धनबादः विश्वभर में एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है. धनबाद के एसएनएमएमसीएच में इस अवसर पर बुधवार को सातवें दिन विश्व स्तनपान सप्ताह का समापन हो गया. अस्पताल की मेडिकल छात्राओं ने सभी गायनी वार्ड में भर्ती प्रसूताओं को स्तनपान के फायदों के बारे बताया. साथ ही स्तनपान के बारे में माताओं को जागरुक किया.
मेडिकल की छात्रा ने बताया कि नवजात बच्चों की माताओं को हम स्तनपान के लिए जागरूक करने का काम कर रहें हैं. स्तनपान नहीं कराने के कारण होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया गया है. स्तनपान नहीं कराने से बच्चों के फिजिकल और मेंटल दोनों तरह से प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं. बच्चों का अच्छे से विकास नहीं हो पाता है. स्तनपान कब और कैसे कराना चाहिए, इस बात की भी जानकारी नवजात बच्चों के माताओं को दी गई है.
उन्होंने कहा कि स्तनपान की सबसे बड़ी बात है कि बच्चे और मां के बीच इससे इमोशनल अटैचमेंट भी रहता है. साथ ही बच्चों के माताओं को ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर का भी खतरा नहीं रहता है. विश्व में ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा हैं. उससे स्तनपान महिलाओं को छुटकारा दिलाता है. भारत में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर प्रभाव डाल रही है. महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित हो रही हैं.
डब्बा बंद दूध के संबंध में उन्होंने कहा कि जिन्हें स्तनपान के लिए कठिनाई आती है, वह डॉक्टर से सलाह लेकर ही डब्बा बंद दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं गायनी वार्ड में भर्ती माताओं के परिजनों ने बताया कि स्तनपान को लेकर मेडिकल छात्रों द्वारा जागरूक किया गया है. स्तनपान जच्चा और बच्चा दोनों के लिए बेहद जरूरी है. इससे दोनों भविष्य में सुरक्षित रहते हैं. दोनों एक दूसरे लाभान्वित होते हैं.
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