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जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व सिकल सेल एनीमिया दिवस, अगर ये लक्षण हैं तो डॉक्टर से परामर्श करना है जरूरी - World Sickle Cell Anemia Day 2024 - WORLD SICKLE CELL ANEMIA DAY 2024

दुनियाभर में 19 जून को सिकल सेल एनीमिया दिवस मनाया जाता है. इस बार 2024 की थीम 'Hope Through Progress : Advancing Sickle Cell Care Globally रखी गई है.

WORLD SICKLE CELL ANEMIA DAY 2024
WORLD SICKLE CELL ANEMIA DAY 2024 (Photo Credit-Internet)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 19, 2024, 4:37 PM IST

गोरखपुर: अगर आप बार-बार पीलिया के शिकार हो रहे हैं, तो इसके लिए आपको थोड़ी सावधानी बरतनी होगी. क्योंकि यह लक्षण "सिकल सेल एनीमिया" का हो सकता है. इससे आपके हाथ और पैरों में दर्द, कमर में दर्द, लिवर में सूजन, मूत्राशय में दर्द, पित्त की थैली में पथरी और अस्थि रोग हो सकता है जो सिकल सेल एनीमिया के कारण होता है. इसे आनुवांशिक बीमारी भी माना जाता है. इसका कोई उपचार भी नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां के साथ, इसको नियंत्रित करते हुए स्वस्थ और लंबा जीवन कोई भी रोगी जी सकता है. इस बीमारी को लेकर हर वर्ष पूरी दुनिया में 19 जून को स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाएं, विशेष रूप से चर्चा करती हैं.

गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दुबे कहते हैं कि यहां के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में प्रति माह सिकल सेल एनीमिया के एक दो रोगी जरूर आते हैं. उन्होंने बताया कि यह खून का ऐसा विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं टूट जाती हैं. ऐसा होने से एनीमिया, गुर्दे या यकृत का फेल होना, स्ट्रोक और फेफड़ों में संक्रमण समेत कई समस्याएं हो सकती हैं. इस बीमारी की जांच की सुविधा भी स्थानीय स्तर पर नहीं है.

लखनऊ और दिल्ली के उच्चतर मेडिकल संस्थानों में इसकी जांच उपलब्ध है. बीमारी के प्रति लोगों को लक्षण को देखते हुए सचेत रहने की आवश्यकता है. इसके लिए समय से जांच जरूरी है. वहीं अन्य विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे रोगियों को ज्यादा पानी पीना चाहिए और संभव हो तो प्रतिदिन फोलिक एसिड की एक गोली लेनी चाहिए. उल्टी, दस्त और ज्यादा पसीना होने पर किसी भी व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. शराब, धूम्रपान और नशे की लत से बचना चाहिए, तो इस बीमारी से बचा जा सकता है.

विश्व सिकल दिवस का इतिहास : सबसे पहले यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली ने वर्ष 2018 में सिकल सेल डिसऑर्डर को पब्लिक हेल्थ से जुड़ी समस्या के तौर पर पहचानते हुए इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इसे 19 जून के दिन से शुरू किया था. इसमें रेड ब्लड सेल की कमी होने की वजह से शरीर की हर हिस्से में ऑक्सीजन ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता है.

विश्व सिकल दिवस को वैश्विक स्वास्थ्य चिंता के रूप में मान्यता दी गई है. हर साल की तरह वर्ष 2024 में इस दिन को मनाने के लिए एक खास थीम भी रखी गई है. इस साल विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस 2024 की थीम 'Hope Through Progress : Advancing Sickle Cell Care Globally', यानी 'प्रगति से जगी आशा : सिकल सेल केयर को वैश्विक रूप से एडवांस बनाया जाए' रखी गई है.



यह भी पढ़ें : ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के हाव-भाव और व्यवहार को समझें, इनसे प्यार से आए पेश - AUTISM PRIDE DAY 2024

यह भी पढ़ें : जानें, क्यों मनाया जाता है विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस - World Elder Abuse Awareness Day

गोरखपुर: अगर आप बार-बार पीलिया के शिकार हो रहे हैं, तो इसके लिए आपको थोड़ी सावधानी बरतनी होगी. क्योंकि यह लक्षण "सिकल सेल एनीमिया" का हो सकता है. इससे आपके हाथ और पैरों में दर्द, कमर में दर्द, लिवर में सूजन, मूत्राशय में दर्द, पित्त की थैली में पथरी और अस्थि रोग हो सकता है जो सिकल सेल एनीमिया के कारण होता है. इसे आनुवांशिक बीमारी भी माना जाता है. इसका कोई उपचार भी नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां के साथ, इसको नियंत्रित करते हुए स्वस्थ और लंबा जीवन कोई भी रोगी जी सकता है. इस बीमारी को लेकर हर वर्ष पूरी दुनिया में 19 जून को स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाएं, विशेष रूप से चर्चा करती हैं.

गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दुबे कहते हैं कि यहां के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में प्रति माह सिकल सेल एनीमिया के एक दो रोगी जरूर आते हैं. उन्होंने बताया कि यह खून का ऐसा विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं टूट जाती हैं. ऐसा होने से एनीमिया, गुर्दे या यकृत का फेल होना, स्ट्रोक और फेफड़ों में संक्रमण समेत कई समस्याएं हो सकती हैं. इस बीमारी की जांच की सुविधा भी स्थानीय स्तर पर नहीं है.

लखनऊ और दिल्ली के उच्चतर मेडिकल संस्थानों में इसकी जांच उपलब्ध है. बीमारी के प्रति लोगों को लक्षण को देखते हुए सचेत रहने की आवश्यकता है. इसके लिए समय से जांच जरूरी है. वहीं अन्य विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे रोगियों को ज्यादा पानी पीना चाहिए और संभव हो तो प्रतिदिन फोलिक एसिड की एक गोली लेनी चाहिए. उल्टी, दस्त और ज्यादा पसीना होने पर किसी भी व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. शराब, धूम्रपान और नशे की लत से बचना चाहिए, तो इस बीमारी से बचा जा सकता है.

विश्व सिकल दिवस का इतिहास : सबसे पहले यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली ने वर्ष 2018 में सिकल सेल डिसऑर्डर को पब्लिक हेल्थ से जुड़ी समस्या के तौर पर पहचानते हुए इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इसे 19 जून के दिन से शुरू किया था. इसमें रेड ब्लड सेल की कमी होने की वजह से शरीर की हर हिस्से में ऑक्सीजन ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता है.

विश्व सिकल दिवस को वैश्विक स्वास्थ्य चिंता के रूप में मान्यता दी गई है. हर साल की तरह वर्ष 2024 में इस दिन को मनाने के लिए एक खास थीम भी रखी गई है. इस साल विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस 2024 की थीम 'Hope Through Progress : Advancing Sickle Cell Care Globally', यानी 'प्रगति से जगी आशा : सिकल सेल केयर को वैश्विक रूप से एडवांस बनाया जाए' रखी गई है.



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