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हंसने के मामले में पुरुषों से पीछे आधी आबादी, इन कामों को करने से जॉयफुल होगी जिंदगी - World Laughter Day 2024

World Laughter Day 2024, वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के अनुसार खुशी के मामले में महिलाएं अभी भी पीछे हैं. महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक खुश रहते हैं. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह महिलाओं की पारिवारिक जिम्मेदारी और सामाजिक रोक टोक है. खैर, आज जिंदगी की तमाम चुनौतियों के बीच महिलाएं भला कैसे खुश रह सकती हैं, इस पर ईटीवी भारत ने जयपुर की महिलाओं से खास बातचीत की.

World Laughter Day 2024
हंसने से जॉयफुल होगी जिंदगी (ETV BHARAT Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 5, 2024, 6:33 AM IST

Updated : May 5, 2024, 10:34 AM IST

हंसने के मामले में पुरुषों से पीछे आधी आबादी (ETV BHARAT Jaipur)

जयपुर. आज वर्ल्ड लाफ्टर डे है. हर साल मई महीने के पहले रविवार को इस दिवस को मनाया जाता है. इस खास दिन को मनाने के पीछे की असल वजह है कि लोगों को हंसने के प्रति जागरूक किया जा सके और उनकी जिंदगी में हंसी और खुशी की अहमियत को दर्शाया जा सके. वहीं, इंसान को स्वस्थ रहने और अपनी जिंदगी को खुशनुमा बनाने के लिए जरूरी है कि वो स्वयं के साथ ही दूसरों को भी हंसता- हंसाता रहे. ताजा वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट की मानें तो खुशी के मामले में महिलाएं पुरुषों की तुलना में पीछे हैं. यानी महिलाओं की अपेक्षा पुरुष अधिक खुश रहते हैं, लेकिन सवाल है कि आखिर महिलाएं क्यों पीछे हैं? दरअसल, इसके पीछे की असल वजह यह है कि महिलाओं पर पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ ही सामाजिक रोक टोक भी रहता है. इसके साथ ही एकल परिवार के बीच भागदौड़ भरी जिंदगी ने महिलाओं के चेहरों से हंसी को गुम करने का काम किया है.

विश्व हास्य दिवस का इतिहास : वर्ल्ड लाफ्टर डे, इसे हिंदी में विश्व हास्य दिवस कहा जाता है. पहली बार साल 1998 में विश्व हास्य दिवस मनाया गया. इस दिन को अमल में लाने का क्रेडिट हास्य योग आंदोलन के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया को जाता है, जिन्होंने मुंबई में पहली बार 11 जनवरी, 1998 को विश्व हास्य दिवस मनाया था. इसका उद्देश्य समाज में बढ़ते तनाव को कम करके लोगों को सुखी जीवन जीने की सीख देना था. वहीं, तभी से हर साल मई महीने के पहले रविवार को हास्य दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. हंसने के कई लाभ भी हैं. डॉक्टरों की मानें तो हंसने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है.

World Laughter Day 2024
हंसना स्वास्थ के लिए बेहद जरूरी (ETV BHARAT Jaipur)

इसे भी पढ़ें - जानिए कैसे एक कॉल ने 25 हजार कमाने वाले मुरारी लाल को बनाया मशहूर राजस्थानी कॉमेडियन...

स्वस्थ रहने के लिए हंसना जरूरी : हंसने-हंसाने से तन-मन में उत्साह का संचार होता है. वहीं, दिल से हंसना भी किसी दवा से कम नहीं है. वैसे तो हंसी को विभिन्न सकारात्मक प्रभावों के लिए भी जाना जाता है, जो कि हमारे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर अच्छा असर डालती है. इतना ही नहीं हंसी स्वास्थ्य, खुशी और विश्व शांति के लिए भी बहुत जरूरी हो गई है. जब आप हंसना शुरू करते हैं तो शरीर में रक्त का संचार तीव्र होता है और तनाव में भी हंसने की क्षमता हो तो दुख भी कम लगने लगता है. मन में उत्साह और शरीर में नई स्फूर्ति का संचार होता है. मनोचिकित्सक डॉ. अनीता गौतम कहती हैं कि मनुष्य के हेल्दी जीवन में हंसना-खिलखिलाना बहुत जरूरी है, क्योंकि घर से लेकर ऑफिस तक महिलाओं को अपने आप को साबित करने का एक मानसिक दबाव होता है. घर, बच्चे और ऑफिस के बीच महिलाएं खुश रहना भूल ही चुकी है, उन्हें साबित करना होता है कि वो पुरुष की तुलना में कम नहीं है. ऐसे में महिलाओं को इस प्रेशर को कम करने के लिए जरूरी है कि नियमित रूप से हंसे. खुश रहने से नेगेटिव हार्मोन को कम कर सकते हैं और पॉजिटिव माहौल बना सकते हैं. कई बार तो आपकी हंसी किसी दवा से अधिक कारगर साबित होती है.

World Laughter Day 2024
महिलाएं अपनी हॉबी को पहचाने (ETV BHARAT Jaipur)

अपनी हॉबी को पहचाने : सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए महिलाओं को खुशी का माहौल देने वाली कल्चरल एक्टिविस्ट मनीषा सिंह कहती हैं कि मौजूदा दौर में एकल परिवार की वजह से महिलाओं की जिंदगी भागदौड़ भरी हो गई है. इसकी वजह से उन्हें अपने लिए जीवन जीने का समय नहीं मिल पाता है. ऐसी भागदौड़ भरे जीवन के चलते महिलाएं खुश नहीं रह पा रही हैं. ऐसे में महिलाएं अपनी संस्कृति से जुड़ी रहे और कुछ समय अपने लिए निकाले. इस उद्देश्य के साथ 'मान द वैल्यू फाउंडेशन' पिछले 12 साल से छोटे-छोटे कार्यक्रमों के जरिए महिलाओं को कुछ खुशी के पल देने का काम कर रहा है. मनीषा कहती हैं कि महिलाएं सबसे ज्यादा संगीत पसंद करती हैं. गाना और डांस उन्हें अच्छा लगता है, लेकिन अति व्यस्तता के कारण वो इससे दूर होती जा रही है. ताजा वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के आंकड़े भी बताते हैं कि महिलाएं खुश रहने के मामले में पुरुषों की तुलना में पीछे हैं. ऐसे में महिलाओं को चाहिए कि वो अपनी हॉबी को पहचाने, उन्हें किस तरह की गतिविधियों में ज्यादा खुशी मिलती है, उसे जरूर करें. इससे उनका तनाव भी कम होगा और वो स्वस्थ भी रहेंगी.

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योग से निरोगी काया और खुशी (ETV BHARAT Jaipur)

इसे भी पढ़ें - खुश नागरिक होते हैं सफल समाज की नींव : अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस

योग और चिकित्सा हमारे जीवन में खास महत्व रखता है : योग गुरु रश्मि शर्मा कहती हैं कि भारतीय परिवेश में औरतों का दिन घर से शुरू होकर घर में ही खत्म हो जाता है. ऐसे में वे प्राकृतिक वातावरण से दूर रहती हैं. प्रकृति के साथ जुड़ाव, हेल्दी वर्क, बैलेंस लाइफ उनकी खुशहाली का मुख्य कारण है. खुश रहने के लिए महिलाओं को नेचुरल डोज लेने की जरूरत है. इसके लिए वो लाफ्टर थेरेपी कर सकती हैं. रश्मि कहती हैं कि हंसते वक्त फेफड़े में ऑक्सीजन का इनटेक बढ़ने से फेफड़े बेहतर तरीके से काम करते हैं. इम्यून सिस्टम और ब्लड सर्कुलेटरी सिस्टम मजबूत होता है. एंडोरफिन (खुशी का अहसास कराने वाला हार्मोन) का स्राव तेज होता है. इसे नेचुरल पेनकिलर माना जाता है. हार्ट और ब्रेन की फंक्शनिंग बेहतर होती है. ब्लड प्रेशर बैलेंस रहता है. साथ ही दर्द को सहने की क्षमता बढ़ती है.

हंसने के मामले में पुरुषों से पीछे आधी आबादी (ETV BHARAT Jaipur)

जयपुर. आज वर्ल्ड लाफ्टर डे है. हर साल मई महीने के पहले रविवार को इस दिवस को मनाया जाता है. इस खास दिन को मनाने के पीछे की असल वजह है कि लोगों को हंसने के प्रति जागरूक किया जा सके और उनकी जिंदगी में हंसी और खुशी की अहमियत को दर्शाया जा सके. वहीं, इंसान को स्वस्थ रहने और अपनी जिंदगी को खुशनुमा बनाने के लिए जरूरी है कि वो स्वयं के साथ ही दूसरों को भी हंसता- हंसाता रहे. ताजा वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट की मानें तो खुशी के मामले में महिलाएं पुरुषों की तुलना में पीछे हैं. यानी महिलाओं की अपेक्षा पुरुष अधिक खुश रहते हैं, लेकिन सवाल है कि आखिर महिलाएं क्यों पीछे हैं? दरअसल, इसके पीछे की असल वजह यह है कि महिलाओं पर पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ ही सामाजिक रोक टोक भी रहता है. इसके साथ ही एकल परिवार के बीच भागदौड़ भरी जिंदगी ने महिलाओं के चेहरों से हंसी को गुम करने का काम किया है.

विश्व हास्य दिवस का इतिहास : वर्ल्ड लाफ्टर डे, इसे हिंदी में विश्व हास्य दिवस कहा जाता है. पहली बार साल 1998 में विश्व हास्य दिवस मनाया गया. इस दिन को अमल में लाने का क्रेडिट हास्य योग आंदोलन के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया को जाता है, जिन्होंने मुंबई में पहली बार 11 जनवरी, 1998 को विश्व हास्य दिवस मनाया था. इसका उद्देश्य समाज में बढ़ते तनाव को कम करके लोगों को सुखी जीवन जीने की सीख देना था. वहीं, तभी से हर साल मई महीने के पहले रविवार को हास्य दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. हंसने के कई लाभ भी हैं. डॉक्टरों की मानें तो हंसने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है.

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हंसना स्वास्थ के लिए बेहद जरूरी (ETV BHARAT Jaipur)

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स्वस्थ रहने के लिए हंसना जरूरी : हंसने-हंसाने से तन-मन में उत्साह का संचार होता है. वहीं, दिल से हंसना भी किसी दवा से कम नहीं है. वैसे तो हंसी को विभिन्न सकारात्मक प्रभावों के लिए भी जाना जाता है, जो कि हमारे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर अच्छा असर डालती है. इतना ही नहीं हंसी स्वास्थ्य, खुशी और विश्व शांति के लिए भी बहुत जरूरी हो गई है. जब आप हंसना शुरू करते हैं तो शरीर में रक्त का संचार तीव्र होता है और तनाव में भी हंसने की क्षमता हो तो दुख भी कम लगने लगता है. मन में उत्साह और शरीर में नई स्फूर्ति का संचार होता है. मनोचिकित्सक डॉ. अनीता गौतम कहती हैं कि मनुष्य के हेल्दी जीवन में हंसना-खिलखिलाना बहुत जरूरी है, क्योंकि घर से लेकर ऑफिस तक महिलाओं को अपने आप को साबित करने का एक मानसिक दबाव होता है. घर, बच्चे और ऑफिस के बीच महिलाएं खुश रहना भूल ही चुकी है, उन्हें साबित करना होता है कि वो पुरुष की तुलना में कम नहीं है. ऐसे में महिलाओं को इस प्रेशर को कम करने के लिए जरूरी है कि नियमित रूप से हंसे. खुश रहने से नेगेटिव हार्मोन को कम कर सकते हैं और पॉजिटिव माहौल बना सकते हैं. कई बार तो आपकी हंसी किसी दवा से अधिक कारगर साबित होती है.

World Laughter Day 2024
महिलाएं अपनी हॉबी को पहचाने (ETV BHARAT Jaipur)

अपनी हॉबी को पहचाने : सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए महिलाओं को खुशी का माहौल देने वाली कल्चरल एक्टिविस्ट मनीषा सिंह कहती हैं कि मौजूदा दौर में एकल परिवार की वजह से महिलाओं की जिंदगी भागदौड़ भरी हो गई है. इसकी वजह से उन्हें अपने लिए जीवन जीने का समय नहीं मिल पाता है. ऐसी भागदौड़ भरे जीवन के चलते महिलाएं खुश नहीं रह पा रही हैं. ऐसे में महिलाएं अपनी संस्कृति से जुड़ी रहे और कुछ समय अपने लिए निकाले. इस उद्देश्य के साथ 'मान द वैल्यू फाउंडेशन' पिछले 12 साल से छोटे-छोटे कार्यक्रमों के जरिए महिलाओं को कुछ खुशी के पल देने का काम कर रहा है. मनीषा कहती हैं कि महिलाएं सबसे ज्यादा संगीत पसंद करती हैं. गाना और डांस उन्हें अच्छा लगता है, लेकिन अति व्यस्तता के कारण वो इससे दूर होती जा रही है. ताजा वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के आंकड़े भी बताते हैं कि महिलाएं खुश रहने के मामले में पुरुषों की तुलना में पीछे हैं. ऐसे में महिलाओं को चाहिए कि वो अपनी हॉबी को पहचाने, उन्हें किस तरह की गतिविधियों में ज्यादा खुशी मिलती है, उसे जरूर करें. इससे उनका तनाव भी कम होगा और वो स्वस्थ भी रहेंगी.

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योग से निरोगी काया और खुशी (ETV BHARAT Jaipur)

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योग और चिकित्सा हमारे जीवन में खास महत्व रखता है : योग गुरु रश्मि शर्मा कहती हैं कि भारतीय परिवेश में औरतों का दिन घर से शुरू होकर घर में ही खत्म हो जाता है. ऐसे में वे प्राकृतिक वातावरण से दूर रहती हैं. प्रकृति के साथ जुड़ाव, हेल्दी वर्क, बैलेंस लाइफ उनकी खुशहाली का मुख्य कारण है. खुश रहने के लिए महिलाओं को नेचुरल डोज लेने की जरूरत है. इसके लिए वो लाफ्टर थेरेपी कर सकती हैं. रश्मि कहती हैं कि हंसते वक्त फेफड़े में ऑक्सीजन का इनटेक बढ़ने से फेफड़े बेहतर तरीके से काम करते हैं. इम्यून सिस्टम और ब्लड सर्कुलेटरी सिस्टम मजबूत होता है. एंडोरफिन (खुशी का अहसास कराने वाला हार्मोन) का स्राव तेज होता है. इसे नेचुरल पेनकिलर माना जाता है. हार्ट और ब्रेन की फंक्शनिंग बेहतर होती है. ब्लड प्रेशर बैलेंस रहता है. साथ ही दर्द को सहने की क्षमता बढ़ती है.

Last Updated : May 5, 2024, 10:34 AM IST
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