से राजपूत समाज को लेकर दिए गए बयान के बाद गुजरात में लगातार राजपूत समाज की ओर से विरोध किया जा रहा है. गुजरात के बाद अब इस विरोध की आग राजस्थान में भी पहुंच गई है. करणी सेना सहित कई राजपूत संगठन रुपाला के बयान में राजस्थान के अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. चित्तौड़, कोटा, उदयपुर, जोधपुर, राजसमंद, जालौर, सिरोही के बाद अब यह विरोध प्रदर्शन अन्य जिलों में भी बढ़ता जा रहा है. लगातार राजपूत समाज के बढ़ते इस विरोध में भाजपा की चिंता बढ़ा दी है. खास तौर से पहले चरण में हुए मतदान में जिस तरह से राजपूत समाज ने अपना विरोध दिखाया, उसके बाद अब न केवल प्रदेश भाजपा बल्कि केंद्रीय नेतृत्व को भी चिंता है.