पटना: आज देश में पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष के पास सुबह से पूजा कर रही हैं. पटना के अलग-अलग इलाकों में वट वृक्ष के नीचे सुहागिन महिलाओं की भीड़ देखने को मिली. कुर्जी मोर के पास स्थित सबसे पुराने बरगद के पेड़ के पास में सैकड़ो सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र, सुख और शांति की कामना करती नजर आईं.
वट वृक्ष क्यों है खास?: धर्म शास्त्रों के अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश विराजमान है, इस लिए आज दिन खास तौर पर उनकी पूजा की जाती है. आज जेठ माह की पूर्णिमा अमावस्या को सुहागिन महिलाएं व्रत कर रही हैं. ज्योति कुमारी ने बताया कि वट सावित्री पूजा का मतलब है कि यह अपने वर के लिए रखा जाता है. पति की उम्र लंबी हो, उस आने वाली कोई मुसीबत हो तो भगवान उसकी रक्षा करें.
"पति हमसे बेहद प्यार करें प्यार के साथ जीवन सुख में बीते. यहां से पूजा अर्चना करने के बाद घर पर जाकर पति का पैर छूकर आशीर्वाद लूंगी. पति को जल और प्रसाद दूंगी फिर मान्यता के अनुसार पति को पंखे से हवा करूंगी, पति खुश रहेंगे तो यह पूजा सफल होगी."- ज्योति कुमारी, वट सावित्री व्रती
कैसे होती है पूजा: मिंता देवी ने कहा कि यह पति की लंबी उम्र के लिए पूजा की जाती है. सुहागिन महिलाएं अपने पति के साथ-साथ सुहागिन रहने का आशीर्वाद भगवान से मांगती है. जब तक वो जिंदा हैं, तब तक सुहागन रहे, यही कामना रहती है. सुबह में स्नान करके वट वृक्ष के नीचे वो आईं, जहां उन्होंने फूल, अक्षत, चंदन पान के पत्ते से पूजा की है. उसके बाद दीपक जलाएं और 21 बार परिक्रमा की. वहीं लोग अपने अनुसार परिक्रमा कर सकते हैं.
इस से जुड़ी है कई मान्यता: पंडित राकेश मिश्रा ने बताया कि वट सावित्री का महत्व सुहागिन महिलाओं से जुड़ा हुआ है. सुहागिन महिला पति के दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं. आज के ही दिन सत्यवान के प्राण की सावित्री ने यमराज से रक्षा की थी. सदियों से सत्यवान और सावित्री से यह व्रत जुड़ा हुआ है. एक पति की लंबी उम्र, संकट की घड़ी में पत्नी अपने पति का कैसे साथ देती है, ऐसी कई मान्यता इस व्रत से जुड़ी हुई है.
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