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पानी की भीषण समस्या से परेशान महिलाएं बर्तन लेकर सड़कों पर उतरीं, बोलीं- पानी नहीं तो वोट नहीं - Women protest for water

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 25, 2024, 9:16 AM IST

दुमका में पानी की भीषण समस्या से परेशान महिलाएं बर्तन लेकर सड़कों पर उतर आईं. उन्होंने कहा कि प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि तक कोई भी उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देता है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समाधान नहीं निकला तो वह लोकसभा चुनाव में वोट नहीं करेंगी.

Women protest for water
Women protest for water
महिलाएं बर्तन लेकर सड़कों पर उतरीं

दुमका: कहते हैं पानी बिन सब सून. यही कारण रहा कि झारखंड की उपराजधानी दुमका के सदर प्रखंड के पुराना दुमका पंचायत के ग्रामीण पानी की समस्या से परेशान होकर बर्तन लेकर सड़कों पर उतर आये. समस्या से जूझ रही महिलाओं का कहना है कि इस भीषण गर्मी में हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अगर प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो हम आने वाले लोकसभा चुनाव में वोट नहीं देंगे.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, दुमका जिले के सदर प्रखंड के पुरानी दुमका पंचायत के मोरटंगा रोड के केवटपाड़ा इलाके में पानी की गंभीर समस्या है. इससे निराश होकर महिलाएं बर्तन लेकर सड़क पर उतर आईं. उनका कहना है कि इस इलाके में सिर्फ एक हैंडपंप है और वह भी करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है. वहां से पानी लाकर हमें गुजारा करना पड़ रहा है. जबकि हमारे घर के सामने से हिजला जलापूर्ति पाइपलाइन गुजरी है, लेकिन इसका लाभ हमें नहीं मिला.

इन महिलाओं का कहना है कि वे पानी की समस्या को लेकर पिछले छह माह से समाहरणालय का चक्कर लगा रही हैं. स्थानीय मुखिया से भी कई बार मुलाकात की. हमारी समस्या पर न तो प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही कोई जनप्रतिनिधि. इस भीषण गर्मी में हमें पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

पानी नहीं मिला तो नहीं देंगे वोट

इन महिलाओं का कहना है कि पानी लाने में हमारा काफी समय बर्बाद हो जाता है. जिसका असर हमारी दिनचर्या पर पड़ता है. वह कहती हैं कि अगर प्रशासन और जन प्रतिनिधि हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो हम भी आगामी लोकसभा चुनाव में वोट देने नहीं जायेंगे.

क्या कहते हैं मुखिया?

इस मामले पर हमने पुराना दुमका पंचायत के मुखिया रवींद्र बास्की से बात की. उन्होंने यह भी माना कि महिलाओं की समस्या बेहद गंभीर है. मुखिया ने कहा कि इस क्षेत्र से जलापूर्ति योजनाओं की दो पाइपलाइन गुजरी है, लेकिन पेयजल विभाग की लापरवाही के कारण यह क्षेत्र जलापूर्ति से वंचित रह गया है.

उन्होंने कहा कि हमने भी इन ग्रामीणों के लिए काफी प्रयास किया लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. मुखिया रवीन्द्र बास्की कहते हैं कि अब हमने सोचा है कि इस समस्या से संबंधित लोगों के आवेदन को सीधे प्रधानमंत्री तक भेजेंगे, क्योंकि निचले स्तर पर हम थक गये हैं.

क्या कहते हैं उप विकास आयुक्त?

पुरानी दुमका पंचायत के ग्रामीणों की इस समस्या को लेकर हमने जिले के उप विकास आयुक्त अभिजीत सिंह से फोन पर बात की. उन्होंने कहा कि मैं इस मामले को तुरंत देखूंगा. सबसे बेहतर प्रयास किये जायेंगे.

यह भी पढ़ें: पानी के लिए मौत से खेल रही हैं महिलाएं! मौत के मुहाने से भर कर लाती हैं पानी - Water Problem In Dhanbad

यह भी पढ़ें: पानी को तरस रहे है चौवाटांड के ग्रामीण, नल जल योजना हुआ बेकार - Water crisis in Bokaro

यह भी पढ़ें: जमशेदपुर के डिमना बस्ती में पानी के लिए हाहाकार, लोगों ने मंत्री और जिला प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी - Water crisis in Jamshedpur

महिलाएं बर्तन लेकर सड़कों पर उतरीं

दुमका: कहते हैं पानी बिन सब सून. यही कारण रहा कि झारखंड की उपराजधानी दुमका के सदर प्रखंड के पुराना दुमका पंचायत के ग्रामीण पानी की समस्या से परेशान होकर बर्तन लेकर सड़कों पर उतर आये. समस्या से जूझ रही महिलाओं का कहना है कि इस भीषण गर्मी में हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अगर प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो हम आने वाले लोकसभा चुनाव में वोट नहीं देंगे.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, दुमका जिले के सदर प्रखंड के पुरानी दुमका पंचायत के मोरटंगा रोड के केवटपाड़ा इलाके में पानी की गंभीर समस्या है. इससे निराश होकर महिलाएं बर्तन लेकर सड़क पर उतर आईं. उनका कहना है कि इस इलाके में सिर्फ एक हैंडपंप है और वह भी करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है. वहां से पानी लाकर हमें गुजारा करना पड़ रहा है. जबकि हमारे घर के सामने से हिजला जलापूर्ति पाइपलाइन गुजरी है, लेकिन इसका लाभ हमें नहीं मिला.

इन महिलाओं का कहना है कि वे पानी की समस्या को लेकर पिछले छह माह से समाहरणालय का चक्कर लगा रही हैं. स्थानीय मुखिया से भी कई बार मुलाकात की. हमारी समस्या पर न तो प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही कोई जनप्रतिनिधि. इस भीषण गर्मी में हमें पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

पानी नहीं मिला तो नहीं देंगे वोट

इन महिलाओं का कहना है कि पानी लाने में हमारा काफी समय बर्बाद हो जाता है. जिसका असर हमारी दिनचर्या पर पड़ता है. वह कहती हैं कि अगर प्रशासन और जन प्रतिनिधि हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो हम भी आगामी लोकसभा चुनाव में वोट देने नहीं जायेंगे.

क्या कहते हैं मुखिया?

इस मामले पर हमने पुराना दुमका पंचायत के मुखिया रवींद्र बास्की से बात की. उन्होंने यह भी माना कि महिलाओं की समस्या बेहद गंभीर है. मुखिया ने कहा कि इस क्षेत्र से जलापूर्ति योजनाओं की दो पाइपलाइन गुजरी है, लेकिन पेयजल विभाग की लापरवाही के कारण यह क्षेत्र जलापूर्ति से वंचित रह गया है.

उन्होंने कहा कि हमने भी इन ग्रामीणों के लिए काफी प्रयास किया लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. मुखिया रवीन्द्र बास्की कहते हैं कि अब हमने सोचा है कि इस समस्या से संबंधित लोगों के आवेदन को सीधे प्रधानमंत्री तक भेजेंगे, क्योंकि निचले स्तर पर हम थक गये हैं.

क्या कहते हैं उप विकास आयुक्त?

पुरानी दुमका पंचायत के ग्रामीणों की इस समस्या को लेकर हमने जिले के उप विकास आयुक्त अभिजीत सिंह से फोन पर बात की. उन्होंने कहा कि मैं इस मामले को तुरंत देखूंगा. सबसे बेहतर प्रयास किये जायेंगे.

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