रतलाम। सोयाबीन की फसल एक समय किसानों के लिए पीला सोना मानी जाती थी. लेकिन अब सोयाबीन किसानों को बर्बाद कर रहा है. सोयाबीन की कम कीमत से परेशान किसानों के सामने अब नया संकट आ गया है. सोयाबीन की फसल पर येलो मोजैक वायरस का अटैक पड़ा है. इससे सोयाबीन के पत्ते पीले पड़ने लगे हैं और फसल सूखने लगी है. रतलाम के ग्राम सेमलिया में करीब 30 बीघा क्षेत्र में सोयाबीन की फसल येलो मोजैक वायरस की वजह से खराब हो गई. कुछ किसानों की लगभग पूरी ही फसल खराब हो गई. इसके बाद अब किसान सर्वे और मुआवजे की मांग प्रशासन से कर रहे हैं.
क्या है येलो मोजैक वायरस
येलो मोजैक वायरस सोयाबीन के पौधों को प्रभावित करता है. वायरस के प्रभाव से पौधों की पत्तियों और तनों पर पीले धब्बे बन जाते हैं और पौधे की वृद्धि रुक जाती है. जिसके बाद पौधा कमजोर होकर सूखने लगता है. यह वायरस व्हाइटफ्लाइज़ और थ्रिप्स जैसे कीड़ों द्वारा फसल में फैलता है. येलो मोजैक वायरस का प्रभाव दिखते ही प्रभावित पौधों को उखाड़ कर खेत से अलग कर देना चाहिए, अन्यथा यह पूरी फसल में फैल सकता है. समय पर ही इसका नियंत्रण हो सकता है. फसल पर फैलने वाले कीटों की रोकथाम के लिए कीटनाशक स्प्रे करना चाहिए.
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सोयाबीन की फसल को ट्रैक्टर से नष्ट किया
सोयाबीन की फसल में येलो मोजैक वायरस का असर मालवा क्षेत्र के अधिकांश जिलों में देखने को मिल रहा है. रतलाम के सेमलिया गांव के किसान दिलीप राठौड़ और प्रकाश माली ने बताया "येलो मोजैक वायरस की वजह से उनकी 12 बीघा और 7 बीघा जमीन में लगाई गई सोयाबीन की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है." वहीं कुछ किसानों ने वायरस से खराब हुई फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट भी कर दिया है. बता दें कि सोयाबीन समर्थन मूल्य से कम दाम में बिकने को लेकर किसान पहले से ही चिंतित है. वहीं, अब सोयाबीन पर आए इस संकट की वजह से किसानों की नींद उड़ गई है.