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विश्व स्वास्थ्य दिवस, स्वास्थ्य के अधिकार कानून की बाट जोहता राजस्थान - World Health Day 2024

हर साल WHO 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थय दिवस मनाया जाता है. हर साल अलग-अलग विषयों पर लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जाता है. इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम 'मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार' रखा गया है. राजस्थान की बात करें तो बीते वर्ष सरकार आमजन के स्वास्थ्य अधिकार को लेकर राइट टू हेल्थ यानी स्वास्थ्य का अधिकार का कानून लेकर आई थी लेकिन यह कानून लाया तो गया लेकिन आज भी इसे लागू नहीं किया जा सका है.

विश्व स्वास्थ्य दिवस
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 7, 2024, 8:29 AM IST

जयपुर. हर साल सात अप्रैल विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. दरअसल यह दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य दिवस का मक़सद आमजन को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और स्वास्थ्य को लेकर उनके का अधिकार है इसके बारे में बताना है. इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम 'मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार' रखी गई है ताकि उनके स्वास्थ्य के प्रति जो अधिकार है उसके बारे में आमजन को जागरूक किया जा सके. राजस्थान की बात करें तो बीते वर्ष सरकार आमजन के स्वास्थ्य अधिकार को लेकर राइट टू हेल्थ यानी स्वास्थ्य का अधिकार का कानून लेकर आई थी लेकिन यह कानून लाया तो गया लेकिन आज भी इसे लागू नहीं किया जा सका है. राइट टू हेल्थ कानून लाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया था. जहां प्रदेश के प्रत्येक नागरिक का स्वास्थ्य का अधिकार मिला. जैसे ही यह कानून लागू होगा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पारदर्शिता आने के साथ अस्पतालों की जवाबदेही तय हो जाएगी. सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भी गुणवत्ता युक्त इलाज मिलने से प्रदेश के हर नागरिक का बड़ा फायदा मिलेगा.

इलाज की गारंटी : 21 मार्च 2023 को राजस्थान विधान सभा में विपक्ष के हंगामे के बीच स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक पारित हुआ. विधेयक पारित होने के साथ प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया था. देश के किसी राज्य में स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू नहीं है. इस विधेयक के पारित होने के साथ प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति को इलाज की गारंटी मिल गई. सरकारी और निजी अस्पताल अब किसी भी मरीज को इलाज के लिए मना नहीं कर सकेंगे. आपातकालीन स्थिति में निजी अस्पतालों को निःशुल्क उपचार करना होगा. अस्पतालों में निगरानी के लिए प्रदेश एवं जिला स्तर पर प्राधिकरण बनेगा. ये कुछ बिन्दु है जो स्वास्थ्य का अधिकार क़ानून में शामिल थे और अगर इस क़ानून को समय रखें लागू किया जाए तो हर वर्ष हज़ारों ऐसे मरीज़ों की जान बचायी जा सकती है जिनकी मृत्यु सिर्फ़ इसलिए हो जाती थी कि उन्हें सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता था.

पढ़ें: गुर्दे की पथरी एक आम बीमारी, ध्यान नहीं दिया तो होगी बड़ी समस्या, क्या है निदान? - Rising Cases Of Kidney Stones

सरकार लागू करे : प्रदेश में स्वास्थ्य को लेकर अनेक कार्यक्रम चला चुके राजन चौधरी का कहना है कि स्वास्थ्य का अधिकार क़ानून यदि समय रहते प्रदेश में लागू किया जाए तो विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौक़े पर प्रदेशवासियों को यह सबसे बड़ी सौगत होगी. राजस्थान में मौजूदा स्वास्थ्य प्रणाली की बात करें तो स्वास्थ्य के हालात कुछ अच्छे नहीं हैं आज भी सरकारी अस्पतालों में भीड़ के अनुरूप चिकित्सक इलाज के लिए मौजूद नहीं है तो वहीं निजी अस्पतालों में इलाज करवाना काफी महंगा साबित हो रहा है और ऐसे में स्वास्थ्य का अधिकार हर व्यक्ति का होना चाहिए

जयपुर. हर साल सात अप्रैल विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. दरअसल यह दिवस विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य दिवस का मक़सद आमजन को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और स्वास्थ्य को लेकर उनके का अधिकार है इसके बारे में बताना है. इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम 'मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार' रखी गई है ताकि उनके स्वास्थ्य के प्रति जो अधिकार है उसके बारे में आमजन को जागरूक किया जा सके. राजस्थान की बात करें तो बीते वर्ष सरकार आमजन के स्वास्थ्य अधिकार को लेकर राइट टू हेल्थ यानी स्वास्थ्य का अधिकार का कानून लेकर आई थी लेकिन यह कानून लाया तो गया लेकिन आज भी इसे लागू नहीं किया जा सका है. राइट टू हेल्थ कानून लाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया था. जहां प्रदेश के प्रत्येक नागरिक का स्वास्थ्य का अधिकार मिला. जैसे ही यह कानून लागू होगा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में पारदर्शिता आने के साथ अस्पतालों की जवाबदेही तय हो जाएगी. सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भी गुणवत्ता युक्त इलाज मिलने से प्रदेश के हर नागरिक का बड़ा फायदा मिलेगा.

इलाज की गारंटी : 21 मार्च 2023 को राजस्थान विधान सभा में विपक्ष के हंगामे के बीच स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक पारित हुआ. विधेयक पारित होने के साथ प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया था. देश के किसी राज्य में स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू नहीं है. इस विधेयक के पारित होने के साथ प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति को इलाज की गारंटी मिल गई. सरकारी और निजी अस्पताल अब किसी भी मरीज को इलाज के लिए मना नहीं कर सकेंगे. आपातकालीन स्थिति में निजी अस्पतालों को निःशुल्क उपचार करना होगा. अस्पतालों में निगरानी के लिए प्रदेश एवं जिला स्तर पर प्राधिकरण बनेगा. ये कुछ बिन्दु है जो स्वास्थ्य का अधिकार क़ानून में शामिल थे और अगर इस क़ानून को समय रखें लागू किया जाए तो हर वर्ष हज़ारों ऐसे मरीज़ों की जान बचायी जा सकती है जिनकी मृत्यु सिर्फ़ इसलिए हो जाती थी कि उन्हें सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता था.

पढ़ें: गुर्दे की पथरी एक आम बीमारी, ध्यान नहीं दिया तो होगी बड़ी समस्या, क्या है निदान? - Rising Cases Of Kidney Stones

सरकार लागू करे : प्रदेश में स्वास्थ्य को लेकर अनेक कार्यक्रम चला चुके राजन चौधरी का कहना है कि स्वास्थ्य का अधिकार क़ानून यदि समय रहते प्रदेश में लागू किया जाए तो विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौक़े पर प्रदेशवासियों को यह सबसे बड़ी सौगत होगी. राजस्थान में मौजूदा स्वास्थ्य प्रणाली की बात करें तो स्वास्थ्य के हालात कुछ अच्छे नहीं हैं आज भी सरकारी अस्पतालों में भीड़ के अनुरूप चिकित्सक इलाज के लिए मौजूद नहीं है तो वहीं निजी अस्पतालों में इलाज करवाना काफी महंगा साबित हो रहा है और ऐसे में स्वास्थ्य का अधिकार हर व्यक्ति का होना चाहिए

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