हजारीबागः जिले में एक बार फिर मतांतरण कराने का मामला प्रकाश में आया है. इस बार ईचाक थाना क्षेत्र की महिलाओं ने मतांतरण कराने का आरोप लगाते हुए थाने में आवेदन दिया है. महिलाओं ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और पुलिस से कार्रवाई करने की मांग की है.
कई महिलाओं का धर्मांतरण करने का आरोप
ईचाक थाना में महिलाओं द्वारा दिए गए आवेदन के अनुसार मतांतरण का खेल ईचाक की बड़काखुर्द पंचायत के मुमारक टोला में चल रहा है. महिलाओं का आरोप है कि गांव के महेश राम की पत्नी आरती देवी, मुंशी राम की पत्नी पूनम देवी सहित कई महिलाओं को पैसा और उनके बच्चों को शिक्षा दिलाने का प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण कराया गया है.
झाड़-फूंक से बीमारी का ठीक करने का दावा
महिलाओं ने थाना प्रभारी को बताया कि झाड़-फूंक के बहाने बीमारी ठीक करने का दावा कर मतांतरण कराया जा रहा है. कई महिलाओं को मतांतरण नहीं करने पर बीमारी होने की बात कही जा रही है. पुलिस से शिकायत करने वाली महिलाओं ने मतांतरण कराने वाली महिलाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है.
शिकायत करने वाली महिलाओं में ये हैं शामिल
थाना में आवेदन देने वालसी महिलाओं में मुमारक गांव की रेखा देवी, वीणा देवी, किरण देवी, मंगीया देवी, ललिता देवी, इंद्रू राम, चंद्रदेव प्रसाद मेहता, जागेश्वर राम, उमा देवी, वीणा देवी आदि शामिल हैं.
विश्वास दिलाने के लिए होती है गवाही
थाना पहुंची महिलाओं ने पुलिस को बताया कि दो महिलाएं अपने घर में शुक्रवार और रविवार को झाड़-फूंक करती हैं. ग्रामीणों को आपस में लड़ा देती हैं और प्रार्थना करने पर सबकुछ ठीक कर देने का भी दावा करती हैं. पुलिस से शिकायत करने वाली महिलाओं ने बताया कि झाड़-फूंक के दौरान महिलाओं के बीच में अपना आदमी बैठाकर गवाही करायी जाती है, ताकि लोगों को विश्वास हो जाए कि झाड़-फूंक से बिना ऑपरेशन के बीमारी ठीक हो जाती है.
महिलाओं को चर्च लेकर आने का बनाया जा रहा दबाव
इस संबंध में पुलिस से शिकायत करनेवाली मंगीया और वीणा देवी ने बताया कि उन्हें हर माह पांच हजार रुपये देने का लालच देकर इलाके की महिलाओं को जुटाने और फिर चर्च लेकर आने का दबाव बनाया जा रहा है.
28 जुलाई को बड़काखुर्द में हुई थी महापंचायत
महिलाओं ने बताया कि ईचाक में धर्मांतरण के खिलाफ बड़काखुर्द गांव में 28 जुलाई को महापंचायत भी हुई थी. पंचायत में बड़काखुर्द में मतांतरण का काम कराने वाली गीता देवी और उसके पति सुरेंद्र प्रसाद मेहता को चेतावनी जारी की थी.
पहले भी सत्संग के नाम पर कराया जा रहा था धर्मांतरण
आरोप था कि गीता देवी और उसका पति सुरेंद्र प्रसाद मेहता प्रत्येक रविवार को अपने आवास पर सत्संग के नाम पर बरकत खुर्द की महिलाओं और पुरुषों को पैसे और चमत्कार का झांसा देकर धर्मांतरण करवा रहे हैं. महापंचातय के बाद पति-पत्नी ने सहर्ष स्वीकार करते हुए इसे बंद करने की बात कही थी. इसके बाद से बड़काखुर्द में धर्मांतरण रुक गया, लेकिन मुमारक गांव में धर्मांतरण चालू है.
मामले में होगी कार्रवाई-डीएसपी
इस संबंध में हजारीबाग मुख्यालय डीएसपी नीरज ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. इस बाबत अगर आवेदन दिया जाता है तो कार्रवाई होगी. थाना प्रभारी से इस बाबत बात कर जानकारी प्राप्त कर लेता हूं.
हजारीबाग में बड़े पैमाने पर कराया जा रहा मतांतरण
ईचाक के ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार बड़े पैमाने पर मतांतरण का खेल चल रहा है. दारु और कटकमसांडी में फिलहाल मतांतरण पर तो अंकुश लग गया है, लेकिन ईचाक में मतांतरण का खेल बड़े पैमाने पर जारी है. मतांतरण की जद में बरकाखुर्द गांव, चंदा गांव, डुमरौन गांव, नावाडीह गांव, पुनई बिरहोर टोला आदि गांव हैं.
ये भी पढ़ें-
कोडरमा में प्रार्थना सभा के नाम पर धर्म परिवर्तन, ग्रामीणों ने धर्मांतरण के खेल का किया भंडाफोड़