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बिहार का जन्नत देखना हो तो यहां जरूर आएं, वापस जाने का मन नहीं करेगा.. - World Tourism Day 2024

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 4 hours ago

Valmiki Tiger Reserve: वर्ल्ड टूरिज्म डे पर्यटन को बढ़ावा देने और इसके महत्व के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए मनाया जाता है. ऐसे में अगर आप कहीं बाहर जाने का सोच रहे हैं तो बिहार के बगहा के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जरूर जाएं. बिहार में कई पर्यटक स्थल हैं जो आपको पसंद आएंगी. उनमें से एक पश्चिम चंपारण का वीटीआर है. वर्ल्ड टूरिज्म डे के मौके पर हम जानेंगे की आखिर क्यों लोगों को बिहार का इकलौता वाल्मीकि टाइगर रिजर्व आकर्षित कर रहा है.

VALMIKI TIGER RESERVE
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (ETV Bharat)

बगहा: आज वर्ल्ड टूरिज्म डे है. ऐसे में हम आपको एक खास जगह के बारे में बताने जा रहे हैं. हिमालय की पहाड़ियों के तराई क्षेत्र में अवस्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व हालिया एक दशक के भीतर एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है. एक समय था जब आवागमन के साधन का अभाव और दस्युओं के वर्चस्व की वजह से यहां पर्यटन सेवा ठप्प पड़ गई थी, लेकिन अब वीटीआर की पहचान अंतर्राष्ट्रीय फलक पर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में हो रही है, जहां देश - विदेश से लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष भ्रमण करने पहुंचते हैं.

VTR करता है पर्यटकों को आकर्षित: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पश्चिमी चम्पारण जिले के उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास अवस्थित है, जो जिला मुख्यालय बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह 898.45 वर्ग किमी में यूपी और नेपाल की सीमा तक फैला हुआ है. 60 की दशक के शुरुआत से 1974 तक यह वन क्षेत्र ' वन राज्य वन विभाग' के प्रबंधन के अधीन था, लेकिन इसे 1978 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया. यहां की खूबसूरती लोगों को खूब भाती है. चारों ओर हरियाली और उसपर जंगल सफारी लोगों को आकर्षण का केंद्र बना रहता है.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जरूर आएं (ETV Bharat)

ऐसे हुई थी पर्यटन की शुरुआत: वर्ष 1990 में इसे वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाने लगा, जबकि 1994 में इसे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व और टाइगर प्रोजेक्ट के तौर पर देश का 18वां टाइगर रिजर्व बनने का गौरव प्राप्त हुआ. स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं कि 60 के दशक से 80 के दशक तक भी वाल्मीकिनगर में पर्यटन के शुरुआत की पहल की गई थी. जिसके लिए वाल्मीकिनगर के गोल चौक पर एक सूचना केंद्र बनाया गया था, जहां पर्यटक आकर जानकारी लेते थे.

VALMIKI TIGER RESERVE
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

कभी मिनी चंबल के नाम से था मशहूर: वहीं जंगल के बीच से गुजरने वाली जर्जर कच्ची सड़क और दस्युओं के आतंक की वजह से पर्यटन सेवा पर ग्रहण लग गया. 90 के दशक में तो यह इलाका पर्यटन स्थल की बजाय मिनी चंबल के नाम से प्रसिद्ध हो गया था. आलम यह था की एक मर्तबा बस समेत 28 इंजीनियर किडनैप कर लिए गए थे, जिनको सरकार ने पहल कर 24 घंटे के भीतर सकुशल दस्युओं के चंगुल से छुड़ाया था. यहीं वजह थी कि लोग यहां घूमने आने से खौफ खाते थे.

"एक समय था जब लोग यहां आने से डरते थे, लेकिन अब पर्यटक आते हैं. प्राकृति के गोद में वीटीआर बसा है. सड़क की सुविधा के कारण पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है."- नसीम खान, स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार

VALMIKI TIGER RESERVE
सफारी का मजा लेने आते हैं लोग (ETV Bharat)

नीतीश कुमार ने बदल दी काया: जब इसे 1994 में वाल्मिकी टाइगर घोषित किया गया और उसके कुछ वर्षों बाद जैसे ही नीतीश कुमार की सरकार बनी तो पर्यटन की विकास के लिए कई कार्य किए गए. जिसके बाद इस इलाके की तस्वीर बदल गई. अब यहां देशी-विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं और बताते हैं कि यह बहुत खूबसूरत जगह है.

VALMIKI TIGER RESERVE
कभी मिनी चंबल के नाम से था मशहूर (ETV Bharat)

वीटीआर आएं तो ये जरूर देखें: वहीं वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना वन प्रमंडल दो के प्रशिक्षु डीएफओ स्टालिन बताते हैं कि हमारे वन विभाग द्वारा लगातार पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है. यहां वाल्मीकि विहार, जंगल कैंप समेत कन्वेंशनल सेंटर में पर्यटकों के रहने की सुविधा दी गई है. ट्री हट और बंबू हट पर्यटकों को खूब आकर्षित कर रहे हैं. गंगेटिक और तराई लैंड होने के कारण यहां की बायो डायवर्सिटी लोगों को काफी लुभाती है.

VALMIKI TIGER RESERVE
वाल्मीकि आश्रम में श्रद्धालुओं की भीड़ (ETV Bharat)

"प्रत्येक वर्ष 4 से 5 लाख पर्यटक वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के भ्रमण पर आते हैं, जिसमें श्रद्धालु भी शामिल हैं. वीटीआर में घूमने के लिए वाल्मीकीनगर, मंगुराहा, सोमेश्वर पहाड़ समेत कई तीर्थस्थल हैं. यहां जंगल सफारी, बोटिंग, कौलेश्वर झूला, गंडक नदी किनारे का पाथवे समेत इको पार्क इत्यादि कई स्पॉट हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बिंदु है. वन एवं पर्यावरण विभाग आगे और ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास में है. साथ ही इस स्थल को और ज्यादा विकसित करने की योजना है."- स्टालिन फ्रेजर, प्रशिक्षु डीएफओ, वीटीआर - 2

VALMIKI TIGER RESERVE
VTR करता है पर्यटकों को आकर्षित (ETV Bharat)

अंतर्राष्ट्रीय फलक पर मिली पहचान : बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे पसंदीदा जगहों में शुमार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जल, जंगल और पहाड़ से घिरा होने की वजह से कई प्राकृतिक खूबसूरती को खुद में समेटे हुए है. यहीं वजह है की सरकार लगातार इसको अंतर्राष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाने की कवायद में जुटी है. बिहार के इकलौता वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में वर्ष के चार महीने (जून से सितंबर) तक पर्यटन सेवा बंद रहती है क्योंकि इस दौरान जंगल के कच्चे रास्तों पर जलजमाव हो जाता है, लेकिन अक्टूबर में पर्यटन सेवा का शुभारंभ हो जाता है और टूरिस्ट पैकेज के तहत यहां पर्यटकों को भ्रमण के लिए लाया जाता है.

VALMIKI TIGER RESERVE
जटाशंकर मंदिर (ETV Bharat)

जानवरों के दीदार के लिए व्यूज स्ट्रिप: इस वर्ष भी 15 अक्टूबर से पर्यटन सेवा का शुभारंभ प्रस्तावित है. जिसके लिए वन विभाग जंगल सफारी के रास्ते में व्यूज स्ट्रिप बना रहा है. ताकि सफारी के दौरान पर्यटक जंगली जानवरों का नजदीक से दीदार कर सकें. दरअसल भारी संख्या में पर्यटक वीटीआर में जंगल सफारी के दौरान बाघों को स्वछंद देखने की हसरत लिए जंगल सफारी का लुफ्त उठाने पहुंचते हैं.

बिहार का कश्मीर: बता दें की विगत एक दशक में बिहार का कश्मीर कहा जाने वाला वाल्मीकिनगर एक सस्ता और खूबसूरत टूरिज्म डेस्टिनेशन साबित हुआ है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल और नदी किनारे बसे होने के कारण यह जगह पर्यटकों को खूब रास आ रही है. सुशासन की सरकार की यह लगातार कोशिश रही है की वीटीआर में पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाएं भी बढ़ाई जाए, ताकि पर्यटकों के साथ साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके.

होम स्टे की सुविधा जल्द: सरकार के इस प्रयास का नतीजा भी सामने दिख रहा है. जिस पर्यटन स्थल पर लोग आने से कभी भयभीत होते थे वहां अब दर्जनों निजी होटल खुल गए हैं. स्थानीय युवकों को वन विभाग में नौकरी मिली है. कई लोग गाइड की नौकरी कर अपना भविष्य बना रहे हैं. वहीं आदिवासी महिलाएं इको फ्रेंडली वस्तुएं बनाकर देशी विदेशी पर्यटकों को बेच रही हैं. शीघ्र ही वन विभाग ' होम स्टे' की सुविधा लाने जा रहा है जिससे जंगल किनारे बसे लोगों के रोजगार में और ज्यादा बढ़ोतरी हो सकेगी.

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बगहा: आज वर्ल्ड टूरिज्म डे है. ऐसे में हम आपको एक खास जगह के बारे में बताने जा रहे हैं. हिमालय की पहाड़ियों के तराई क्षेत्र में अवस्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व हालिया एक दशक के भीतर एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है. एक समय था जब आवागमन के साधन का अभाव और दस्युओं के वर्चस्व की वजह से यहां पर्यटन सेवा ठप्प पड़ गई थी, लेकिन अब वीटीआर की पहचान अंतर्राष्ट्रीय फलक पर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में हो रही है, जहां देश - विदेश से लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष भ्रमण करने पहुंचते हैं.

VTR करता है पर्यटकों को आकर्षित: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पश्चिमी चम्पारण जिले के उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास अवस्थित है, जो जिला मुख्यालय बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह 898.45 वर्ग किमी में यूपी और नेपाल की सीमा तक फैला हुआ है. 60 की दशक के शुरुआत से 1974 तक यह वन क्षेत्र ' वन राज्य वन विभाग' के प्रबंधन के अधीन था, लेकिन इसे 1978 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया. यहां की खूबसूरती लोगों को खूब भाती है. चारों ओर हरियाली और उसपर जंगल सफारी लोगों को आकर्षण का केंद्र बना रहता है.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जरूर आएं (ETV Bharat)

ऐसे हुई थी पर्यटन की शुरुआत: वर्ष 1990 में इसे वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाने लगा, जबकि 1994 में इसे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व और टाइगर प्रोजेक्ट के तौर पर देश का 18वां टाइगर रिजर्व बनने का गौरव प्राप्त हुआ. स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं कि 60 के दशक से 80 के दशक तक भी वाल्मीकिनगर में पर्यटन के शुरुआत की पहल की गई थी. जिसके लिए वाल्मीकिनगर के गोल चौक पर एक सूचना केंद्र बनाया गया था, जहां पर्यटक आकर जानकारी लेते थे.

VALMIKI TIGER RESERVE
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat)

कभी मिनी चंबल के नाम से था मशहूर: वहीं जंगल के बीच से गुजरने वाली जर्जर कच्ची सड़क और दस्युओं के आतंक की वजह से पर्यटन सेवा पर ग्रहण लग गया. 90 के दशक में तो यह इलाका पर्यटन स्थल की बजाय मिनी चंबल के नाम से प्रसिद्ध हो गया था. आलम यह था की एक मर्तबा बस समेत 28 इंजीनियर किडनैप कर लिए गए थे, जिनको सरकार ने पहल कर 24 घंटे के भीतर सकुशल दस्युओं के चंगुल से छुड़ाया था. यहीं वजह थी कि लोग यहां घूमने आने से खौफ खाते थे.

"एक समय था जब लोग यहां आने से डरते थे, लेकिन अब पर्यटक आते हैं. प्राकृति के गोद में वीटीआर बसा है. सड़क की सुविधा के कारण पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है."- नसीम खान, स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार

VALMIKI TIGER RESERVE
सफारी का मजा लेने आते हैं लोग (ETV Bharat)

नीतीश कुमार ने बदल दी काया: जब इसे 1994 में वाल्मिकी टाइगर घोषित किया गया और उसके कुछ वर्षों बाद जैसे ही नीतीश कुमार की सरकार बनी तो पर्यटन की विकास के लिए कई कार्य किए गए. जिसके बाद इस इलाके की तस्वीर बदल गई. अब यहां देशी-विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं और बताते हैं कि यह बहुत खूबसूरत जगह है.

VALMIKI TIGER RESERVE
कभी मिनी चंबल के नाम से था मशहूर (ETV Bharat)

वीटीआर आएं तो ये जरूर देखें: वहीं वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना वन प्रमंडल दो के प्रशिक्षु डीएफओ स्टालिन बताते हैं कि हमारे वन विभाग द्वारा लगातार पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है. यहां वाल्मीकि विहार, जंगल कैंप समेत कन्वेंशनल सेंटर में पर्यटकों के रहने की सुविधा दी गई है. ट्री हट और बंबू हट पर्यटकों को खूब आकर्षित कर रहे हैं. गंगेटिक और तराई लैंड होने के कारण यहां की बायो डायवर्सिटी लोगों को काफी लुभाती है.

VALMIKI TIGER RESERVE
वाल्मीकि आश्रम में श्रद्धालुओं की भीड़ (ETV Bharat)

"प्रत्येक वर्ष 4 से 5 लाख पर्यटक वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के भ्रमण पर आते हैं, जिसमें श्रद्धालु भी शामिल हैं. वीटीआर में घूमने के लिए वाल्मीकीनगर, मंगुराहा, सोमेश्वर पहाड़ समेत कई तीर्थस्थल हैं. यहां जंगल सफारी, बोटिंग, कौलेश्वर झूला, गंडक नदी किनारे का पाथवे समेत इको पार्क इत्यादि कई स्पॉट हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बिंदु है. वन एवं पर्यावरण विभाग आगे और ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास में है. साथ ही इस स्थल को और ज्यादा विकसित करने की योजना है."- स्टालिन फ्रेजर, प्रशिक्षु डीएफओ, वीटीआर - 2

VALMIKI TIGER RESERVE
VTR करता है पर्यटकों को आकर्षित (ETV Bharat)

अंतर्राष्ट्रीय फलक पर मिली पहचान : बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे पसंदीदा जगहों में शुमार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जल, जंगल और पहाड़ से घिरा होने की वजह से कई प्राकृतिक खूबसूरती को खुद में समेटे हुए है. यहीं वजह है की सरकार लगातार इसको अंतर्राष्ट्रीय फलक पर पहचान दिलाने की कवायद में जुटी है. बिहार के इकलौता वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में वर्ष के चार महीने (जून से सितंबर) तक पर्यटन सेवा बंद रहती है क्योंकि इस दौरान जंगल के कच्चे रास्तों पर जलजमाव हो जाता है, लेकिन अक्टूबर में पर्यटन सेवा का शुभारंभ हो जाता है और टूरिस्ट पैकेज के तहत यहां पर्यटकों को भ्रमण के लिए लाया जाता है.

VALMIKI TIGER RESERVE
जटाशंकर मंदिर (ETV Bharat)

जानवरों के दीदार के लिए व्यूज स्ट्रिप: इस वर्ष भी 15 अक्टूबर से पर्यटन सेवा का शुभारंभ प्रस्तावित है. जिसके लिए वन विभाग जंगल सफारी के रास्ते में व्यूज स्ट्रिप बना रहा है. ताकि सफारी के दौरान पर्यटक जंगली जानवरों का नजदीक से दीदार कर सकें. दरअसल भारी संख्या में पर्यटक वीटीआर में जंगल सफारी के दौरान बाघों को स्वछंद देखने की हसरत लिए जंगल सफारी का लुफ्त उठाने पहुंचते हैं.

बिहार का कश्मीर: बता दें की विगत एक दशक में बिहार का कश्मीर कहा जाने वाला वाल्मीकिनगर एक सस्ता और खूबसूरत टूरिज्म डेस्टिनेशन साबित हुआ है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल और नदी किनारे बसे होने के कारण यह जगह पर्यटकों को खूब रास आ रही है. सुशासन की सरकार की यह लगातार कोशिश रही है की वीटीआर में पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाएं भी बढ़ाई जाए, ताकि पर्यटकों के साथ साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके.

होम स्टे की सुविधा जल्द: सरकार के इस प्रयास का नतीजा भी सामने दिख रहा है. जिस पर्यटन स्थल पर लोग आने से कभी भयभीत होते थे वहां अब दर्जनों निजी होटल खुल गए हैं. स्थानीय युवकों को वन विभाग में नौकरी मिली है. कई लोग गाइड की नौकरी कर अपना भविष्य बना रहे हैं. वहीं आदिवासी महिलाएं इको फ्रेंडली वस्तुएं बनाकर देशी विदेशी पर्यटकों को बेच रही हैं. शीघ्र ही वन विभाग ' होम स्टे' की सुविधा लाने जा रहा है जिससे जंगल किनारे बसे लोगों के रोजगार में और ज्यादा बढ़ोतरी हो सकेगी.

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