रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के दो दर्जन से अधिक गांवों को केदारनाथ हाईवे से जोड़ने को लेकर मंदाकिनी नदी में बनाए जा रहे मोटरपुल का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है. बरसात के समय निर्माणदायी कंपनी को पचास लाख का नुकसान होने पर शासन को रिवाइज स्टीमेट भेजा गया है. जिसकी स्वीकृति अब तक नहीं मिली है. धनराशि मिलने के बाद मोटरमार्ग का निर्माण कार्य अगस्त 2025 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य कंपनी ने रखा है.
वर्ष 2019-2020 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत हाट-बष्टी मोटरमार्ग को जोड़ने के लिए मंदाकिनी नदी पर 100 मीटर लंबे स्पान पुल का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया. जिसके बाद वर्ष 2021 में भारत सरकार की ओर से 29.01 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली. यह मोटरपुल हाट बष्टी मोटरमार्ग से गौरीकुंड हाईवे पर मंदाकिनी नदी के ऊपर बनाया जा रहा है. पुल का टेंडर निर्माणदायी कंपनी ब्रिज एंड रूफ कंपनी नई दिल्ली को निर्माण के साथ पांच वर्ष के रख-रखाव के लिए दिया गया है. निर्माणदायी संस्था ने मार्च 2022 से पुल निर्माण कार्य शुरू किया. जिसके बाद निर्माणदायी संस्था ने पुल के दोनों एप्रोज मार्ग एवं फाउंडेशन कार्य नब्बे प्रतिशत पूरा कर दिया है. इसके अलावा दोनों छोरों से पुल को जोड़ने का कार्य लगभग पन्द्रह प्रतिशत हुआ है.
बरसात के दौरान कंपनी को लगभग पचास लाख का नुकसान का अनुमान भी है. ऐसे में बजट पूरा न होने से निर्माणदायी संस्था ने रिवाइज प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए शासन को भेजा है। हालांकि अभी स्वीकृति नहीं मिल सकी है। रिवाइज एस्टीमेट को स्वीकृति मिलते ही अगस्त 2025 तक पुल निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा. पुल निर्माण से केदारघाटी क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव आपस में लिंक हो जायेंगे. साथ ही कई गांवों की अतिरिक्त दूरी भी घट जाएगी.