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प्रयागराज के राजीव का अनूठा अभियान; अब तक किया 102 बार रक्तदान, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान - World Blood Donation Day 2024

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 14, 2024, 1:55 PM IST

संगम नगरी प्रयागराज के राजीव मिश्रा (Blood donor Rajiv Mishra) 102 बार रक्तदान कर चुके हैं. राजीव मिश्रा शतकवीर रक्तदाता हैं जो दूसरों के लिए मिसाल बन गए हैं. अब राजीव ने देश के अलग अलग प्रान्तों में जाकर रक्तदान करने के साथ ही दूसरे लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं.

BLOOD DONOR RAJIV MISHRA
BLOOD DONOR RAJIV MISHRA (Photo Credit-Etv Bharat)

विशेषज्ञ से जानें रक्तदान का महत्व. (Video Credit-Etv Bharat)

प्रयागराज : रक्तदान दिवस 14 जून मनाया जाता है, लेकिन प्रयागराज के राजीव मिश्रा के लिए यह तारीख मायने नहीं रखती. 102 बार रक्तदान कर चुके राजीव मिश्रा देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर रक्तदान करने के साथ ही अन्य लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं. राजीव के इस जुनून के लिए यूपी, एमपी, नागालैंड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र समेत 18 राज्यों में सम्मानित किया जा चुका है. जानिए क्या है इस पीछे की वजह...

भाई की मौत के बाद शुरू किया रक्तदान अभियान

27 साल पहले ऑपरेशन के दौरान खून न मिलने की वजह से राजीव मिश्रा के भाई की मौत हो गई थी. इसके बाद से राजीव मिश्रा ने रक्तदान करने और जागरूकता फैलाने की ठान ली. अबतक राजीव मिश्रा ने 102 बार रक्तदान करने का रिकॉर्ड कायम कर लिया है. राजीव मिश्रा का कहना है कि अपने भाई को खोने के बाद उन्होंने तय किया कि किसी और की जान खून की कमी से न जाए इसलिए रक्तदान करना शुरू कर दिया. पहले अकेले पहल की. इसके बाद रक्तदान शिविर के माध्यम से अन्य लोगों को जोड़ना शुरू किया. राजीव मिश्रा ने बताया कि रक्तदान के प्रति जागरूकता के लिए उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश भर में 57 हजार किलोमीटर की यात्रा भी की है.

सीएम और राज्यपाल से मिला है सम्मान : राजीव मिश्रा के इस समर्पण को जानने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने सम्मानित किया था. इसके अलावा यूपी, एमपी, नागालैंड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र समेत 18 राज्यों में सम्मानित किया जा चुका है. राजीव नेपाल में भी रक्तदान कर चुके हैं और नेपाल सरकार की तरफ से भी सम्मानित किया गया था. नेपाल में ही उन्हें कनाडा की ब्रॉम्टन यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी जा चुकी है. राजीव के मुताबिक देश में हर साल तकरीबन 20 हजार लोग समय पर खून नहीं मिलने से मौत के मुंह मे चले जाते हैं. इसलिए लोगों को रक्तदान करने के प्रति जागरूक होना चाहिए.

रक्तदान से नहीं होता कोई नुकसान : प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल की सीनियर डॉ. अनुभा श्रीवास्तव के अनुसार 18 साल की उम्र से कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है. रक्तदान करने से किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं होता है. रक्तदान करने से शरीर स्वस्थ रहता है. एक व्यक्ति हर साल में चार बार तक रक्तदान कर सकता है. किसी भी बीमारी से ग्रसित लोगों को रक्तदान नहीं करना चाहिए. एक यूनिट ब्लड से चार लोगों की जिंदगी सुरक्षित की जा सकती है. रक्तदान से शरीर पर किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट या नुकसान नहीं होता है. डॉ. अनुभा श्रीवास्तव के मुताबिक विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर हॉस्पिटल में रक्तदान कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : World Blood Donor Day: जिला सैनिक कल्याण बोर्ड की अनोखी पहल, रक्तदाताओं को गिफ्ट के तौर पर दिए गए हेलमेट

यह भी पढ़ें : World Blood Donation Day 2023 : हृदयाघात, कोलेस्ट्रॉल का खतरा कम करता है रक्तदान, जानें फायदे

विशेषज्ञ से जानें रक्तदान का महत्व. (Video Credit-Etv Bharat)

प्रयागराज : रक्तदान दिवस 14 जून मनाया जाता है, लेकिन प्रयागराज के राजीव मिश्रा के लिए यह तारीख मायने नहीं रखती. 102 बार रक्तदान कर चुके राजीव मिश्रा देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर रक्तदान करने के साथ ही अन्य लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं. राजीव के इस जुनून के लिए यूपी, एमपी, नागालैंड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र समेत 18 राज्यों में सम्मानित किया जा चुका है. जानिए क्या है इस पीछे की वजह...

भाई की मौत के बाद शुरू किया रक्तदान अभियान

27 साल पहले ऑपरेशन के दौरान खून न मिलने की वजह से राजीव मिश्रा के भाई की मौत हो गई थी. इसके बाद से राजीव मिश्रा ने रक्तदान करने और जागरूकता फैलाने की ठान ली. अबतक राजीव मिश्रा ने 102 बार रक्तदान करने का रिकॉर्ड कायम कर लिया है. राजीव मिश्रा का कहना है कि अपने भाई को खोने के बाद उन्होंने तय किया कि किसी और की जान खून की कमी से न जाए इसलिए रक्तदान करना शुरू कर दिया. पहले अकेले पहल की. इसके बाद रक्तदान शिविर के माध्यम से अन्य लोगों को जोड़ना शुरू किया. राजीव मिश्रा ने बताया कि रक्तदान के प्रति जागरूकता के लिए उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश भर में 57 हजार किलोमीटर की यात्रा भी की है.

सीएम और राज्यपाल से मिला है सम्मान : राजीव मिश्रा के इस समर्पण को जानने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने सम्मानित किया था. इसके अलावा यूपी, एमपी, नागालैंड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र समेत 18 राज्यों में सम्मानित किया जा चुका है. राजीव नेपाल में भी रक्तदान कर चुके हैं और नेपाल सरकार की तरफ से भी सम्मानित किया गया था. नेपाल में ही उन्हें कनाडा की ब्रॉम्टन यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी जा चुकी है. राजीव के मुताबिक देश में हर साल तकरीबन 20 हजार लोग समय पर खून नहीं मिलने से मौत के मुंह मे चले जाते हैं. इसलिए लोगों को रक्तदान करने के प्रति जागरूक होना चाहिए.

रक्तदान से नहीं होता कोई नुकसान : प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल की सीनियर डॉ. अनुभा श्रीवास्तव के अनुसार 18 साल की उम्र से कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है. रक्तदान करने से किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं होता है. रक्तदान करने से शरीर स्वस्थ रहता है. एक व्यक्ति हर साल में चार बार तक रक्तदान कर सकता है. किसी भी बीमारी से ग्रसित लोगों को रक्तदान नहीं करना चाहिए. एक यूनिट ब्लड से चार लोगों की जिंदगी सुरक्षित की जा सकती है. रक्तदान से शरीर पर किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट या नुकसान नहीं होता है. डॉ. अनुभा श्रीवास्तव के मुताबिक विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर हॉस्पिटल में रक्तदान कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

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