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क्या आप जानते हैं कितनी है पियानिस्ट की कमाई, जानें पियानो से जुड़ी रोचक जानकारी - World Piano Day 2024

World Piano Day 2024: आज के आधुनिक युग में भी पियानो जैसे परंपरागत वाद्य यंत्रों का जलवा बरकार है. चंडीगढ़ के पियानिस्ट रितेश खोकर कई राज्यों के बच्चों को पियानो बजाने की कला सिखा रहे हैं. ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट में जानें पियानो से जुड़ी कई रोचक जानकारी.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 28, 2024, 11:03 PM IST

Updated : Mar 29, 2024, 9:25 AM IST

World Piano Day 2024
World Piano Day 2024
बच्चों में पियानो का क्रेज, हरियाणा के रितेश खोकर कई राज्यों के बच्चों को सिखा रहे पियानो

चंडीगढ़: साल 2024 लीप वर्ष है. इसलिए इस साल 28 मार्च को विश्व पियानो दिवस मनाया गया. नॉर्मल सालों में पियानो दिवस यानी 'वर्ल्ड पियानो डे' 29 मार्च को मनाया जाता है. पियानो म्यूजिक की दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. किसी भी म्यूजिक धुन में पियानो का विशेष महत्व है और यही वजह है कि पियानो की समृद्ध विरासत को याद किया जाता है.

पियानो दिवस मनाने का उद्देश्य: विश्व पियानो दिवस की शुरुआत 2015 में निल्स फ्रैम्स नामक एक जर्मन संगीतकार और शिक्षक ने की थी. फ्रेम का उद्देश्य पियानो के प्रति लोगों में रुचि जगाना और इस अद्भुत वाद्य यंत्र के प्रति जागरूकता फैलाना था. ताकि यह संगीत शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा मिल सके. इसलिए चंडीगढ़ के पियानिस्ट रितेश खोकर जो हरियाणा के रोहतक जिले के रहने वाले हैं. वो आज चंडीगढ़ के अलावा हरियाणा-हिमाचल और उत्तराखंड तथा दिल्ली के कई बच्चों को पियानो वादन की शिक्षा दे रहे हैं.

'पियानो बजाना अद्भूत कला': पियानिस्ट रितेश खोकर ने बताया यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां सालों का प्रशिक्षण भी कम रह जाता है. मैं पिछले 30 सालों से पियानो को प्ले कर रहा हूं. आज भी मैं सीख ही रहा हूं. मैं जो पढ़ाई करता था तो मुझे म्यूजिक के साथ एक लगाव महसूस होता था. जिसके चलते मैंने इसे अपने करियर के तौर पर ही चुना. दिल्ली में पढ़ाई के दौरान मैंने म्यूजिक की पढ़ाई की जहां हमें हारमोनियम की जगह पियानो प्ले करना सिखाया जाता था.

पियानो बजाने में लगता है समय: रितेश ने बताया कि आज के दौर में मैं नई जनरेशन पियानो को सीखने की और काम कर रहा हूं. पियानो एक ऐसी कला है जिसके तहत पूरा म्यूजिकल इवेंट निर्भर करता है. इसका एक तार भी अगर गलत बजाया जाए. तो पूरी धुन खराब हो जाती है. एक समय में बहुत सी चीजों का ख्याल रखना पड़ता है. पैरों के साथ-साथ हाथों का संतुलन बनाना जरूरी होता है.

लाखों में है पियानिस्ट की कमाई: अगर बात की जाए संगीत की तो हर एक साज को सिखाना मुश्किल है. मेरे परिवार में कोई भी संगीत से जुड़ा हुआ नहीं है. फिर भी मुझे संगीत से प्यार है. आज के समय में पियानो को सीखना आसान है, अगर मन में हो तो सीखा जा सकता है. आज के समय पियानो आर्टिस्ट एक इंजीनियर से भी ज्यादा कमा रहा है. लेकिन इसे सीखने में टाइम लग सकता है. आज मेरे कई छात्र विदेशों में पियानो प्ले करते हुए अच्छी कमाई कर रहे हैं.

पियानो से जुड़ी खास बातें: पियानो में 88 चाबियां होती हैं, जो 7.35 ऑक्टेव को कवर करती हैं. सबसे बड़ा पियानो 10.2 मीटर लंबा और 5.18 मीटर चौड़ा और सबसे छोटा पियानो 16.5 सेमी लंबा और 10.2 सेमी चौड़ा होता है. इसके अलावा दुनिया का सबसे महंगा पियानो 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर का है.

ये भी पढ़ें: OTT बूम के बीच थिएटर का बढ़ा क्रेज, चंडीगढ़ पहुंच रहे हरियाणा के युवा, वर्ल्ड थिएटर डे पर ईटीवी भारत की ख़ास रिपोर्ट - World Theatre Day 2024

ये भी पढ़ें: World Theatre Day: बॉलीवुड के इन एक्टर्स ने की थिएटर से करियर की शुरूआत, आज दिग्गजों में है शुमार - World Theatre Day

बच्चों में पियानो का क्रेज, हरियाणा के रितेश खोकर कई राज्यों के बच्चों को सिखा रहे पियानो

चंडीगढ़: साल 2024 लीप वर्ष है. इसलिए इस साल 28 मार्च को विश्व पियानो दिवस मनाया गया. नॉर्मल सालों में पियानो दिवस यानी 'वर्ल्ड पियानो डे' 29 मार्च को मनाया जाता है. पियानो म्यूजिक की दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. किसी भी म्यूजिक धुन में पियानो का विशेष महत्व है और यही वजह है कि पियानो की समृद्ध विरासत को याद किया जाता है.

पियानो दिवस मनाने का उद्देश्य: विश्व पियानो दिवस की शुरुआत 2015 में निल्स फ्रैम्स नामक एक जर्मन संगीतकार और शिक्षक ने की थी. फ्रेम का उद्देश्य पियानो के प्रति लोगों में रुचि जगाना और इस अद्भुत वाद्य यंत्र के प्रति जागरूकता फैलाना था. ताकि यह संगीत शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा मिल सके. इसलिए चंडीगढ़ के पियानिस्ट रितेश खोकर जो हरियाणा के रोहतक जिले के रहने वाले हैं. वो आज चंडीगढ़ के अलावा हरियाणा-हिमाचल और उत्तराखंड तथा दिल्ली के कई बच्चों को पियानो वादन की शिक्षा दे रहे हैं.

'पियानो बजाना अद्भूत कला': पियानिस्ट रितेश खोकर ने बताया यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां सालों का प्रशिक्षण भी कम रह जाता है. मैं पिछले 30 सालों से पियानो को प्ले कर रहा हूं. आज भी मैं सीख ही रहा हूं. मैं जो पढ़ाई करता था तो मुझे म्यूजिक के साथ एक लगाव महसूस होता था. जिसके चलते मैंने इसे अपने करियर के तौर पर ही चुना. दिल्ली में पढ़ाई के दौरान मैंने म्यूजिक की पढ़ाई की जहां हमें हारमोनियम की जगह पियानो प्ले करना सिखाया जाता था.

पियानो बजाने में लगता है समय: रितेश ने बताया कि आज के दौर में मैं नई जनरेशन पियानो को सीखने की और काम कर रहा हूं. पियानो एक ऐसी कला है जिसके तहत पूरा म्यूजिकल इवेंट निर्भर करता है. इसका एक तार भी अगर गलत बजाया जाए. तो पूरी धुन खराब हो जाती है. एक समय में बहुत सी चीजों का ख्याल रखना पड़ता है. पैरों के साथ-साथ हाथों का संतुलन बनाना जरूरी होता है.

लाखों में है पियानिस्ट की कमाई: अगर बात की जाए संगीत की तो हर एक साज को सिखाना मुश्किल है. मेरे परिवार में कोई भी संगीत से जुड़ा हुआ नहीं है. फिर भी मुझे संगीत से प्यार है. आज के समय में पियानो को सीखना आसान है, अगर मन में हो तो सीखा जा सकता है. आज के समय पियानो आर्टिस्ट एक इंजीनियर से भी ज्यादा कमा रहा है. लेकिन इसे सीखने में टाइम लग सकता है. आज मेरे कई छात्र विदेशों में पियानो प्ले करते हुए अच्छी कमाई कर रहे हैं.

पियानो से जुड़ी खास बातें: पियानो में 88 चाबियां होती हैं, जो 7.35 ऑक्टेव को कवर करती हैं. सबसे बड़ा पियानो 10.2 मीटर लंबा और 5.18 मीटर चौड़ा और सबसे छोटा पियानो 16.5 सेमी लंबा और 10.2 सेमी चौड़ा होता है. इसके अलावा दुनिया का सबसे महंगा पियानो 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर का है.

ये भी पढ़ें: OTT बूम के बीच थिएटर का बढ़ा क्रेज, चंडीगढ़ पहुंच रहे हरियाणा के युवा, वर्ल्ड थिएटर डे पर ईटीवी भारत की ख़ास रिपोर्ट - World Theatre Day 2024

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Last Updated : Mar 29, 2024, 9:25 AM IST
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